Khunti Latratu Dam: लतरातू डैम के निजीकरण का विरोध, आंदोलन के मूड में आदिवासी और पड़हा समाज

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Published : Jan 17, 2023, 12:38 PM IST

Tribals opposed privatisation of Latratu Dam of Khunti

खूंटी का लतरातू डैम अपनी प्राकृतिक छटा और सौंदर्य के लिए जाना जाता है. इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए खूंटी जिला प्रशासन ने निजी कंपनी को इसके सौंदर्यीकरण का जिम्मा दिया है. जिसका यहां ग्रामीण, आदिवासी और पड़हा समाज डैम के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

खूंटीः जिला का लतरातू डैम इन दिनों चर्चा में है. अपनी प्राकृतिक छटे के लिए मशहूर ये डैम आज निजीकरण को लेकर सुर्खियों में है और ग्रामीणों के बीच आर पार की लड़ाई का मुद्दा बन गया है. इसके पीछे वजह है कि लतरातू डैम के सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दिया गया है, जिसका यहां के आदिवासी समाज विरोध कर रहे हैं.

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लतरातू डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और यहां आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निजी कंपनी को इसका ठेका दिया गया है. जिला प्रशासन की ओर से दिए गए टेंडर का ग्रामीण, पड़हा समाज से लेकर आदिवासी समाज विरोध कर रहे हैं. वो इस निजी टेंडर को रद्द करने और ग्राम सभा को जिम्मेदारी देने की मांग कर रहे हैं. पड़हा समाज लतरातू डैम के निजीकरण के विरोध में आंदोलन की रणनीति बना रहा है.


इससे पहले खूंटी जिला प्रशासन ने पर्यटन स्थलों के विकास और नौका विहार में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए गोवा में नौका विहार का प्रशिक्षण कराया था. इस प्रशिक्षण के बाद लतरातू में पर्यटक कम पैसे में ही नौकायन का आनंद लेते थे. लेकिन बाहरी एजेंसी को टेंडर प्रक्रिया के तहत लतरातू पर्यटन की जिम्मेदारी सौंपने के बाद पर्यटकों की जेब ढीली होने लगी है और प्रशिक्षण लेकर वापस आए युवा बेरोजगार हो गए हैं.

इस पूरे मामले पर अब स्थानीय ग्राम सभा और पड़हा समाज आंदोलन के मूड में हैं. उन्होंने कहा कि जब लतरातू डैम का निर्माण शुरू हुआ तो स्थानीय ग्रामसभा और पड़हा समाज से अनुमति ली गयी थी. जिसमें ये कहा गया था कि यहां के किसानों को धान समेत अन्य साग सब्जियों की खेती के लिए पर्याप्त सिंचाई की सुविधा मिलेगी, पर्यटन का विकास भी होगा, लोगों को रोजगार मिलेगा. इसलिए पर्यटन के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों ने सहयोग किया.

ग्रामीणों को ठेंगा दिखा रहा शासन-प्रशासनः ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जिला प्रशासन पर भरोसा करते हुए लोगों ने कड़ी मेहनत से लतरातू डैम का सौंदर्यीकरण किया. लेकिन अब बाहरी एजेंसी के हाथों लतरातू डैम को बेचकर जिला प्रशासन और वर्तमान सरकार स्थानीय लोगों को ठेंगा दिखा रही है. पड़हा समाज और स्थानीय ग्राम सभा अब इस मसले पर एकजुट होकर शासन प्रशासन का विरोध करने की तैयारी कर रहा है. उनका मानना है स्थानीय लोग जल जंगल जमीन की रक्षा करते हैं लेकिन शासन प्रशासन बाहरी एजेंसियों को बेचकर अपना पेट भरना चाहती है.

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पक्ष और विपक्ष की पसंद, लतरातू डैमः खूंटी जिला का खूबसूरत लतरातू डैम अपने सौंदर्य के लिए चर्चा में हमेशा रहा. लेकिन उस वक्त सबसे ज्यादा इस डैम ने सुर्खियां बटोरीं जब प्रदेश के मुखिया के नेतृत्व में सरकार का पूरा कुनबा लतरातू डैम पहुंचा. यहां अपने प्रवास के दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं ने यहां जम आनंद लिया था. इसके अलावा हाल के दिनों में विपक्ष द्वारा लतरातू डैम में पर्यटन का लुत्फ उठाया. इसके बाद यहां पर्यटकों के लिए पिकनिक स्पॉट बन गया. दिसंबर जनवरी के माह में पर्यटकों ने भी लतरातू में जमकर मस्ती की. लेकिन अब इसको बाहरी एजेंसी के हवाले किए जाने से स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से ये डैम फिर से सुर्खियों में है.

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