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दहेज में 1 लाख रुपए नहीं देने पर पत्नी को जिंदा जलाकर मारा, पति और सास को मिली कालकोठरी

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Published : Jul 31, 2019, 11:38 PM IST

दोषी पति और सास

जामताड़ा कोर्ट ने दहेज के लिए विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में पति और सास को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है. पति को 12 साल तो सास को आठ साल की सजा काटनी होगी.

जामताड़ा: कोर्ट ने बहू को जलाकर मार दिए जाने के मामले में दोषी पाकर भादवि की धारा 304 बी के तहत पति को 12 साल और सास को आठ साल की सजा सुनाई है. मामला 2017 का है. कर्माटांड़ थाना में अभियुक्तों के खिलाफ भादवि की धारा 304 बी के तहत मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें पति और सास के खिलाफ बहू को जलाकर मार दिए जाने का आरोप था.

दहेज हत्या मामले में सजा

दहेज की मांग
मामले के संबंध में बताया गया है कि कर्माटांड़ डुमरिया के रहने वाली दुलारी देवी ने अपनी बेटी बबीता की शादी नारायणपुर थाना के लटैया गांव में दीपक मंडल के साथ की थी. बताया जाता है कि शादी के बाद से ही उसकी बेटी को ससुराल में दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा. दहेज में एक लाख रुपए की मांग की जाने लगी. नहीं देने पर उसे मारने की धमकी दी जाने लगी.

पति और सास दोषी
वहीं, पुलिस ने मामले की जांच पूरी करने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया. न्यायालय ने दोनों पक्षों के द्वारा दिए गए तमाम सबूतों और गवाहों को देखने सुनने के बाद पति और सास को दोषी करार दिया.

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ऊपरी अदालत में अपील करेंगे
इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ बहू को जलाकर मार देने का आरोप था. जिस पर न्यायालय ने दोषी पाकर सजा सुनाई है. वो ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.

Intro:जामताड़ा कोर्ट की एक अदालत ने बहू को जलाकर मार दिए जाने के एक मामले में दोषी पाकर भादवि की धारा 304 बी के तहत पति को 12 साल और सास को 8 साल की सजा सुनाई है।


Body:मामला 2017 का है ।कर्माटांड़ थाना मे अभियुक्तों के खिलाफ भादवि की धारा 304 बी के तहत मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें पति और सास के खिलाफ बहू को जलाकर मार दिए जाने का आरोप था। 31 जुलाई को भरी इजलास में सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई। मामले के संबंध में बताया गया है कि कर्माटाङ डुमरिया के रहने वाली दुलारी देवी ने अपनी बेटी मृतका बबीता की शादी नारायणपुर थाना के लटैया गांव में दीपक मंङल के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दहेज में लेनदेन कर राजी खुशी के साथ की थी । बताया जाता है कि शादी के बाद से ही उसकी बेटी मृतिका को ससुराल में दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा और दहेज में ₹100000 की मांग की जाने लगी । नहीं देने पर उसे मार दिए जाने की धमकी दिया जाने लगा। मृतका की मां ने दहेज में ₹100000 नहीं दिए जाने के कारण उसकी बेटी मृतिका को ससुराल वालों द्वारा जलाकर मार दिए जाने का आरोप लगाई । जिसे लेकर कर्माटाङ थाने में ससुराल वाले के खिलाफ मामला दर्ज कराई ।पुलिस ने मामले का अनुसंधान पूरी करने के पश्चात अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया तत्पश्चात न्यायालय ने दोनों पक्षों के द्वारा दिए गए तमाम सबूतों और गवाहों को देखने सुनने के पश्चात अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा और पति और सास को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोषी पाकर सास को 8 साल और पति को 12 साल की सजा सुनाई है । सजा सुनाए जाने के बाद मृतिका की मां खुशी जाहिर की और कहां है किस से बेटी को न्यायालय द्वारा न्याय मिला है और वह काफी खुश है ।इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ बहू को जलाकर मार देने का आरोप था । जिस पर न्यायालय ने दोषी पाकर सजा सुनाई है । ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।
बाईट दुलारी देवी मृतका की मा
बाईट अनवर अंसारी अधिवक्ता बचाव पक्ष ।


Conclusion:करीब 2 साल बाद इस मामले में न्यायालय का फैसला आया है ।2 साल बाद न्यायालय का फैसला आने पर मृतिका की मां को काफी सुकून मिल रहा है। वहीं मृतिका को न्यायालय से आखिर न्याय मिला ।

संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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