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परीक्षा की तैयारी के दौरान डरें नहीं बल्कि डटे रहें, नौकरी के लिए नहीं बल्कि सफल व्यक्तित्व के लिए पढ़ें

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Published : Feb 6, 2020, 9:45 PM IST

Principal and Councellor Nidhi Srivastava gave tips to students and parents
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मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर चलाए जा रहे सीरीज टिप्स बनाए टॉप में आज सलाह देने के लिए हमारे साथ है प्राचार्य और काउंसलर निधि श्रीवास्तव. सुनिए क्या टिप्स दिए हैं उन्होंने छात्रों और अभिभावकों के लिए.

जमशेदपुर: ईटीवी भारत की टिप्स बनाए टॉप के आज की कड़ी में हमारे संवाददाता पहुचें है पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर शहर जहां हमने बात की प्राचार्य और काउंसलर निधि श्रीवास्तव से, जानिए उन्होंने अभिभावकों और छात्रों के लिए क्या टिप्स दिए.

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काउंसलर निधि श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ाई सिर्फ अंक लाने के लिए नहीं बल्कि सीखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए करें. परीक्षा के दौरान बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में परीक्षा के दौरान अभिभावक और बच्चों को कुछ बातों का कुछ ख्याल रखना चाहिए. अभिभावक बच्चों को डराए नहीं बल्कि प्यार से समझाएं.

परीक्षा के समय अभिभावक बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित हो जाते हैं. अभिभावक बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बच्चों पर दबाब बनान शुरू कर देते हैं. ऐसे में शांत मन से बच्चों को धैर्य पूर्वक सिखाएं. अभिभावक बच्चों में परीक्षा को लेकर भय का माहौल नहीं बनाएं, ज्यादातर माता-पिता बच्चों को डराना शुरू कर देते हैं.

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परीक्षा आने वाली है, फेल हो जाओगे तुम लोग नहीं पढ़ रहे हो, ऐसी बातें की जाती है. ऐसी बातों से अच्छा है छात्र को शांति से समझाएं. बच्चों को समझाना चाहिए जिस तरीके से स्कूल की परीक्षा है उस तरीके से यह भी परीक्षा है. फाइनल एग्जाम में सिंपल एक परीक्षा की तरह उनमें एकाग्रता लाने की कोशिश करें.

बच्चों को तनाव लेने नहीं दे, उन्हें सामान्य तौर पर पूरी नींद और संपूर्ण आहार की जरूरत है. परीक्षा के दौरान बच्चे सोना और खाना दोनों छोड़ देते हैं. माता-पिता उचित आहार ध्यान में रखें बच्चे सही तरीके से भोजन लें, परीक्षा को अलग नजरिए से नहीं देखें.

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परीक्षा दिन-प्रतिदिन के जैसा ही एक भाग है, प्रतिदिन पढ़ाई करते रहेंगे तो उनके ऊपर तनाव नहीं आएगा. एक टाइम टेबल बनाकर सालों भर पढ़ाई करें, जिससे परीक्षा के समय स्ट्रेस से बचा जा सकता है.

Intro:एंकर--परीक्षा की तैयारी के दौरान डरे नहीं बल्कि डटे रहें.अभिभावक बच्चों को नौकरी के लिए नहीं बल्कि सफल व्यक्तित्व के लिए पढ़ाएं।


Body:वीओ1-- पढ़ाई सिर्फ अंक लाने के लिए नहीं बल्कि सीखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए करें.परीक्षा के दौरान बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं.ऐसे में परीक्षा के दौरान अभिभावक और बच्चों को कुछ बातों का ख़याल रखना चाहिए.अभिभावक बच्चों को डराए नहीं बल्कि प्यार से समझाएँ.परीक्षा के समय अभिभावक बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित हो जाते हैं.अभिभावक बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बच्चों पर दबाब बनान शुरू कर देते हैं.ऐसे में शांत मन से बच्चों को धैर्य पूर्वक शिखाएँ।
बाइट--निधि श्रीवास्तव(प्राचार्य व काउंसलर)
वी2--माता-- पिता परीक्षा को लेकर भय का माहौल नहीं बनाए, ज्यादातर माता-- पिता बच्चों को डराना शुरू कर देते हैं.परीक्षा आने वाली है ।फेल हो जाओगे तुम लोग नहीं पढ़ रहे हो, ऐसी बातें की जाती है उन लोगों को यह भी समझने की जरूरत है। बच्चों को समझाना चाहिए जिस तरीके से स्कूल की परीक्षा है उस तरीके से यह भी परीक्षा है। फाइनल एग्जाम में सिंपल एक परीक्षा की तरह उनमें एकाग्रता लाने की कोशिश करें बच्चों को तनाव लेने नहीं दे उन्हें सामान्य तौर पर पूरी नींद एवं संपूर्ण आहार की जरूरत है। परीक्षा के दौरान बच्चे सोना और खाना दोनों छोड़ देते हैं. माता-पिता उचित आहार ध्यान में रखें बच्चे सही तरीके से भोजन ले,परीक्षा को अलग नजरिए से नहीं देखें। परीक्षा दिन प्रतिदिन के जैसा ही एक भाग है,प्रतिदिन पढ़ाई करते रहेंगे तो उनके ऊपर तनाव नहीं आएगा एक टाइम टेबल बनाकर सालों भर पढ़ाई करें जिससे परीक्षा के समय स्ट्रेस से बचा जा सकता है।
बाइट--निधि श्रीवास्तव(प्राचार्य व काउंसलर)
वीओ3--परीक्षा देते समय इन बातों का ख्याल रखें 15 मिनट सवाल पढ़ें व उत्तर जाने समय के मुताबिक प्रश्नों को हल करें।
बाइट--निधि श्रीवास्तव(प्राचार्य व काउंसलर)



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