गिरिडीह: पंचायत चुनाव अब तक शांतिपूर्ण रहा है. अब 27 मई को चौथे चरण का मतदान होना है. चौथे चरण का मतदान जिले के सबसे अधिक उग्रवाद प्रभावित पीरटांड और डुमरी के साथ साथ बगोदर में होना है. पीरटांड व डुमरी का ज्यादातर बूथ अतिसंवेदनशील है. कई बूथ ऐसे इलाके में है जो पूरी तरह नक्सलियों के सेफ जोन हैं. ऐसे में शांतिपूर्ण मतदान करवाना और पोलिंग पार्टी को सुरक्षित लाने ले जाने में पुलिस कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती है. यही कारण है कि पिछले कई दिनों से जिला पुलिस व सीआरपीएफ पारसनाथ के तराईवाले इलाके में लगातार सर्च अभियान चला रही है. हर उस मार्ग को जांचा गया हैं जहां पर नक्सली उत्पात मचा सकते हैं या सुरक्षा बल-पोलिंग पार्टी को क्षति पहुंचा सकते हैं. इसी सर्च अभियान के क्रम में सुरक्षा बलों को केन बम मिला है. बम को माकन चेचरिया के समीप पुलिया के नीचे प्लांट किया गया था. सीआरपीएफ के सर्च अभियान के दौरान केन बम बरामद किया गया है. बताया जाता है कि सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बम को प्लांट किया गया था.
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पोलिंग पार्टी रवाना: दूसरी तरफ इसी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को पोलिंग पार्टी को रवाना किया गया. इस दौरान जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू समेत कई अधिकारी मौजूद थे. कर्मियों को उनके बूथ के क्लस्टर के लिए रवाना किया गया है. यहां से पार्टी बूथ पर जायेंगे.
एक करोड़ के तीन नक्सलियों का है इलाका: जिन तीन प्रखंड़ों में मतदान होना है वह इलाका भाकपा माओवादी के एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, एक करोड़ के विवेक व एक करोड़ के इनामी अनल का है. इस इलाके में ही कुख्यात नक्सली 25 लाख के इनामी अजय महतो का घर है. इसके अलावा कई नक्सली का मकान इसी इलाके में हैं. वहीं कई ऐसे बूथ हैं जो पारसनाथ की तराई और जंगल के बीच है.
DIG कर चुके हैं मीटिंग: क्षेत्र की संवेदनशीलता को अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए उत्तरी छोटानागपुर के डीआईजी नरेंद्र सिंह व सीआरपीएफ के डीआईजी डीके चौधरी को आना पड़ा. डीआईजी ने अधिकारियों को सतर्कता बरतने को लेकर कई निर्देश भी दिए थे.