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Navratri 2023: कालीबाड़ी पूजा महासमिति ने बनाया अनोखा पूजा पंडाल, दर्शायी जा रही महिला सशक्तिकरण की झलक

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 22, 2023, 5:27 PM IST

Women Empowerment in Hazaribagh Puja Pandal
Women Empowerment in Hazaribagh Puja Pandal

हजारीबाग में कालीबाड़ी पूजा समिति द्वारा बने पंडाल में महिला सशक्तिकरण को दर्शाया गया है. पंडाल में देश दुनिया में नाम कमाने वाली महिलाओं के साथ ही समाज के उस रूप को भी दिखाया गया, जहां महिलाओं को पिंजरे में कैद रखा जाता है. Glimpse of Women Empowerment in Hazaribag Puja Pandal

कालीबाड़ी पूजा महासमिति ने बनाया अनोखा पूजा पंडाल

हजारीबाग: दुर्गा पूजा को लेकर लोगों की आस्था, उल्लास और उत्साह परवान पर है. हजारीबाग जिले में एक से बढ़कर एक आकर्षक पंडाल बनाए गए हैं. कोई मंदिर तो कोई शीश महल तो किसी ने चंद्रयान की थीम पर पूजा पंडाल बनाया गया है. लेकिन इन सबसे अलग हजारीबाग के कालीबाड़ी के सामने कालीबाड़ी पूजा समिति पंडाल में महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया गया है.

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इस पूजा पंडाल में महिला सशक्तिकरण की झलक दिख रही है. यहां उन महिलाओं को पंडाल में जगह दी गई है, जिन्होंने देश का नाम विभिन्न क्षेत्रों में रोशन किया है. इस पूजा पंडाल में मां दुर्गा की तस्वीर के साथ देश की पहली प्रख्यात महिला आईपीएस किरण बेदी, लता मंगेशकर, प्रतिभा पाटिल समेत अन्य महिलाओं को पंडाल में दर्शाया गया है. यह बताने की कोशिश की गई कि कैसे इन महिलाओं ने भारत का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है. पंडाल में ही पांच महिलाओं को पिंजरे में कैद दर्शाया गया है कि किस तरह से उनकी खुशी और उमंग को आज के समाज ने कैद कर रखा है. उन्हें खुली फिजा में जीने का अधिकार है.

महिला सशक्तिकरण का बेजोड़ नमूना: आयोजक मंडल भी कहते हैं कि पिछले तीन सालों से अलग-अलग थीम पर पूजा पंडाल बनाया जा रहा है. लेकिन इस बार यह पूरा पूजा पंडाल महिला सशक्तिकरण का बेजोड़ नमूना पेश कर रहा है. इसमें सिर्फ महिलाओं को पिंजरे में कैद ही नहीं, बल्कि उन महिलाओं को भी दर्शाया गया है, जिन्होंने अपने दम पर पूरे विश्व में पहचान बनाई है. उनका कहना है कि समाज को भी महिलाओं का सम्मान करने की जरूरत है. जिस तरह से महिला हिंसा समाज में बढ़ी है, यह चिंता का विषय है. हर एक अभिभावक और आम जनता को यह समझना होगा कि महिलाएं समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें भी खुले आसमान में जीने का हक है. वह सपना देखती हैं, तो वह पूरा भी होना चाहिए.

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