गिरिडीह: जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत टिकोडीह के पास स्थित ब्रह्मडीहा कोल माइंस की एक बार फिर से नीलामी हो चुकी है. इस बार इस कोल ब्लॉक को आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने लिया है. आवंटन मिलने के बाद जल्द ही यहां पर कंपनी कार्य करना शुरू कर सकती है. इसे लेकर कंपनी से जुड़े लोग भी गिरिडीह का भ्रमण कर चुके हैं. इस बीच माइंस की सुरक्षा में जुटे निजी सुरक्षा गार्डों ने बैठक की है और रोजगार की मांग की है.
मो. सबुल की अगुवाई में हुई बैठक में कहा गया कि ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला उजागर होने के बाद जब सीबीआई और ईडी ने कार्रवाई की तो उस वक्त की कंपनी के लोग भाग गए, लेकिन यहां के गार्ड लगातार ड्यूटी करते रहे. 2014 से 2020 का अंतिम महीना चल रहा है और इस दौरान उन्हें मानदेय भी नहीं मिला. अब जब नई कंपनी को उत्पादन का जिम्मा मिला है तो उन्हें रोजगार मिलना चाहिए. गार्डों ने इस मामले को लेकर गिरिडीह के डीसी से मुलाकात करने की भी बात कही है.
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क्या है मामला
ब्रह्मडीहा माइंस (बंगाल कोल) का आवंटन वाजपेयी सरकार में हुआ था. इस ब्लॉक को धनबाद के अग्रवाल बंधु ने लिया था. ब्लॉक का आवंटन होने के बाद यहां उत्पादन शुरू हुआ और लगभग 18 हजार टन कोयला का उत्पादन किया गया था. इसके बाद कैग की रिपोर्ट आई जिसके बाद घोटाले की जांच शुरू हुई. जांच करने सीबीआई की टीम भी पहुंची और स्टॉक को जब्त किया. साल 2014 में कंपनी ने यहां पर कार्यरत 35 से अधिक निजी सुरक्षा गार्डों के जिम्मा पर कोयला का स्टॉक सौंप दिया और कंपनी के सभी कर्मी और पदाधिकारी चले गए. यहां अभी भी 15-16 निजी गार्ड हैं जो कोयला और बंद कार्यालय की देखभाल कर रहे हैं. हालांकि इन गार्डों को आज तक मानदेय नहीं मिला है. अब नया आवंटन हुआ है तो इनकी उम्मीदें भी जग गई है. बैठक में सादाब उर्फ छोटू मास्टर, मो. बसीर अंसारी, बेलाल, मो. शहजाद, मो. शमसुल, लेखो साव, बालेश्वर तुरी, मो. नौशाद, जानकी साव समेत कई गार्ड मौजूद थे.