जमशेदपुर: बढ़ते भ्रष्टाचार, ठप विकास कार्य, पीएम आवास योजना का काम बंद होने, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, बदहाल विधि व्यवस्था, पेयजल संकट, अनियमित बिजली आपूर्ति जैसी जनहित से जुड़ी गंभीर समस्याओं पर भाजपा जमशेदपुर महानगर के कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.
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बढ़ते भ्रष्टाचार पर दर्ज कराया विरोध
जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने आम बागान से जिला उपायुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में पार्टी का झंडा और तख्ती लिए जिले में गिरती कानून व्यवस्था, बढ़ते भ्रष्टाचार पर विरोध दर्ज कराया. जिलाध्यक्ष गुंजन यादव के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त को शहर की ज्वलंत समास्याओं पर ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की.
ज्ञापन में बताया कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार (रघुवर सरकार) की ओर से प्रारंभ की गई जनहित की योजनाओं को बंद करना जन कल्याण के खिलाफ है. वहीं, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र अंतर्गत बिरसानगर और बागुनहातु में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्थानीय निवासियों से बड़ी संख्या में आवेदन आमंत्रित किये गये थे. इसके लिए आवेदकों से निर्धारित राशि की भुगतान ली गई है. महीनों बीत जाने के बाद अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. भाजपा ने पूछा कि व्यापक जनहित की इस योजना को किन परिस्थितियों में स्थगित कर दिया गया है और कब तक परियोजना के इच्छुक लाभुकों को इसका लाभ मिल पाएगा.
गतिविधियों पर लगाई जाए रोक
नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है. इसका दुष्परिणाम शहर की युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है. ऐसे नशीले पदार्थों की बिक्री पर भाजपा ने अबिलंब रोक लगाने की मांग की है. जमशेदपुर के खासमहल की भूमि का अतिक्रमण धड़ल्ले से हो रहा है. ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए. कदमा स्थित शिव मंदिर के बगल में इमामबाड़ा निर्माण के लिए जमीन आवंटन कर शहर के भाईचारा और सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. इस पर रोक लगायी जाए. मोहरदा और बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में आये व्यावधान को शीघ्र खत्म कर जलापूर्ति बहाल की जाए. बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के निर्माण के सिलसिले में परसुडीह क्षेत्र तक क्षतिग्रस्त हुई सड़क की मरम्मत, मानगो क्षेत्र में सड़क जाम से होने वाली यातायात की समस्या का समाधान और गोविंदपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य अविलंब प्रारंभ करने की मांग की गई है.
प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण, पूर्व जिलाध्यक्ष अभय सिंह, देवेंद्र सिंह, महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, जिला महामंत्री राकेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे.
झारखंड सरकार के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
इसके अतिरिक्त भाजपा जमशेदपुर महानगर ने जिला उपायुक्त से मुलाकात कर तत्कालीन मंत्री सरयू राय पर खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले की पत्रिका 'आहार' के प्रकाशन में बड़ी सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाया. इस संबंध में पार्टी ने मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है.
झारखंड सरकार की वित्तीय और कार्यपालिका नियमावली के तहत 1,50,000/- से अधिक की राशि होने पर किसी कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया आवश्यक है. 'आहार' पत्रिका (खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले के विभाग की पत्रिका) के प्रकाशन में इस नियम का घोर उल्लंघन किया गया है. विशेष परिस्थिति में यदि किसी को नामित किया जाता है तो वित्तीय नियमावली के नियम 235 को शिथिल करने के लिए 245 का सहारा लेना पड़ता है. इसमें कैबिनेट और वित्त विभाग समेत अन्य विभागों की भी सहमति जरूरी है. यह पूरी तरह से वित्तीय गबन का मामला है, इसमें ना तो कैबिनेट से और ना ही वित्त विभाग से सहमति ली गयी है. 'आहार' पत्रिका के प्रकाशन, मुद्रण और वितरण में करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि की योजनाबद्ध तरीके से गबन और लूट की गई, जो विभागीय मंत्री की सहमति के बिना संभव नहीं था.
उल्लेखनीय है कि राज्य में संचालित योजनाओं की प्रगति की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए जनसंपर्क विभाग की ओर से मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है, जिसमें सभी विभागों की जानकारियां प्रकाशित होती रही है. इसके बावजूद खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से अपनी विभागीय योजना के प्रचार-प्रसार के लिए नियमों को ताक पर रखते हुए, पत्रिका छपवाई गई. 'आहार' पत्रिका के प्रकाशन का निर्णय करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि की लूट की मंशा से लिया गया.
पत्रिका के प्रिंटर का चयन नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया केवल वार्तालाप के आधार पर प्रिंटर का चयन पूरी मिलीभगत का परिणाम है. पत्रिका में विभाग की योजनाओं की जानकारी से ज्यादा विभागीय मंत्री का गुणगान किया गया है, जबकि कोई भी पत्रिका सरकार की ओर से सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से छपवाया जाता है.
पत्रिका के अनियमित वितरण की खबरें अखबार में छपने पर विभाग की ओर से खानापूर्ति के लिए जांच की गई. जांच में भी अनियमितता के प्रमाण मिले लेकिन प्रिंटर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि उनका नियमित भुगतान किया जाता रहा और अगले साल फिर से अवधि विस्तार कर दिया गया.