हजारीबागः विनोबा भावे विश्वविद्यालय में तीसरे दिन भी प्रशासनिक भवन में तालाबंदी रही. झारखंड मुक्ति मोर्चा छात्र संघ पिछले 3 दिनों से 10 सूत्री मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. आज प्रशासनिक भवन में तालाबंदी होने के कारण सीनेट की बैठक रद्द कर दी गई. यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रही थी जिसमें शिक्षकों का पदोन्नति समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा होनी थी.
हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में तीसरे दिन भी आज प्रशासनिक भवन में तालाबंदी रही. तालाबंदी होने के कारण विश्वविद्यालय की प्रस्तावित सीनेट विशेष बैठक रद्द कर दी गई.
इस बाबत कुलसचिव द्वारा एक पत्राचार किया गया, जिसमें कारण का जिक्र नहीं करते हुए अपरिहार्य कारणों का उल्लेख किया गया है.
यह बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण बताई जा रही थी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा होनी थी, जिसमें शिक्षकों की पदोन्नति ,होस्टल निर्माण, छात्र हित से जुड़े कई अन्य मुद्दे भी शामिल थे.
तालाबंदी होने के कारण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने कहा था कि बहुत सारे कार्य हम लोगों के प्रभावित हो रहे हैं. कई ऐसे छात्र भी हैं जिन्हें सर्टिफिकेट लेने के लिए आना था. उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है.
ऐसे में छात्र संघ को आंदोलन वापस लेना चाहिए था. उन्होंने कहा था कि 10 सूत्री जो मांग दी गईं हैं वह कहीं से भी जायज नहीं है. कई ऐसी मांग हैं जिन्हें पहले ही पूरा किया जा चुका है और कई मांग अभी पूरा करने के लिए कार्ययोजना भी बनाई जा रही है .इसके बावजूद छात्र संघ अपनी मनमानी विश्वविद्यालय में कर रहा है
झारखंड मुक्ति मोर्चा छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि 10 सूत्री मांग जिसके लिए डेढ़ माह पहले विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा आश्वासन दिया गया था पूरी नहीं की गईं.
इस कारण हम लोग विवश होकर तालाबंदी की हैं. 10 सूत्री मांग में इंजीनियरिंग और b.ed कॉलेज में शिक्षकों की भर्ती, प्लेसमेंट एजेंसी का ना आना, पेयजल -शौचालय की उचित व्यवस्था, सीसीटीवी और वाईफाई जैसे मांग हैं.
तीसरे दिन भी संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष चंदन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होगी हम लोग ताला नहीं खोलेंगे. काम में क्षति हो रही है उसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रबंधन है.