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जमशेदपुरः MGM पोस्टमार्टम हाउस में सालों से पड़े है विवादस्पद शवों के विसरा, पुलिस प्रशासन बेखबर

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Published : Mar 12, 2019, 9:25 AM IST

जमशेदपुरः MGM पोस्टमार्टम हाउस में सालों से पड़े है विवादस्पद शवों के विसरा

एमजीएम अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में सालों से विवादस्पद शवों के विसरा पड़े हैं. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, वही पोस्टमार्टम विभाग में इसे रखने के लिए जगह की कमी होती जा रही है.

जमशेदपुरः लौहनगरी के एमजीएम अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में विवादस्पद शवों के विसरा पड़े हैं. सालों से इन बोतलों में बंद विसरा को रखने के लिए पोस्टमार्टम विभाग के पास जगह की कमी होती जा रही है. साल 2011 से 2018 तक के विसरा अभी भी पड़े हैं.

जमशेदपुरः MGM पोस्टमार्टम हाउस में सालों से पड़े है विवादस्पद शवों के विसरा

मामले पर पोस्टमार्टम विभाग के विभागाध्यक्ष ललन चौधरी ने बताया कि पुलिस को इसकी जरूरत नहीं हुई है, ये पुलिस का काम है कि ये विसरा यहां से ले जाए. बहुत सारे आत्महत्या जैसे मामलों में केस फाइल हो जाने के बाद केस की जांच सालों तक चलती रहती है जिससे इसे हटाने का काम नहीं हो पाता है. उन्होंने बताया कि जगह की कमी होने से विसरा को रख पाना मुश्किल होता जा रहा है. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य को भी लिखित आवेदन दिया गया है.

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इस संबंध में जब जिला पुलिस सिटी एसपी प्रभात कुमार से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. पुलिस प्रशासन मामले पर गंभीर नहीं दिख रही है. वही मामलें पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम विभाग की मुश्किलें बढ़ गई है.

Intro:एंकर-- लौहनगरी के एमजीएम अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में विवादस्पद शवों के विसरा पड़े हैं.जिला पुलिस इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही ।देखिए एक रिपोर्ट


Body:वीओ1-- यह तस्वीर है लौहनगरी के एमजीएम अस्पताल में पड़े बोतलों में बन्द विसरा की,जिसमें किसी की मौत का राज कैद है।सालों से इन बोतलों में बंद विसरा के लिए पोस्टमार्टम विभाग में जगह भी कम होती जा रही है.वर्ष 2011से लेकर वर्ष 2018 तक के विसरा अभी भी पड़े हैं।इस सम्बंध में पोस्टमार्टम विभाग के विभागाध्यक्ष ललन चौधरी ने बताया इसमें पुलिस को इसकी जरूरत नहीं हुई है,ये पुलिस का ही काम है,यहाँ से विसरा ले जाने का.बहुत सारे आत्महत्या जैसे केस आते हैं.इसमें पुलिस को लगता है केस फाइल हो चुका है,इसलिए नहीं ले जाते हैं,कई केसों में जाँच चलती रहती है।यहाँ अत्यधिक विसरा के लिए व्यापक रूप से व्यवस्था नहीं है।इसके लिए कॉलेज के प्राचार्य को भी लिखित दिया गया है।
क्या होता है विसरा--
बाइट--ललन चौधरी(एमजीएम पोस्टमार्टम के विभागाध्यक्ष)
वीओ2--जिला पुलिस के सिटी एसपी प्रभात कुमार ने इसके बारे में जानकारी देने से मना कर दिया।


Conclusion:बहरहाल पुलिस की कार्यशैली पर ऐसे में सवाल उठना लाजमी है,पुलिस विभाग के पास इन विसरा के रखने के लिए जगह नहीं है।सरकारी तंत्र ऐसा ही है।
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