ETV Bharat / state

कोडरमा: कोरोना काल में 108 एंबुलेंस सेवा बना वरदान, दिन रात ड्यूटी कर रहे चालक

author img

By

Published : Jul 14, 2020, 8:03 PM IST

झारखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोडरमा में भी लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में एंबुलेंस कर्मी योद्धाओं की तरह मैदान में डटे हुए हैं. एंबुलेंस चालक दिन रात खुद को सुरक्षित रखते हुए मरीजों की सेवा करने में जुटे हुए हैं.

108 ambulance service became boon during Corona period in koderma
108 एंबुलेंस बना वरदान

कोडरमा: कोरोना काल में 108 एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हो रहा है. जिले में तीन 108 एंबुलेंस और 12 एंबुलेंस कर्मी पूरी तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए समर्पित हैं. कोरोना संक्रमितों के इतने करीब होने के बावजूद एंबुलेंस चालक और उनके सहयोगी कोविड-19 नियमों का पालन कर खुद को संक्रमण के खतरे से बचा रहे हैं और लोगों की दिन रात मदद कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

एंबुलेंस कर्मी बरतते हैं सावधानी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 108 एंबुलेंस का परिचालन से लोगों को काफी मदद मिल रही है. कम से कम समय में कोरोना संक्रमितों को इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती करने की बात हो, या फिर गंभीर संक्रमित मरीजों को कोडरमा से रिम्स पहुंचाने की बात हो, 108 एंबुलेंस हर समय कोरोना मरीजों की सेवा में 24 घंटे तत्पर है. वैश्विक महामारी के बीच कोरोना पॉजेटिव मरीजों को कोविड अस्पतालों तक पहुचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 108 एंबुलेंस कर्मी कोरोना संक्रमितों के सबसे ज्यादा करीब होने के बावजूद खुद को संक्रमण के खतरे से दूर रखे हैं. 108 एंबुलेंस ड्राइवर राजू कांत ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन कर खुद को संक्रमण से महफूज रख पाते हैं.

एंबुलेंस चालक करते हैं पीपीई कीट का इस्तेमाल

वहीं एंबुलेंस चालक सुजीत यादव ने बताया कि जैसे ही उन्हें कोरोना संक्रमितों को लाने की सूचना मिलती है वे पूरी तैयारी के साथ पीपीई किट पहनकर मूव करते हैं, साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को कोविड अस्पताल में पहुचाने के बाद वे पीपीई किट को नष्ट कर देते हैं और खुद पूरी बॉडी सेनेटाइज करते हैं, साथ ही एंबुलेंस को भी सेनेटाइज किया जाता है. एम्बुलेंस चालक और कर्मी हमेशा गर्म पानी से स्नान करते हैं और गर्म दूध में हमेशा हल्दी मिलाकर पीते हैं.

इसे भी पढे़ं:- कोडरमा: कोरोना को लेकर झारखंड-बिहार की सीमा पर चौकसी बढ़ी, वाहनों की हो रही चेकिंग

290 मरीजों को रिम्स से लाया गया है कोडरमा
108 एंबुलेंस सेवा के जरिए अब तक 290 मरीजों को रिम्स से लाकर कोडरमा के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 108 एंबुलेंस और 12 कर्मी पूरी तरह से कोरोना संक्रमितों के लिए समर्पित है. जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है वैसे ही खुद को सुरक्षित रखते हुए जिम्मेदारियों का निर्वहन करना और भी अहम हो जाता है. 108 एंबुलेंस कर्मी पूरे लॉकडाउन से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे हैं. कोरोना संक्रमण से अपने परिवार को सुरक्षित रखने के कारण ये एंबुलेंस कर्मी पिछले 3 महीने से अपने घर नहीं गए हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि 108 एम्बुलेंस कर्मी किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं है.

कोडरमा: कोरोना काल में 108 एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हो रहा है. जिले में तीन 108 एंबुलेंस और 12 एंबुलेंस कर्मी पूरी तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए समर्पित हैं. कोरोना संक्रमितों के इतने करीब होने के बावजूद एंबुलेंस चालक और उनके सहयोगी कोविड-19 नियमों का पालन कर खुद को संक्रमण के खतरे से बचा रहे हैं और लोगों की दिन रात मदद कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

एंबुलेंस कर्मी बरतते हैं सावधानी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 108 एंबुलेंस का परिचालन से लोगों को काफी मदद मिल रही है. कम से कम समय में कोरोना संक्रमितों को इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती करने की बात हो, या फिर गंभीर संक्रमित मरीजों को कोडरमा से रिम्स पहुंचाने की बात हो, 108 एंबुलेंस हर समय कोरोना मरीजों की सेवा में 24 घंटे तत्पर है. वैश्विक महामारी के बीच कोरोना पॉजेटिव मरीजों को कोविड अस्पतालों तक पहुचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 108 एंबुलेंस कर्मी कोरोना संक्रमितों के सबसे ज्यादा करीब होने के बावजूद खुद को संक्रमण के खतरे से दूर रखे हैं. 108 एंबुलेंस ड्राइवर राजू कांत ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन कर खुद को संक्रमण से महफूज रख पाते हैं.

एंबुलेंस चालक करते हैं पीपीई कीट का इस्तेमाल

वहीं एंबुलेंस चालक सुजीत यादव ने बताया कि जैसे ही उन्हें कोरोना संक्रमितों को लाने की सूचना मिलती है वे पूरी तैयारी के साथ पीपीई किट पहनकर मूव करते हैं, साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को कोविड अस्पताल में पहुचाने के बाद वे पीपीई किट को नष्ट कर देते हैं और खुद पूरी बॉडी सेनेटाइज करते हैं, साथ ही एंबुलेंस को भी सेनेटाइज किया जाता है. एम्बुलेंस चालक और कर्मी हमेशा गर्म पानी से स्नान करते हैं और गर्म दूध में हमेशा हल्दी मिलाकर पीते हैं.

इसे भी पढे़ं:- कोडरमा: कोरोना को लेकर झारखंड-बिहार की सीमा पर चौकसी बढ़ी, वाहनों की हो रही चेकिंग

290 मरीजों को रिम्स से लाया गया है कोडरमा
108 एंबुलेंस सेवा के जरिए अब तक 290 मरीजों को रिम्स से लाकर कोडरमा के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 108 एंबुलेंस और 12 कर्मी पूरी तरह से कोरोना संक्रमितों के लिए समर्पित है. जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है वैसे ही खुद को सुरक्षित रखते हुए जिम्मेदारियों का निर्वहन करना और भी अहम हो जाता है. 108 एंबुलेंस कर्मी पूरे लॉकडाउन से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे हैं. कोरोना संक्रमण से अपने परिवार को सुरक्षित रखने के कारण ये एंबुलेंस कर्मी पिछले 3 महीने से अपने घर नहीं गए हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि 108 एम्बुलेंस कर्मी किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.