ETV Bharat / state

डॉक्टर की मेहनत से परिवार वालों को मिला सात महीने से लापता बेटा, मध्यप्रदेश से भटक कर आया था हजारीबाग

author img

By

Published : Jun 20, 2020, 6:55 PM IST

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टर पवन कुमार ने अपने दम पर 7 महीना पहले अपने परिवार से लापता एक युवक को मिला दिया है. युवक मानसिक रूप से कमजोर है. वह मध्यप्रदेश के विदिशा का रहने वाला है, जो किसी तरह हजारीबाग आ गया था. डॉक्टर ने अपनी मेहनत से उसके परिजनों को खोज निकाला और उसका इलाज भी किया. ऐसे में युवक के परिजन डॉक्टर का धन्यवाद करते नहीं थक रहे हैं.

Hazaribag doctor helped family to rescue their lost son
डिजाइन इमेज

हजारीबागः इस भागमभाग जिंदगी में लोग मानवता को पीछे छोड़ दिए हैं और अपनी चाहत की पूर्ति के लिए ना जाने किस रफ्तार से भागे-फिर रहे हैं. लेकिन ईटीवी भारत आपको एक ऐसे डॉक्टर से मिलाने जा रहा है जिन्होंने मानवता का ऐसा परिचय दिया है जो आने वाले समय में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में जाना जाएगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

खोए बेटे को परिवार से मिलवाया

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टर पवन कुमार सह प्राध्यापक के पद पर हैं. जो हजारीबाग में हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाए हैं. इन्होंने अपने दम पर 7 महीना पहले अपने परिवार से लापता एक युवक को मिला दिया है. दरअसल युवक मानसिक रूप से कमजोर है. ऐसे में वह अपने घर से 7 महीने पहले लापता हो गया. पीड़ित परिजनों ने उसकी सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन को भी दी. लेकिन पुलिस प्रशासन पिता को उसके बेटे से मुलाकात नहीं करा पाई. वह युवक किसी तरह हजारीबाग पहुंचा. उसके दोनों हाथ में काफी चोट लगी थी और हड्डी भी टूट चुकी थी. ऐसे में उसका इलाज हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था. 12 जून को उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और 15 जून को डॉक्टर पवन वार्ड राउंड में उसे देखने को पहुंचे. उसने किसी तरह अपनी पहचान बताई कि वह मध्य प्रदेश विदिशा के गंदबासौदा गांव का रहने वाला है. ऐसे में डॉक्टर पवन में पुलिस से मदद लेनी चाहिए लेकिन उन्हें भरपूर मदद नहीं मिल पाया. उन्होंने अपने दोस्त जो विदिशा में ही सेवा दे रहा था उसे बताया और उनके दोस्त ने भर्ती मरीज के परिजन को खोज निकाला. मरीज के परिजन को खोजने के लिए डॉक्टर पवन के मित्र ने 40 किलोमीटर दूर गांव गए, उनसे बात कर आया. ऐसे में अब डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने अपना दायित्व पूरा किया है. मानवता हर व्यक्ति के दिल में रहना चाहिए तभी सब मानव है.

और पढें- सर्वदलीय बैठक के बाद बोले प्रधानमंत्री - हमारी पोस्ट पर किसी का कब्जा नहीं

हर किसी को सीख लेने की जरूरत

मरीज के परिजन डॉक्टर पवन को शुक्रिया करते थक नहीं रहे हैं. उनका भी कहना है कि वह काफी गरीब हैं ऐसे में विदिशा से हजारीबाग आने के लिए पैसा भी नहीं था. कुछ लोगों से पैसा इंतजाम किया गया और हजारीबाग पहुंचे हैं. उनके बच्चे को डॉक्टरों ने जिस तरह से इलाज किया है वे उनका अब कायल हो गए हैं. उनका कहना है कि लावारिस मरीज का इलाज ऐसा शायद ही कोई डॉक्टर करता. लेकिन डॉक्टरों ने मानवता का परिचय दिया है. वहीं डॉक्टर ने उन्हें हजारीबाग से घर जाने के लिए भी आर्थिक मदद भी किया. हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर पवन कुमार जो पटना से एमबीबीएस और भोपाल से एमएस किए हैं. उन्होंने मानवता का जो परिचय दिया है वह काबिले तारीफ है. ऐसे डॉक्टरों से समाज के हर एक तबके को सीख लेने की जरूरत है.

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.