जमशेदपुरः राज्य में साइबर ठगी के बाद रेलवे में भी नौकरी के नाम पर ठगने का मामला सामने आया है. लौहनगरी के साकची थाना क्षेत्र में पुलिस ने रमाकांत तिवारी नाम के ठग को गिरफ्तार किया है. वह खुद को रेलवे पुलिस का बताकर लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रूपया ठगता था.
नौकरी देने का करता था दावा
जानकारी के अनुसार भुक्तभोगी तरसेम सिंह, अनिल सिंह ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया था कि रमाकांत तिवारी गुरुद्वारा बस्ती में रहता है. वह खुद को रेल पुलिस बताता है. वह दावा करता था कि उसकी रेलवे में उच्च अधिकारियों के साथ अच्छी पकड़ है और रेलवे में नौकरी लगा देगा. इस तरह रमाकांत ने लगभग चार से पांच बेरोजगार युवकों को झांसा देकर पैसे ले लिए. शिकायत के मुताबिक तरसीम सिंह से बारह लाख, अनिल सिंह से चालीस हजार और अन्य युवकों से दो लाख ले चुका था. यह मामला वर्ष 2019 की फरवरी से लेकर अप्रैल के बीच का बताया जा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ जब अनिल समेत अन्य की नौकरी नहीं हुई. जब वो वापस रुपए मांगने गए तो रमाकांत टालमटोल करने लगा.
यह भी पढ़ें- राम-लक्ष्मण! के नाम को लेकर रांची में हिंसक झड़प, भीड़ ने घर और टिंबर को किया आग के हवाले, पुलिस ने भांजी लाठियां
पत्नी से जुदाई के बाद बन गया ठग
पुलिस ने रमाकांत को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसने बताया कि वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था. इसलिए पत्नी दो बच्चों को लेकर मायके चली गई. बाद में वह रांची छोड़कर जमशेदपुर में रहने लगा. जमशेदपुर के ही निजी कंपनी में लेबर सप्लाई का काम करने लगा. इस दौरान लोगों से मिलने जुलने में अपनी पहचान एक पुलिस वाले के रूप में बताता था. इसके साथ ही रेलवे में नौकरी दिलाने और फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर लोगों से रुपए लेने का काम शुरू किया. जमशेदपुर पुलिस ने बताया है कि वह साकची गुरुद्वारा स्थित एक मकान में किराएदार के तौर पर रहता था. घर की तलाशी में कोई पहचान पत्र अपराधी के पास से नहीं मिल पाया है.