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3 महीने से नही हैं दुमका के स्वास्थ्य केंद्र में नेत्र चिकित्सक, मरीजों को इलाज में हो रही तकलीफ

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Published : Aug 7, 2019, 6:40 PM IST

दुमका के एकमात्र नेत्र अस्पताल में पिछले तीन माह से डॉक्टर नहीं है. मरीजों को इलाज कराने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

3 महीनों से नही हैं दुमका के स्वास्थ्य केंद्र में नेत्र चिकित्सक

दुमका: जिले के एक मात्र आंख के अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. हालांकि सूबे का स्वास्थ्य महकमा इससे बा-खबर है.

मरीजों की नहीं हो पाती नेत्र सर्जरी
यहां पर जिन डॉक्टर की पोस्टिंग थी वो अब रिटायर हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी अन्य डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई है. साधारण मरीज का इलाज तो नेत्र सहायक कर देते हैं, लेकिन जिनकी स्थिति थोड़ी गंभीर होती है या फिर जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है, उनका इलाज यहां नहीं हो पाता. नेत्र सहायक उन्हें दूसरे अस्पताल जाने की सलाह देते हैं.

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नेत्र सहायक नहीं कर पाते स्पेशलिस्ट डॉक्टर का काम
इस मुद्दे को लेकर नेत्र सहायक का कहना है कि हम अपनी ड्यूटी पूरी तरह से निभा रहे हैं. हालांकि जो काम स्पेशलिस्ट डॉक्टर का है, वो हम कैसे कर सकते हैं.

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सिविल सर्जन का क्या है कहना
दूसरी ओर, सिविल सर्जन डॉ. अनंत कुमार झा कहाना है कि जो डॉक्टर यहां पदस्थापित रहे उनके रिटायरमेंट के पहले ही उन्होंने विभाग को सूचित कर दिया था. इसके बावजूद अब तक यहां किसी की नियुक्ती नहीं की गई. उन्होंने बताया कि अब इस अस्पताल को दुमका मेडिकल कॉलेज के साथ टैग कर दिया गया है. इसके लिए आई सर्जन की बहाली भी हुई है. जल्द ही अस्पताल में नए चिकित्सक कार्यभार संभालेंगे.

Intro:दुमका -
झारखंड सरकार अपनी जनता के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दुमका के एकमात्र आई हॉस्पिटल में पिछले तीन माह से नेत्र चिकित्सक नहीं है । जो डॉक्टर थे वे इस वर्ष 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए पर अब तक किसी को पोस्टिंग नहीं हुई है । साधारण मरीज का इलाज तो नेत्र सहायक कर देते हैं लेकिन जिनकी स्थिति थोड़ी गंभीर होती है या फिर जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है उनका इलाज यहां नहीं हो पाता । नेत्र सहायक उन्हें दूसरी जगह जाने की सलाह देते हैं ।

क्या कहते हैं मरीज ।
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इधर जरूरतमंद मरीज जब नेत्र अस्पताल पहुंचते हैं औऱ उन्हें पता चलता है कि यहां तो डॉक्टर हैं ही नहीं तो उन्हें निराशा होती है । वे सरकार से इस दिशा में अविलंब पहल की मांग करते हैं ।

बाईंट - दिवाकर चालक,


Body:क्या कहते हैं नेत्र सहायक ।
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इस नेत्र अस्पताल में काम कर रहे नेत्र सहायक कहते हैं कि हम अपनी ड्यूटी पूरी तरह से निभा रहे हैं लेकिन जो काम स्पेशलिस्ट डॉक्टर का है वह हम कैसे करें ।

बाईंट - पी के सिंह , नेत्र सहायक ।

क्या कहते हैं जिले के सिविल सर्जन ।
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इस संबंध में जब हमने दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा से बात की तो उन्होंने कहा कि जो डॉक्टर यहां पदस्थापित थे उनके रिटायरमेंट के पहले ही उन्होंने विभाग को सूचित कर दी थी । लेकिन अब तक यहां किसी की पोस्टिंग नहीं हुई है । सिविल सर्जन ने बताया कि अब इस अस्पताल को दुमका मेडिकल कॉलेज के साथ टैग कर दिया गया है । इसके लिए आई सर्जन की बहाली भी हुई है तो जल्द ही यहां चिकित्सक पहुंच जाएंगे ।

बाईंट - डॉ अनन्त कुमार झा, सिविल सर्जन, दुमका


Conclusion:फाइनल वीओ -
पिछले 3 माह से उपराजधानी के एकमात्र आंख अस्पताल में डॉक्टर नहीं है मरीज परेशान है इसलिए सरकार को जितनी जल्दी हो सके इस समस्या का समाधान करना चाहिए ।
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