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दुमका कल्याण विभाग में कर्मचारियों की कमी, धरातल पर नहीं पहुंच रही सरकारी योजनाएं

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Published : Dec 1, 2021, 2:18 PM IST

दुमका कल्याण विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी है. इस कमी की वजह से सरकार की कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंच पा रही है.

Dumka Welfare Department
दुमका कल्याण विभाग में कर्मचारियों की कमी

दुमकाः जरूरतमंद लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले. इसको लेकर प्रखंड स्तर तक कल्याण विभाग कार्य करता है. लेकिन संथाल परगना प्रमंडल में जिला से लेकर प्रखंड तक संचालित कल्याण विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी है. इससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएं निर्धारित समय सीमा के अनुरूप धरातल पर नहीं उतर पाती हैं.

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अधिकारियों की है काफी कमी

संथाल परगना के कल्याण विभाग में अधिकारियों की काफी कमी है. प्रमंडल स्तर पर क्षेत्रीय उपनिदेशक का पद वर्षों से रिक्त है. क्षेत्रीय उपनिदेशक प्रमंडल के प्रशासनिक कामकाज को पूरा करने के साथ-साथ देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा और दुमका के कार्यालयों की मॉनेटरिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं. वहीं, डिप्टी डायरेक्टर वेलफेयर का पद लगभग तीन वर्षों से रिक्त है. पिछले तीन वर्षों से जिलास्तर के अधिकारी संभाल रहे हैं. वर्तमान में विनय मनीष लकड़ा अतिरिक्त प्रभार में कार्यरत हैं.

क्या कहते हैं जिला कल्याण पदाधिकारी



विशिष्ट पहाड़िया कल्याण पदाधिकारी का पद भी रिक्त
झारखंड सरकार की ओर से आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोगों को विशेष लाभ पहुंचाया जा रहा है. इसको लेकर दुमका में पहाड़िया कल्याण का अलग कार्यालय है. इस कार्यालय के सबसे वरीय पदाधिकारी विशिष्ट पहाड़िया कल्याण अधिकारी होते हैं, जो पिछले चार वर्षों से रिक्त है. वर्तमान में जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद अतिरिक्त प्रभार में हैं.

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नहीं है ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर

कल्याण विभाग का अधिकांश कार्य ग्रामीण क्षेत्र की जनता से जुड़ा होता है. यही कारण है कि सरकार ने प्रखंड स्तर पर ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर का पद सृजित कर रखा है. दुमका में 10 ब्लॉक हैं और इन सभी ब्लॉक में ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर का पद लंबे समय से रिक्त है. इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को समय से सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है.


विद्यालयों में शिक्षकों की कमी

दुमका में कल्याण विभाग की ओर से 17 विद्यालयों को संचालित किया जाता है. यह सभी विद्यालय आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के बच्चों के लिए खोले गए हैं, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक विकास हो सके. लेकिन पहाड़िया समुदाय के बच्चों के लिए खोले गए विद्यालयों में स्वीकृत पद के आधे से भी कम शिक्षक कार्यरत है.

अतिरिक्त प्रभार देकर चलाया जा रहा काम

जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद कहते हैं कि सभी 10 प्रखंडों में कल्याण पदाधिकारी का पद रिक्त है. लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से कल्याण विभाग का काम लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग के विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. इस कमी को घंटी आधारित शिक्षक पूरा कर रहे हैं. इसके साथ ही प्राईमरी स्कूल के शिक्षकों से मध्य विद्यालयों में ड्यूटी ली जा रही है.

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