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गुलाम की कारीगरी के मुरीद हैं भगवानः पहनते हैं उन्हीं के सिले कपड़े, जानिए कौन है वो शख्स

हजारीबाग में रामनवमी में भगवान हनुमान का झंडा जिला की शान है. पीढ़ी-दर-पीढ़ी यहां की फिजाओं में लहराने वाला महावीरी पताका कौमी एकता और आपसी सौहार्द का प्रतीक है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, आखिर कौन है ये कारीगार, जो विभिन्न मंदिरों में भगवान का नाप लेकर उनके कपड़े भी सिलता है.

Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
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Published : Apr 7, 2022, 7:01 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 7:28 PM IST

हजारीबागः रामनवमी हिंदुओं का महत्वपूर्ण पर्व है. हिंदू धर्मावलंबी बड़े उत्साह के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म उत्सव मनाते हैं. हजारीबाग में रामनवमी पूरे देश भर विख्यात है. रामनवमी देखने के लिए भी दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं. रामनवमी के दिन हजारीबाग के हर एक घर में पूजा अर्चना करने के बाद हिंदू धर्मावलंबी महावीर पताका लगाते हैं. ऐसा लगता है कि मानो अयोध्या नगरी हजारीबाग में उतर आया हो.

हजारीबाग को अयोध्या नगरी बनाने में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. जो पिछले 3 पीढ़ी से हजारीबाग में भगवान हनुमान का झंडा बना रहे हैं. इनका बनाया हुआ झंडा सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आपसी सौहार्द का मिसाल पेश करता है. हजारीबाग के बड़ा बाजार में वीर वस्त्रालय पिछले तीन पीढ़ी से हनुमान झंडा बना रहा है. उनके इस व्यवसाय में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. गुलाम जिलानी भी तीन पीढ़ियों से उनके साथ जुड़े हुए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रामनवमी नजदीक आते ही महावीरी झंडों की बाजार में मांग बढ़ जाती है. लेकिन वीर वस्त्रालय रामनवमी समाप्त होने के बाद से ही आने वाले साल के लिए झंडा बनाने का काम शुरू कर देता है. इनके यहां सिलाई मशीन कभी रुकता ही नहीं है. दुकान के प्रोपराइटर देवेंद्र जैन कहते हैं कि कोरोना के कारण 2 साल से झंडा का कारोबार अच्छा नहीं चला. लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं में तिगुने उत्साह के साथ झंडा खरीद रहे हैं. वो पिछली 3 पीढ़ी से हजारीबाग समेत पूरे राज्य के लिए झंडा बनाते हैं. यहां का झंडा अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, स्विजरलैंड समेत कई देशों में आर्डर के अनुसार पार्सल किया जाता है.

सालों भर धार्मिक झंडा बनाने वाले देवेंद्र जैन बताते हैं कि सिर्फ हम हनुमान झंडा ही नहीं बल्कि मुस्लिम और पंजाबी समाज के लिए भी झंडा बनाते हैं. इसके अलावा तिरंगा झंडा, सरना झंडा, चुनाव में झंडा बनाने का काम सालों भर चलता रहता है. उनका कहना है कि हमारे इस व्यवसाय में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. जो बड़े ही प्यार और शिद्दत से झंडा बनाते हैं उनकी दुकान हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है. इस छोटे से दुकान में समाज का हर तबका झंडा लेने के लिए पहुंचता है.

Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
महावीरी पताका को अंतिम रूप देते कारीगर


इस बार इनके दुकान में हजारीबाग का सबसे बड़ा महावीर झंडा बनाया जा रहा है. जिसकी ऊंचाई लगभग 40 फीट है. जिसमें 80 मीटर कपड़ा का उपयोग किया गया है. पूरे झंडे में लेस लगाया जा रहा है ताकि झंडा आकर्षक और टिकाऊ रहे. इसे बनाने का काम स्वयं गुलाम जिलानी कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस झंडे को बनाने में लगभग 3 से 4 दिन लग जाएगा और इसे लगाने के लिए भी काफी मेहनत करना होगा. इतना बड़ा झंडा 40 साल की उम्र में वो दूसरी बार बना रहे हैं. पहला झंडा दूसरे जिला का था और इस बार 40 फीट का झंडा हजारीबाग के एक राम भक्तों ने आर्डर दिया है.


वीर वस्त्रालय झंडा खरीदने के लिए ग्राहक भी दूरदराज से पहुंचते हैं. उनका कहना है कि वो जब इनके यहां से झंडा लेते हैं तो बड़ा ही संतुष्टि और खुशी मिलती है. झंडा का व्यापार काफी दिनों से कर रहे हैं. इस कारण भी इनके यहां के झंडा की मांग काफी दूर-दूर तक है. ग्राहक यह भी बताते हैं कि जहां बाजार में झंडा महंगे दामों में मिलता है इनके यहां किफायती दर में भी मिल जाता है. गुलाम जिलानी बताते हैं कि झंडा बनाने में उन्हें बेहद खुशी होती है. वर्तमान समय में रात के दो से तीन बजे तक झंडा बनाते हैं. पहले उनके पिता झंडा बनाते थे अब वो 30 साल से झंडा बना रहे हैं. वो अपने बेटे को भी झंडा बनाने का हुनर सिखाया है.

Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
भगवान हनुमान का झंडा सिलते गुलाम जिलानी



यही नहीं गुलाम जिलानी भगवान के कपड़े का नाप भी अपने हाथों से ले लेते हैं और भगवान के कपड़े का सिलाई भी खुद करते हैं. उनका कहना है कि हिंदू मुस्लिम सब सिर्फ कहने की बात है. हजारीबाग आपसी एकता सौहार्द का मिसाल पूरे देश भर में देता है. वो बड़े खुशी के साथ भगवान का कपड़ा और झंडा बनाते हैं. जब हमारा कपड़ा बनाया हुआ भगवान पहनते हैं तो पूरी थकान खत्म हो जाता है और सुकून मिलता है.

हजारीबागः रामनवमी हिंदुओं का महत्वपूर्ण पर्व है. हिंदू धर्मावलंबी बड़े उत्साह के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म उत्सव मनाते हैं. हजारीबाग में रामनवमी पूरे देश भर विख्यात है. रामनवमी देखने के लिए भी दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं. रामनवमी के दिन हजारीबाग के हर एक घर में पूजा अर्चना करने के बाद हिंदू धर्मावलंबी महावीर पताका लगाते हैं. ऐसा लगता है कि मानो अयोध्या नगरी हजारीबाग में उतर आया हो.

हजारीबाग को अयोध्या नगरी बनाने में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. जो पिछले 3 पीढ़ी से हजारीबाग में भगवान हनुमान का झंडा बना रहे हैं. इनका बनाया हुआ झंडा सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आपसी सौहार्द का मिसाल पेश करता है. हजारीबाग के बड़ा बाजार में वीर वस्त्रालय पिछले तीन पीढ़ी से हनुमान झंडा बना रहा है. उनके इस व्यवसाय में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. गुलाम जिलानी भी तीन पीढ़ियों से उनके साथ जुड़े हुए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रामनवमी नजदीक आते ही महावीरी झंडों की बाजार में मांग बढ़ जाती है. लेकिन वीर वस्त्रालय रामनवमी समाप्त होने के बाद से ही आने वाले साल के लिए झंडा बनाने का काम शुरू कर देता है. इनके यहां सिलाई मशीन कभी रुकता ही नहीं है. दुकान के प्रोपराइटर देवेंद्र जैन कहते हैं कि कोरोना के कारण 2 साल से झंडा का कारोबार अच्छा नहीं चला. लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं में तिगुने उत्साह के साथ झंडा खरीद रहे हैं. वो पिछली 3 पीढ़ी से हजारीबाग समेत पूरे राज्य के लिए झंडा बनाते हैं. यहां का झंडा अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, स्विजरलैंड समेत कई देशों में आर्डर के अनुसार पार्सल किया जाता है.

सालों भर धार्मिक झंडा बनाने वाले देवेंद्र जैन बताते हैं कि सिर्फ हम हनुमान झंडा ही नहीं बल्कि मुस्लिम और पंजाबी समाज के लिए भी झंडा बनाते हैं. इसके अलावा तिरंगा झंडा, सरना झंडा, चुनाव में झंडा बनाने का काम सालों भर चलता रहता है. उनका कहना है कि हमारे इस व्यवसाय में गुलाम जिलानी का महत्वपूर्ण योगदान है. जो बड़े ही प्यार और शिद्दत से झंडा बनाते हैं उनकी दुकान हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है. इस छोटे से दुकान में समाज का हर तबका झंडा लेने के लिए पहुंचता है.

Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
महावीरी पताका को अंतिम रूप देते कारीगर


इस बार इनके दुकान में हजारीबाग का सबसे बड़ा महावीर झंडा बनाया जा रहा है. जिसकी ऊंचाई लगभग 40 फीट है. जिसमें 80 मीटर कपड़ा का उपयोग किया गया है. पूरे झंडे में लेस लगाया जा रहा है ताकि झंडा आकर्षक और टिकाऊ रहे. इसे बनाने का काम स्वयं गुलाम जिलानी कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस झंडे को बनाने में लगभग 3 से 4 दिन लग जाएगा और इसे लगाने के लिए भी काफी मेहनत करना होगा. इतना बड़ा झंडा 40 साल की उम्र में वो दूसरी बार बना रहे हैं. पहला झंडा दूसरे जिला का था और इस बार 40 फीट का झंडा हजारीबाग के एक राम भक्तों ने आर्डर दिया है.


वीर वस्त्रालय झंडा खरीदने के लिए ग्राहक भी दूरदराज से पहुंचते हैं. उनका कहना है कि वो जब इनके यहां से झंडा लेते हैं तो बड़ा ही संतुष्टि और खुशी मिलती है. झंडा का व्यापार काफी दिनों से कर रहे हैं. इस कारण भी इनके यहां के झंडा की मांग काफी दूर-दूर तक है. ग्राहक यह भी बताते हैं कि जहां बाजार में झंडा महंगे दामों में मिलता है इनके यहां किफायती दर में भी मिल जाता है. गुलाम जिलानी बताते हैं कि झंडा बनाने में उन्हें बेहद खुशी होती है. वर्तमान समय में रात के दो से तीन बजे तक झंडा बनाते हैं. पहले उनके पिता झंडा बनाते थे अब वो 30 साल से झंडा बना रहे हैं. वो अपने बेटे को भी झंडा बनाने का हुनर सिखाया है.

Tailor Ghulam Jilani makes Lord Hanuman flag on Ram Navami in Hazaribag
भगवान हनुमान का झंडा सिलते गुलाम जिलानी



यही नहीं गुलाम जिलानी भगवान के कपड़े का नाप भी अपने हाथों से ले लेते हैं और भगवान के कपड़े का सिलाई भी खुद करते हैं. उनका कहना है कि हिंदू मुस्लिम सब सिर्फ कहने की बात है. हजारीबाग आपसी एकता सौहार्द का मिसाल पूरे देश भर में देता है. वो बड़े खुशी के साथ भगवान का कपड़ा और झंडा बनाते हैं. जब हमारा कपड़ा बनाया हुआ भगवान पहनते हैं तो पूरी थकान खत्म हो जाता है और सुकून मिलता है.

Last Updated : Apr 7, 2022, 7:28 PM IST
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