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Suicide Cases in Latehar: लोगों में क्यों बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृति, जानिए डॉक्टर्स क्या बताते हैं इसकी वजह

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Published : Jun 2, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Jun 2, 2023, 6:57 PM IST

आत्महत्या, खुद को खत्म कर लेना ही हर समस्या का हल नहीं होता. लेकिन लातेहार में आत्महत्या की घटना जिस प्रकार बढ़ रही है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ी है और पिछले तीन महीने में 20 से ज्यादा लोगों ने मौत को गले लगा लिया. आखिर इसके पीछे वजह क्या है, डॉक्टर्स और मनोचिकित्सक क्या कहते हैं, जानिए इस रिपोर्ट से.

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जानकारी देते मनोचिकित्सक

लातेहारः जिले में इन दिनों आत्महत्याओं के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. आत्महत्या करने वाले लोगों में 40 वर्ष से कम उम्र के लोग ज्यादा है. लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना चिंता का विषय बन गया है. हालांकि मनोविज्ञान से संबंधित चिकित्सकों का मानना है कि तनाव के कारण इस प्रकार की घटना अक्सर होती है.

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जिला के आंकड़े हैं भयावहः लातेहार जिले में पिछले 3 माह के अंतराल में 20 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली. जिले में अप्रैल माह में 10 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की. मई महीने में भी जिले के विभिन्न प्रखंडों में आत्महत्या की घटना घटती रही. सरकारी रिकॉर्ड में ही 8 से अधिक मामले आत्महत्या के दर्ज हैं. जून महीने के आरंभ होते ही एक साथ पति पत्नी ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोगों में 40 वर्ष से कम उम्र के लोग ही शामिल हैं. आंकड़ा तो सिर्फ वे आंकड़े हैं जो सरकारी स्तर पर दर्ज हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार ऐसा भी होता है कि आत्महत्या के बाद भी मामला पुलिस तक पहुंच भी नहीं पाता. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं की संख्या काफी अधिक होती है. इधर लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना के कारण समाज के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया है.

तनाव के कारण बढ़ रही आत्महत्या की घटनाः इस संबंध में लातेहार सदर अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉक्टर श्रवण महतो ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि तनाव के कारण आत्महत्याओं की घटना में वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि युवा विभिन्न प्रकार के तनाव से गुजरते हैं. यह तनाव शिक्षा, रोजगार या किसी अन्य क्षेत्र से भी संबंधित हो सकता है. तनाव के कारण लोगों के समक्ष आत्महत्या की मानसिकता प्रबल होने लगती है और लोग आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अभिभावक भी बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं. युवाओं की रुचि किस क्षेत्र में है, यह जाने बिना अभिभावक उन्हें जबरन अपने मन मुताबिक क्षेत्र में जाने का दबाव बनाने लगते हैं. जिस कारण युवा तनाव में आ जाते हैं और आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेते हैं. इसके अलावा रोजगार में सफलता नहीं मिलने के कारण भी युवा तनाव में आ जाते हैं. कई बार पारिवारिक कलह के कारण भी तनाव पैदा हो जाती है और तनावग्रस्त व्यक्ति आत्मघाती कदम उठा लेता है. इसके अलावा भी कई अन्य कारण है जो लोगों को तनावग्रस्त बना देता है.

हमेशा सकारात्मक सोचें, भरपूर नींद लेंः मनोचिकित्सक डॉक्टर श्रवण महतो का कहना है कि जब भी मन में इस प्रकार के बुरे ख्याल आने लगे तो सकारात्मक बातों की ओर अपना ध्यान ले जाने का प्रयास करें. अपने प्रिय लोगों से बातचीत कर अपने तनाव को साझा करें. भरपूर नींद लें, मनपसंद और स्वादिष्ट भोजन करें. इससे तनाव काफी हद तक कम होता है और मन में आने वाले आत्महत्या जैसे बुरे ख्यालों का प्रभाव भी कम होता है. उन्होंने कहा कि अगर मन में इस प्रकार की भावना प्रबल होने लगे तो मनोवैज्ञानिकों से भी संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए.

पूर्व डीसी ने शुरू की थी काउंसलिंगः जिले में बढ़ रहे लगातार आत्महत्या पर रोक लगाने को लेकर पूर्व उपायुक्त अबु इमरान ने जिले में युवाओं के बीच काउंसलिंग का अभियान आरंभ किया था. इस काउंसलिंग के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक बातों के प्रति प्रेरित किया जाता था और हमेशा पॉजिटिव सोच रखने के लिए उत्साहित किया जाता था. लेकिन उनके तबादले के बाद काउंसलिंग का कार्य भी पूरी तरह बंद हो गया. वर्तमान में एक बार फिर से जिले में इस प्रकार के काउंसलिंग की जरूरत आन पड़ी है.

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Last Updated : Jun 2, 2023, 6:57 PM IST
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