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कैदी वाहन पर नक्सली हमला करने वाले दो नक्सली को आजीवन करावास, 11 साल बाद आया फैसला

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 31, 2023, 8:27 AM IST

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ग्यारह साल पहले हुए कैदी वाहन पर नक्सली हमला को लेकर अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसमें दो दोषी करार पाए गए हैं. कोर्ट ने उन्हें अजीवन कारावास के साथ एक लाख 19 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है.

गिरिडीह: कैदी वाहन पर हमला करने में शामिल दो नक्सलियों को आदालत ने दोषी करार देते हुए अजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिसके साथ दोनों पर एक लाख 19 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है. इस घटना के ग्यारह साल बाद जिला और अपरव सत्र न्यायाधीश नवम नीरजा आसरी की अदालत ने बुधवार को इस सजा का फैसला सुनाया. जिसमें नक्सली छोटका मरांडी और रूदो यादव शामिल हैं. अदालत ने अलग-अलग धाराओं के तहत उन्हें आजीवन कारावास के साथ दस साल, सात साल, तीन साल और दो साल की कारावास की सजा भी सुनाई है.

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वाहन पर हमला कर आठ साथियों को छुड़ा ले गए थे नक्सली: 09 नवंबर 2012 को अदालत में पेशी के बाद कैदियों को जेल ले जाया जा रहा था. उसी दौरान नक्सलियों ने उनके वाहन पर हमला कर के अपने आठ साथियों को छुड़ा लिया था. जबकि 28 कैदी वाहन से फरार हो गए थे. ये कांड गिरिडीह मंडल कारा और पुलिस लाइन के बीच हुआ था. इस मामले में जिला मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 290/2012 के तहत केस दर्ज कर लिया गया था. जिसके 11 साल बाद अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो नक्सलियों को सजी सुनाई है.

साक्ष्य के अभाव में अब तक 8 आरोपियों की हो चुकी है रिहाई: कैदी वाहन ब्रेक कांड में अब तक अदालत के द्वारा आठ आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा किया जा चुका है. अदालत ने 17 अगस्त 2023 को सुनवाई के दौरान इस कांड के चार आरोपित बबलू सिंह, कीर्तन यादव, गुलजार मियां और बाबूलाल बेसरा को पर्याप्त साक्ष्य के आभाव में रिहा किया था. इसमें कीर्तन यादव कोलकाता के अलीपुर जेल में बंद है. तो बबलू सिंह कोडरमा जेल में बंद हैं. जबकि इस मामले में इसी साल फरवरी में अदालत ने चार आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. इनमें पूर्व विधायक महेंद्र सिंह के हत्याकांड का आरोपी रमेश मंडल, नुनुचंद महतो उर्फ डॉक्टर, मिथलेश मंडल और एक और आरोपी इसराफिल शामिल है.

कैदी वाहन ब्रेक कांड हार्डकोर नक्सली प्रवेश दा को छुड़ाने के लिए किया गया था. हमला जोनल कमांडर चिराग दा के दस्ते ने किया था. अदालत में पेशी के बाद जब कैदी वाहन सभी कैदियों को लेकर वापस जेल की तरफ लौट रही थी, तभी शाम के तकरीबन 5 बजे भीड़ भाड़ वाले इलाके में नक्सलियों ने कैदी वाहन के सामने बम फेंक कर हमला कर दिया था. जिसके बाद नक्सलियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई. इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों के साथ एक कैदी की मौत हो गई थी. हमले के बाद नक्सली अपने साथियों को लेकर फरार हो गए थे.

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