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गिरिडीह में गांधी जयंती पर खादी ग्रामोद्योग पहुंची केंद्रीय राज्य मंत्री, स्कूली बच्चों संग विधायक ने बापू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 2, 2023, 8:27 PM IST

Gandhi Jayanti in GIridih
मंत्री और विधायक ने किया बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण

गिरिडीह में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. इस दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री खादी ग्रामोद्योग पहुंची. वहीं झामुमो विधायक ने स्कूली बच्चों के साथ राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. Minister Annapurna Devi garlanded statue of Bapu on Gandhi Jayanti.

मंत्री और विधायक ने किया बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण

गिरिडीह: जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती सोमवार को जगह-जगह मनाई गयी. इस दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने अलग-अलग समय पर गांधी चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद खादी ग्रामोद्योग पहुंची.

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ग्रामोद्योग में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री वोकल फॉर लोकल का नारा बुलंद कर रहे हैं. हमारी भी ये कोशिश है कि वोकल फॉर लोकल को मजबूत किया जाए और खादी भंडार के उत्पादों पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाए. बापू का भी खादी उद्योग को मजबूत करने का यही सपना था.

झामुमो कार्यालय में भी मनी जयंती: दूसरी तरफ गांधी चौक पर स्थानीय स्कूली बच्चों संग माल्यार्पण करने के बाद सदर विधायक सुदिव्य कुमार झामुमो जिला कार्यालय पहुंचे. जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, शहीद शेख भिखारी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर उन्होंने माल्यार्पण किया. इस दौरान झामुमो जिलाध्यक्ष सह जिला बीससूत्री क्रियान्वयन समिति के जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.

इस दौरान विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि कोई उन्हें बापू कहता है, तो कोई अहिंसा का पुजारी. राष्ट्रपिता के रूप में आज भी वे दुनिया भर में विख्‍यात हैं. सभी उन्हें अहिंसावादी आचरण और अपनी वचनबद्धता के लिए याद करते हैं. राष्‍ट्रपिता ने अपने जीवन में 16 आदर्शों को खास तवज्जो दी, इनमें से तीन सूत्रों को उन्होंने मुख्यतः लिया. पहला- सामाजिक गंदगी को दूर करने के लिए झाड़ू का सहारा, दूसरा- सामूहिक प्रार्थना को बल देना, जिससे एकजुट होकर व्यक्ति जात-पात और धर्म की बंदिशों को दरकिनार कर प्रार्थना करें. तीसरा- आखिरी रास्ता चरखा. यह आत्मनिर्भरता और एकता का प्रतीक माना जाने लगा.

शेख भिखारी और लाल बहादूर शास्त्री को भी किया नमन: शेख भिखारी के संदर्भ में विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि उनका पूरा जीवन राष्ट्र हित के लिए समर्पित रहा. लाल बहादुर शास्त्री के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी. लेकिन इतनी समझदारी और सादगी से उन्होंने देश के कामकाज को संभाला कि उनका योगदान सराहनीय है.

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