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Gumla News: गुमला को रागी हब बनाने की तैयारी में प्रशासन, 30 हजार एकड़ भूमि में रखा गया रागी की खेती का लक्ष्य

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Published : May 16, 2023, 10:19 PM IST

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Ragi Cultivation Is Being Promoted In Gumla

गुमला में रागी की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ रहा है. इस वर्ष हजारों किसानों ने रागी की खेती करने की इच्छा जतायी है. वहीं प्रशासन किसानों के बीच निःशुल्क रागी बीज का वितरण करने की तैयारी में है.

गुमलाः उपायुक्त सुशांत गौरव की पहल पर गुमला में वर्ष 2022 से शुरू हुई रागी क्रांति से जिले की तस्वीर बदल रही है. पहले जिले के किसान ना के बराबर रागी को खेती करते थे, लेकिन अब लगभग 26 हजार से भी अधिक किसानों ने रागी की खेती से जुड़ने के लिए आवेदन दिया है. जिले में रागी मिशन के तहत एक तीर से दो निशाना साधा जा रहा है. एक तरफ रागी की खेती से किसानों को जोड़ा जा रहा है, वहीं रागी से कुपोषण को मिटाने का भी प्रयास किया जा रहा है. पिछले वर्ष के रागी उत्पादन की सफलता को देखते हुए इस वर्ष भी रागी की खेती व्यापक पैमाने पर कराने के लिए योजना तैयार की गई है.

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26355 किसानों ने जतायी है रागी की खेती करने के इच्छाः जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि गुमला जिले के 12 प्रखंडों में रागी की खेती कराने की योजना है. इस योजना में जेटीडीएस और प्रदान संस्थान भी सहयोग कर रही है. बिशुनपुर प्रखंड के कुल 1782 किसानों ने रागी की खेती करने के लिए आवेदन दिया है. इसी तरह चैनपुर के 2112 किसान, गुमला के 3594 किसान, सिसई के 2065 किसान, कामडारा के 2336 किसान, बसिया के 1953 किसान, भरनों के 2119 किसान, डुमरी के 882 किसान, जारी के 1315 किसान, घाघरा के 2338 किसान, रायडीह के 2428 किसान, पालकोट के 2110 किसानों ने रागी की खेती करने की इच्छा जतायी है.

500 क्विंटल रागी के बीज का किया जाएगा वितरणः जिला प्रशासन द्वारा सभी इच्छुक किसानों के बीच उन्नत किस्म के रागी के बीज का वितरण किया जाएगा. आईसीएआर कर्नाटक से जीपीयू 28 और जीपीयू 67 नस्ल के बीज को किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इस वर्ष आने वाले खरीफ की खेती से पूर्व 20 मई से 25 मई के बीच 500 क्विंटल रागी की बीज का वितरण निःशुल्क प्रखंडों में कर दिया जाएगा.

इस स्थापना दिवस को होगा रागी कैफे का उद्घाटनः रागी की नई वेराइटी भी मार्केट में उतारी जा रही है. पहले लोगों में ये भ्रम था की रागी से केवल आटा ही बन सकता है. इस भ्रम को तोड़ने हुए उपायुक्त ने JSLPS के टीम के सहयोग से रागी से निर्मित दर्जनों नए स्नैक्स को भी मार्केट में लॉन्च किया है. पिछले वर्ष रागी का आटा और रागी का लड्डू लांच किया गया था. वहीं इस वर्ष रागी से निर्मित भजिया, बिस्किट, ठेकुआ, नमकीन जैसे नए प्रोडक्ट को लॉन्च करने की योजना है. उक्त के अलावा रागी के नूडल्स, रागी के केक भी जल्द ही मार्केट में उपलब्ध होंगे. जेएसएलपीएस डीपीएम शालेंद्र जारिका ने बताया कि 18 मई को गुमला जिला के 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुमला जिले को रागी कैफे तोहफा के रूप में दिया जाएगा. जहां रागी से बने विभिन्न प्रकार के उत्पाद लोग खरीद सकेंगे.

रागी के लड्डू के सेवन से लगभग 150 कुपोषित बच्चे हुए स्वस्थः जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने ने बताया कि पिछले छह महीनों से लगातार सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को रागी से निर्मित पौष्टिक लड्डू खिलाया जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप अब तक लगभग 150 कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है.

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