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बदहाल सरकारी अस्पताल, भव्य भवन तो है लेकिन नहीं हैं डॉक्टर

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Published : Jul 9, 2019, 2:30 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 3:55 PM IST

गोड्डा जिले में करोड़ों की लागत वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन साल के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं है. सिर्फ एक ANM के सहारे पूरा अस्पताल चल रहा है. चिकित्सक विहीन अस्पताल में इलाज का सुविधा नहीं होने से लोग परेशान हैं.

स्वास्थ्य केंद्र

गोड्डा: बरसात के आते ही मौसमी बीमारियां शुरू हो जाती हैं. बीमार लोग जब अस्पताल जाते हैं तो वहां भी डॉक्टर नहीं होते हैं. इससे लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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जिला मुख्यालय से10 किमी की दूरी पर बना 6 सहिया वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार है. तीन साल पहले करोड़ों की लागत से इसका भव्य भवन तो बना दिया गया लेकिन आज तक यहां कोई डॉक्टर पदस्थापित नहीं हुआ.


लोगों का कहना है कि पहले तो सालों इस अस्पताल का भवन जर्जर रहा लेकिन जब इस नवीनीकरण हुआ तो लोगों में डॉक्टर को लेकर भी आस जगी. लोगों को उम्मीद थी कि यहां डॉक्टर आएंगे, लेकिन हॉस्पिटल में विभागीय स्तर पर सिर्फ एक ANM की पदस्थापना की गई. वहीं, आउट सोर्सिंग के तहत एक फार्मासिस्ट, कुछ सहयोगी और सफाईकर्मी रख दिए गए. जबकि अधिकारीयों को सबसे जरूरी चिकित्सक का ख्याल भी नहीं आया.

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हलांकि, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत हफ्ते में दो दिन अडाणी फाउंडेशन के डॉक्टर के आने की बात जरुर कही गई है. यहां के फार्मासिस्ट अमित झा ने बताया कि हर दिन 10 से12 लोग आते हैं जिनको सामान्य बीमारी के लिए ही दवा दी जाती है. वहीं, हॉस्पिटल की प्रभारी नर्स भी मानती है कि चिकित्सकों की कमी के कारण मरीज नहीं आना चाहते हैं.

Intro:सामने बारिश का मौसम और अस्पताल में चिकित्सक नही,कैसे होगा इलाज,महज एक anm सहारे सब कुछ


Body:गोड्डा-जिले में स्वास्थ्य विभाग के खस्ताहाल का अनोखा उदाहरण है मुख्यालय से10 किमी की दूरी पर बना छह शय्या वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र।जहा तीन साल पहले करोड़ो की लागत से भब्य भवन तो बना दिया गया लेकिन आज तक किसी चिकित्सक की स्थायी पदस्थापना नही की गई। पहले तो सालो भवन बन कर पड़ा रहा और फिर पिछले साल सितंबर माह में हॉस्पिटल की शुरूआत की गई तो लोगो को लगा कि शायद क्षेत्र की जनता को अब बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो पायेगा।लेकिन आज हॉस्पिटल में महज एक विभागीय स्तर पर ए एन एम की पदस्थापना की गई वही आउट सोर्सिंग के तहत एक फार्मासिस्ट व कुछ सहयोगी व साफसफाई कर्मी रख दिया गया है।जबकि सबसे जरूरी चिकित्सक नही है।उद्घाटन के एक दो दिन गोड्डा से चिकित्सक डॉ नूर आये भी लेकिन फिर सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। हलाकि बैकल्पिक व्यवस्था के तहत सप्ताह में दो दिन निजी अडाणी फाउंडेशन के चिकित्सक कुछ देर लिए आने की बात कही गयी ।सवाल सरकारी हॉस्पिटल का हाल ऐसा क्यों है जहाँ न चिकित्सक और न उपकरण,है तो सिर्फ हॉस्पिटल के नाम पर बड़ी इमारत जो शायद ही लोगो का इलाज कर पाएं। मौके पर मौजूद फार्मासिस्ट अमित झा ने बताया कि प्रतिदिन 10-12 लोग आते है जिनको वे दवा सामान्य बीमारियी के उपलब्ध कराते है वही हॉस्पिटल की प्रभारी नर्स भी मानती है कि चिकित्सको की कमी के कारण मरीज नही आना चाहते है।वही बिभाग के अधिकारी इस बावत पूरे राज्य चिकित्सको की कमी का रोना रोते है।इतना ही नही सामने बारिश का मौसम है ऐसे में कैसे लोगो को बेहतर इलाज मिल पायेगा ये बड़ा सवाल है। bt-प्रभारी नर्स bt-अमित झा-फार्मासिस्ट


Conclusion: aन3
Last Updated : Jul 9, 2019, 3:55 PM IST
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