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सरकारी जमीन घोटाला मामले में प्रमंडल आयुक्त का कार्रवाई का आदेश, 5 साल पहले 3 सौ लोगों के बीच बेची गई थी 38 एकड़ जमीन

जामताड़ा में 5 साल पहले के सरकारी जमीन घोटाला मामले में प्रमंडल आयुक्त ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एसडीओ और अपर समाहर्ता को कार्रवाई के बाद रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया गया है.

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सरकारी जमीन घोटाला
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Published : Oct 30, 2021, 11:27 AM IST

जामताड़ा: जिले के मिहिजाम बुवेरिया मौजा में सरकारी जमीन के घोटाला मामले में कार्रवाई का आदेश दिया गया है. करीब 38 एकड़ 12 डिसमिल जमीन को 5 साल पहले भू माफियाओं ने तत्कालीन प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ मिलकर रजिस्ट्री करा लिया था. घोटाले के इतने सालों के बाद भी अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. अब इस मामले में संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त ने एसडीओ जामताड़ा और अपर समाहर्ता को शीघ्र ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- वर्षों से बंद है महिला प्रौद्योगिक महाविद्यालय, महिलाओं को नहीं मिल रहा इसका लाभ

खुलेआम घूम रहे हैं आरोपी

5 साल बीत जाने के बाद भी मिहिजाम बुटबेरिया जमीन घोटाले को लेकर मिहिजाम पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा आरोपी के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की गई है और न ही जमीन पर प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा कोई बोर्ड लगाया गया है. किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है. इतने साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खुलेआम घूमने से कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.

देखें वीडियो

मिहिजाम थाने में दर्ज है मामला

बता दें कि भूमाफियाओं और तत्कालीन पदाधिकारियों पर करीब 3 सौ लोगों के बीच 38 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से बेचने का आरोप लगा था. जिसके बाद वर्ष 2016 में तत्कालीन सीओ, सीआई कर्मचारी, भू माफिया और निबंधन पदाधिकारी के खिलाफ मिहिजाम थाने में मामला दर्ज कराया गया था. एफआईआर में इनके खिलाफ अवैध तरीके से अविक्रियशील जमीन को विक्रयशील बनाकर खरीद बिक्री का आरोप लगाया गया था.

जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला

इस मामले के वरीय अधिवक्ता मोहनलाल वर्मन ने इसे जामताड़ा जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला बताया हैं. उनके मुताबिक भू माफिया और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की मिलीभगत से इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

मिहिजाम में हुए जमीन घोटाले को लेकर बुद्धिजीवी इस पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री की गई थी. इसके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए.

शीघ्र कार्रवाई का निर्देश जारी

संथाल परगना प्रमंडल आयुक्त को इस मामले को लेकर जब अवगत कराया गया तो आयुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए जामताड़ा एसडीओ और अपर समाहर्ता को शीघ्र ही कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और 1 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है.

जामताड़ा: जिले के मिहिजाम बुवेरिया मौजा में सरकारी जमीन के घोटाला मामले में कार्रवाई का आदेश दिया गया है. करीब 38 एकड़ 12 डिसमिल जमीन को 5 साल पहले भू माफियाओं ने तत्कालीन प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ मिलकर रजिस्ट्री करा लिया था. घोटाले के इतने सालों के बाद भी अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. अब इस मामले में संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त ने एसडीओ जामताड़ा और अपर समाहर्ता को शीघ्र ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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खुलेआम घूम रहे हैं आरोपी

5 साल बीत जाने के बाद भी मिहिजाम बुटबेरिया जमीन घोटाले को लेकर मिहिजाम पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा आरोपी के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की गई है और न ही जमीन पर प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा कोई बोर्ड लगाया गया है. किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है. इतने साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खुलेआम घूमने से कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.

देखें वीडियो

मिहिजाम थाने में दर्ज है मामला

बता दें कि भूमाफियाओं और तत्कालीन पदाधिकारियों पर करीब 3 सौ लोगों के बीच 38 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से बेचने का आरोप लगा था. जिसके बाद वर्ष 2016 में तत्कालीन सीओ, सीआई कर्मचारी, भू माफिया और निबंधन पदाधिकारी के खिलाफ मिहिजाम थाने में मामला दर्ज कराया गया था. एफआईआर में इनके खिलाफ अवैध तरीके से अविक्रियशील जमीन को विक्रयशील बनाकर खरीद बिक्री का आरोप लगाया गया था.

जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला

इस मामले के वरीय अधिवक्ता मोहनलाल वर्मन ने इसे जामताड़ा जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला बताया हैं. उनके मुताबिक भू माफिया और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की मिलीभगत से इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

मिहिजाम में हुए जमीन घोटाले को लेकर बुद्धिजीवी इस पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री की गई थी. इसके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए.

शीघ्र कार्रवाई का निर्देश जारी

संथाल परगना प्रमंडल आयुक्त को इस मामले को लेकर जब अवगत कराया गया तो आयुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए जामताड़ा एसडीओ और अपर समाहर्ता को शीघ्र ही कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और 1 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है.

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