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रेप के आरोपी की जेल में मौत, जांच के लिए मेडिकल टीम गठित

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Published : Oct 29, 2019, 1:59 PM IST

रेप और पोक्सो एक्ट के तहत गढ़वा मंडल कारा में बंद एक कैदी की मौत हो गयी. अधिकारी उसकी मौत की जांच में जुट गए हैं. वहीं, उसके बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है.

कैदी की मौत

गढ़वाः गढ़वा मंडल कारा में बंद एक कैदी की मौत हो गयी. कैदी दिनेश सिंह रंका प्रखण्ड के केदाल गांव का रहने वाला था. दिनेश को कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

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जानकारी के अनुसार कैदी को टीबी की बीमारी थी. सोमवार की रात उसे करीब 10 बजे उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, जेल अधीक्षक साकेत बिहारी सिंह ने बताया कि उस कैदी को 28 नवम्बर 2017 को जेल भेजा गया था. उन्होंने बताया कि कैदी दिनेश टीबी का मरीज था. इस कारण उसे जेल के अस्पताल में रखा जाता था. इलाज के बाद उसकी तबियत ठीक हो गयी थी, लेकिन रात में अचानक उसकी स्थिति बिगड़ गई.

इस बारे में सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने बताया कि कैदी का इलाज शुरू ही किया गया था कि उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. उसकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि दिनेश पहले से ही टीबी का मरीज था.

Intro:गढ़वा। रेप और पोस्को एक्ट के तहत गढ़वा मंडल कारा में बंद एक कैदी की मौत हो गयी। अधिकारी उसकी मौत की जांच में जुट गए हैं। वहीं उसके बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है।


Body:बता दूं कि जिले के रंका प्रखण्ड के केदाल गांव के दिनेश सिंह को बलात्कार और कम उम्र की बच्ची के साथ अमानवीय लैंगिक सम्बन्ध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार की रात्रि करीब 10 बजे उसे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसी दौरान उसे गस्पिन होने लगा और उसकी मौत हो गयी। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर जेल अधीक्षक साकेत बिहारी सिंह ने बताया कि उस कैदी को 28 नवम्बर 2017 को जेल में भेजा गया था। वह यक्ष्मा का मरीज था। इस कारण उसे जेल के अस्पताल में रखा जाता था। इलाज के बाद उसकी तबियत ठीक हो गयी थी। लेकिन रात्रि में अचानक उसकी स्थिति बिगड़ गयी।


Conclusion:इस बारे में सिविल सर्जन डॉ एन के रजक ने कहा कि कैदी का इलाज शुरू ही किया गया था कि उसे गस्पिन होने लगा और उसे बचाया ना जा सका। उन्होंने यह भी कहा कि वह पूर्व से ही यक्ष्मा का मरीज था।
विजुअल
बाइट-डॉ एनके रजक, सिविल सर्जन गढ़वा
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