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जमशेदपुरः स्वच्छ भारत अभियान का सच, 1.55 करोड़ में भी नहीं बन पाया एक शौचालय

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Published : Jul 29, 2019, 9:21 PM IST

केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक देश को शौचमुक्त बनाने के लिए योजनाएं चला रही हैं. प्रधानमंत्री लगातार स्वच्छ भारत निर्माण को लेकर जनता को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन पूर्वी सिंहभूम की हकीकत कुछ और ही है, जबकि यह जिला शौचमुक्त घोषित किया गया है.

शौचालय निर्माण में घोटाला

जमशेदपुरः शहर के पोटका प्रखंड में गरीबों के शौचालय निर्माण के लिए मुखिया के फंड में एक करोड़ 55 लाख 40,000 की सरकारी राशि दी गई थी. इन राशियों का पैसा कहां गया, इसका कोई पता नहीं है. क्योंकि धरातल पर पैसों से कोई काम नहीं दिख रहा है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने शिकायत की थी. जिसके बाद रांची लोकायुक्त के निर्देश पर जांच कराई गई. जांच में जो दोषी पाए गए हैं वो इस प्रकार हैं.
मानपुर पंचायत के मुखिया तरणी सेन सिंह सरदार और उनके पंचायत के विभिन्न संबंधित ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष शंकर दा, पंचायत के मुखिया कांपरा हांसदा, ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष, कौवाली पंचायत की मुखिया सुचित्रा सरदार और ग्राम स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष, जामदा पंचायत की मुखिया सुशील सरदार इन सभी को दोषी पाया गया. इन सभी दोषियों पर उपायुक्त ने मुकदमा दायर करने का निर्देश दिया है.

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एफआई दर्ज होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
पूर्वी सिंहभूम को शौचमुक्त तो घोषित कर दिया गया, लेकिन 11 प्रखंडों में अभी तक 44, 348 शौचालय के लिए आई राशि से अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. 5 पंचायत के मुखिया के ऊपर 1 करोड़ 55 लाख 40,000 की निकासी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन अब तक इन दोषियों पर कोई कर्रवाई नहीं की गई है. शौचालय निर्माण के लिए मुखिया के खाते में पैसे तो जरूर आए लेकिन बिना शौचालय निर्माण के ही सारा पैसा डकार लिया गया. आठ महीने बीत जाने के बाद भी ये सभी मुखिया पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
खुले में शौच से मुक्त की सच्चाई आंकड़ों के अनुसार

  • गोलमुरी 5930
  • मुसाबनी 1208
  • बहरागोड़ा 7870
  • घाटशिला 6334
  • डुमरिया 5879
  • गुड़ाबांधा 2328
  • चाकुलिया 6092
  • घालभूमगढ़ 2651
  • पोटका 3724
  • पटमदा 360
  • बोड़ाम 1072

43 हजार 448 शौचालयों का निर्माण अब तक नहीं हुआ है. आंकड़ों को देखने के बाद अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसकने लगी है.
किस मुखिया पर कितनी राशि गबन करने का आरोप

  • कोवाली की मुखिया सुचित्रा सरदार, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पर 41 लाख 40हजार रुपए.
  • जामदा के मुखिया सुशील सरदार एवं समिति के कोषाध्यक्ष पर 21 लाख 36 हजार रुपए
  • शंकरदा की मुखिया कापरा हांसदा और ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पद 31 लाख 80 हजार रुपए
  • मानपुर की मुखिया तरनीसेन सिंह सरदार और कोषाध्यक्ष पर 33 लाख 96 हजार रुपए
  • कुलडीह के मुखिया लक्ष्मीचरण सिंह और समिति के कोषाध्यक्ष पर 26 लाख 4 हजार रुपए गबन करने का दोषी पाया गया है.

इन सभी दोषियों के खिलाफ वारंट निकलने के बाद भी मुखिया खुलेआम जिला प्रसाशन को चुनौती दे रहे हैं. आठ महीने बीत जाने के बाद भी मुखिया को जिला पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है.

Intro:एंकर-- स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत पोटका प्रखंड में शौचालय निर्माण योजना में हुई व्यापक अनियमितता एक करोड़ 55 लाख 40,000 घोटाले का मामला सूचना के अधिकार के तहत उजागर हुआ है।एक रिपोर्ट।


Body:वीओ1--जमशेदपुर के पोटका प्रखंड में गरीबों के शौचालय निर्माण के लिए एक करोड़ 55 लाख 40,000 सरकारी राशि डकार गए मुखिया और यह सभी खुलेआम घूम रहे हैं.सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ये कहना है आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो का
लोकायुक्त रांची के निर्देश पर मानपुर पंचायत के मुखिया तरणि सेन सिंह, सरदार एवं उनके पंचायत के विभिन्न संबंधित ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष शंकर दा पंचायत के मुखिया काँपरा हासदा,ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष कौवाली पंचायत के मुखिया सुचित्रा सरदार एवं ग्राम स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष हो जामदा पंचायत के मुखिया सुशील सरदार इन सभी को दोषी पाया गया एवं उपायुक्त के निर्देश पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दायर करने का निर्देश दिया गया है।
पूर्वी सिंहभूम को शौच से मुक्त तो घोषित कर दिया गया लेकिन 11 प्रखंडों में अभी तक 44348 शौचालय के लिए आई राशि से अब तक किसी भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ. 5 पंचायत के मुखिया के ऊपर एक करोड़ 55 लाख 40,000 की निकासी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. लेकिन अब तक इस पर कार्यवाही भी नहीं हुई है शौचालय निर्माण के लिए मुखिया के खाते में पैसे तो भेज दिए गए लेकिन बिना शौचालय निर्माण किए हुए पैसे खत्म भी हो गए।आठ महीने बीत जाने के बाद भी ये सभी मुखिया अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
बाइट--दिनेश महतो(आरटीआई कार्यकर्ता)
खुले में शौच से मुक्त की सच्चाई आंकड़ों के अनुसार:--
1.गोलमुरी 5930
2.मुसाबनी 1208
3.बहरागोड़ा 7870
4.घाटशिला 6334
5.डुमरिया 5879
6.गुड़ाबांधा। 2328
7.चाकुलिया। 6092
8.घालभूमगढ़। 2651
9.पोटका। 3724
10.पटमदा। 360
11.बोड़ाम। 1072
कुल 43 हज़ार 448 शौचालयों का निर्माण अब तक नहीं हुआ है।हालांकि इन सभी मुद्दों पर अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिशकने लगी.
किस मुखिया पर कितनी राशि गबन का आरोप--
1. कोवाली की मुखिया सुचित्रा सरदार, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पर 41 लाख ₹40हज़ार रुपए.
2.जामदा के मुखिया सुशील सरदार एवं समिति के कोषाध्यक्ष पर 21 लाख ₹36हज़ार रुपए
3.शंकरदा की मुखिया कापरा हांसदा एवं ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पद 31 लाख ₹80 हज़ार रुपए
4. मानपुर की मुखिया तरनिसेन सिंह सरदार एवं कोषाध्यक्ष पर 33 लाख 96 हज़ार रुपए
5.कुलडीह के मुखिया लक्ष्मीचरण सिंह एवं समिति के कोषाध्यक्ष पर ₹26 लाख4 हज़ार रुपए.जिला प्रसाशन के अनुसार राशि के गबन के आरोप में जाँच करने पर मुखिया को दोषी पाया गया है.वारंट निकलने के बाद भी मुखिया खुलेआम जिला प्रसाशन को चुनौती दे रहे हैं.आठ महीने बीत जाने के बाद भी मुखिया को जिला पुलिस पकड़ नहीं पाई है।
बाइट--अनूप बिरथरे(एसएसपी पूर्वी सिंगभूम)


Conclusion:सरकारी योजनाओं पर पर्दा डाला जा रहा है.गरीबों के लिए शौचालय निर्माण की बात तो कही जाती है.उच्चे पद पर आसीन लोग इसे पूरा नहीं होने देते हैं. इनके लिए सरकारी फण्ड का अर्थ अपने घर की दीवारों को मजबूत करना है।
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