दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका के लगभग सभी सरकारी विद्यालय में विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. जिले में कुल 2301 सरकारी स्कूलों में सिर्फ 51 स्कूल ऐसे बचे हैं जहां बिजली कनेक्शन नहीं है. मतलब 98% विद्यालय में विद्युतीकरण पूर्ण है. वैसे जिन 51 स्कूलों में बिजली नहीं है, वहां प्रशासन का लक्ष्य है कि तीन माह के अंदर यह काम पूरा कर लिया जाएगा.
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सरैयाहाट प्रखंड के 14 स्कूलों में नहीं लग पाया बिजली कनेक्शनः अगर हम आंकड़ों की बात करें तो दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड के 14 विद्यालय में बिजली कनेक्शन नहीं है. जबकि शिकारीपाड़ा प्रखंड में 11 विद्यालय, जरमुंडी प्रखंड में 07 विद्यालय, रानीश्वर प्रखंड में 06 विद्यालय, दुमका सदर प्रखंड में 04 विद्यालय, मसलिया में 02 विद्यालय, जामा प्रखंड में 01 विद्यालय, रामगढ़ प्रखंड में दो, गोपीकांदर प्रखंड में 02 विद्यालय ऐसे हैं, जहां के बच्चे आज भी विद्युत व्यवस्था से वंचित हैं. एक सुखद तथ्य यह भी है कि दुमका जिले का काठीकुंड प्रखंड जहां लगभग 150 विद्यालय हैं, वहां शत-प्रतिशत विद्यालय में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है.
उर्दू मध्य विद्यालय दुधानी का हालः जिले के जिन 51 सरकारी विद्यालय में आज भी बिजली व्यवस्था नहीं है, बच्चे पंखे और लाइट से वंचित हैं, उनमें से एक विद्यालय दुमका सदर प्रखंड के दुधानी क्षेत्र में स्थित है. उर्दू प्राथमिक विद्यालय दुधानी में विद्युत व्यवस्था नहीं हो पाई. हमने यहां के बच्चों और शिक्षकों से जाना कि उन्हें क्या परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में पंखे की आवश्यकता होती है लेकिन बिजली है ही नहीं. चेहरे पर पसीना रहता है पर क्या करें, वहीं अगर मौसम खराब हुआ और रोशनी कम हो गई तो पठन-पाठन बाधित हो जाता है. एक शिक्षक ने बताया कि स्कूल में बिजली वायरिंग का काम तो काफी पहले हो गया लेकिन आज तक कनेक्शन नहीं लगा. इससे हमें काफी परेशानी हो रही है. सबों ने एक स्वर में कहा हमें पंखा चाहिए लाइट चाहिए.
2019 में लगभग 700 विद्यालय में नहीं थी बिजलीः हम आपको बता दें कि 2019 में ईटीवी भारत में यह खबर दिखाया गया था. जिले में लगभग 700 सरकारी विद्यालय में विद्युत कनेक्शन नहीं हैं. इन 4 वर्षों में तेजी से सरकारी स्कूलों में बिजली व्यवस्था बहाल की गई और अभी आंकड़ा 51 का है.
क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारीः इस पूरे मामले पर हमने दुमका के शिक्षा विभाग के सहायक कार्यक्रम प्रभारी मनोज कुमार अम्बष्ट से बात की जो इन व्यवस्थाओं को देखते हैं.उन्होंने बताया कि वर्तमान में 51 सरकारी विद्यालय में बिजली का कनेक्शन नहीं लग पाया लेकिन प्रशासन का लक्ष्य है कि आगामी तीन महीने में यह काम पूरा कर लेना है.
बुनियादी सुविधाएं बच्चों का अधिकारः बच्चे अमीर घर के हों या गरीब, सभी को अधिकार है कि वे जहां पढ़ाई कर रहे हैं वहां बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहे. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि दुमका के 2301 सरकारी विद्यालय में जिन 51 विद्यालय में आज विद्युत व्यवस्था नहीं है, वह कमी प्रशासन द्वारा तय किए गए तीन महीने में पूरे कर लिए जाएंगे ताकि बच्चे एक बेहतर माहौल में पढ़ाई कर सके.