खूंटी में आकाशीय बिजली का कहरः ढाई साल में 60 लोगों ने गंवाई जान

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Published : Jul 11, 2022, 1:06 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 1:42 PM IST

due to lack of Lightning rods people died In thunderclap in Khunti

आकाशीय बिजली का कहर से झारखंड का कई जिला प्रभावित है. खूंटी में वज्रपात से मौत का आंकड़ा भयावह है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ग्रामीण इलाकों में तड़ित चालक का अभाव माना जा रहा है. एक बार फिर से बारिश के मौसम में जिला के लोगों को आसमानी कहर का डर सताने लगा है.

खूंटीः नक्सल प्रभावित जिला के ग्रामीणों को अब नक्सलियों से नहीं बल्कि आसमानी कहर से डर लगने लगा है. ढाई वर्ष में आकाशीय बिजली से 60 से अधिक की जान जा चुकी है. जिससे जिला के ग्रामीणों को आसमानी कहर का डर सताने लगा है. खूंटी में वज्रपात से मौत पर भले ही प्रशासन उन्हें मुआवजा दे रही है लेकिन इससे बचाव का कोई व्यवस्था नहीं कर पाई, जिससे ग्रामीण व किसान अब खेतों में जाने से डर रहे हैं. आसमानी कहर से बचाव के लिए ग्रामीण तड़ित चालक लगाने की मांग कर कर रहे है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

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खूंटी जिला के सभी छह प्रखंड कर्रा, तोरपा, खूंटी, मुरहू, रनियां और अड़की में आकाशीय बिजली का कहर लगातार टूटा है, जिससे ये सभी प्रखंड वज्रपात जोन बन गए हैं. सबसे ज्यादा वज्रपात के मामले कर्रा प्रखंड में हैं. जिला के सभी प्रखंड के विभिन्न इलाकों में लगातार मानसून की पहली बारिश के साथ ही वज्रपात की घटना आम हो गयी है. मार्च माह से ही वज्रपात के मामले आने लगते है और बारिश के आखिरी माह सितंबर तक ठनका लोगों के लिए आफत बना रहता है. अक्सर खेत खलिहान में कार्यरत ग्रामीण बारिश के समय ठनके का शिकार होते हैं. कई बार मामले जिला मुख्यालय तक पहुंचते हैं. लेकिन कई बार सूदूरवर्ती जंगल पहाड़ों में वज्रपात से मरने वालों का आंकड़ा भी मुख्यालय नहीं पहुंच पाता. लेकिन खूंटी में वज्रपात से मौत का आंकड़ा काफी भयावह है.

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चरवाहे, स्कूली बच्चे और धान की खेती कर रहे ग्रामीण वज्रपात के लगातार शिकार हो रहे हैं. हाल के दिनों में कच्चाबारी के पास चना बेच रहा एक बच्चा ठनका की चपेट में आया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी, वहीं उसकी मां घायल हो गयी. पिछले वर्ष रांची खूंटी सीमा पर डूंगरा गांव में घर के बाहर बारिश से बच रहे तीन बच्चे ठनका की चपेट में आए. वहीं कई चरवाहे अचानक हुई बारिश के बीच बिजली गिरने से जंगल मे ही दम तोड़ दिया. धान रोपनी के दौरान भी एक ही परिवार के चार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए सिर्फ एक छोटा बच्चा बच गया.

इन मौतों के लिए जिला के ग्रामीण इलाकों में तड़ित चालक का अभाव बताया जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने के लिए टेंडर निकाला गया था और सरकारी विद्यालयों में तड़ित चालक लगाए भी गए. लेकिन तड़ित चालक के बावजूद ग्रामीण ठनका की चपेट में आ रहे हैं इससे कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर क्यों तड़ित चालक के बाद भी ठनका से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिला में सबसे अधिक वज्रपात कर्रा इलाके में होती है और इन क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों एवं कार्यलयों में तड़ित चालक जरूर लगाया गया है लेकिन ज्यादातर खराब है या चोरी हो गया. स्कूल के शिक्षकों को भी नही मालूम कि तड़ित चालक कैसे खराब हो गया, अगर हुआ भी है तो शिकायत ही नहीं की गयी.

मौत का आंकड़ाः वज्रपात से मरने वालों की संख्या सरकारी आकड़ों में 60 से अधिक है. अगर आंकड़ो में देखे तो हाल के दो वर्षों में 12 मार्च 2020 अभि सिंह, मुरहू, 8 सितंबर 2020 नेता मुंडा, मुरहू, 17 सितंबर 2020 दानिएल सांगा, खूंटी, 17 सितंबर 2020 मनसुख सांगा, खूंटी, 12 मार्च 2021 अरविंद गुड़िया, मुरहू, 13 मार्च 2021 हाबिल गुड़िया, मुरहू, 15 अप्रैल 2021 सुनीता कुमारी, अड़की, 2 मई 2021 को मघेया मुंडा, खूंटी, 5 मई 2021 जसमनी देवी, खूंटी, 6 मई 2021 रामदी देवी, मुरहू, 13 मई 2021 बबलू सिंह रनियां, 13 मई 2021 बैजनाथ प्रधान, कर्रा, 20 मई 2021 सोहराई मुंडा, अड़की, 29 मई 2021 सुरसन तोपनो, रनियां, 29 मई 2021 फुलमनी मुंडा, तोरपा, 29 मई 2021 जबन्तो तोपनो, तोरपा, 6 जून 2021 लगनु कुम्हार, तोरपा, 7 जून2022 पुनीता डहंगा, तोरपा, 8 जून 2021 सामुएल भेंगरा, तोरपा, 8 जून 2021 सनिका होरो, कर्रा, 12 जून 2021 लक्ष्मी परधिया, कर्रा, 12 जून 2021 अरविंद नाग, रनियां, 16 जून 2021 अल्बिस भेंगरा, तोरपा, 22 जून 2021 शमशुद्दीन खान, रनियां, 22 जून 2021 सेराज खान, कर्रा, 22 जून 2021 सुमि देवी, खूंटी, 25 जून 2021 जीतू कुजूर, कर्रा, 3 जुलाई 2021 कृपा कुमारी कर्रा, 3 जुलाई 2021 अर्पण मुंडा, कर्रा, 3 जुलाई 2021 करुणा कुमारी, कर्रा, 3 जुलाई 2021 रितिका होरो, कर्रा, 7 जुलाई 2021 उमेश महतो, कर्रा, 13 जुलाई 2021 जेना उरांव, कर्रा, 20 जुलाई 2021 सोमारी डोडराय, रनियां, 11 अगस्त 2021 झुबली उराइन, कर्रा, 9 सितंबर 2021 सोशन्ति बागे, तोरपा, 29 सितम्बर 2021 अरविंद नाग, रनियां, 3 अक्टूबर 2021 मरियम भेंगरा, तोरपा शामिल है.इसके अलावा ज्यादातर मामलों पर जांच की जा रही है, जिसके कारण सरकारी रिकॉर्ड में उन मामलों का जिक्र नहीं है.

Last Updated :Jul 11, 2022, 1:42 PM IST
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