दुमका: किसान स्वभाव से ही मेहनती होते हैं. बस उन्हें संसाधन उपलब्ध होना चाहिए. वह धरती से फसल रूपी सोना उगा लेता है. दुमका के जामा प्रखंड के कई गांव में कुछ ऐसा ही उदाहरण देखने को मिल रहा है.
जामा प्रखंड में सिंचाई की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण किसानों ने कई सालों तक जमीन परती छोड़ देते थे, लेकिन अब इलाके में पानी की व्यवस्था हो गई है, जिसके बाद से खेतों में हरियाली नजर आने लगी है.
![Dumka farmers get irrigation facility](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7207241_pic1.jpg)
जामा प्रखंड में किसानों को मिली सिंचाई सुविधा
दुमका जिला के जामा प्रखंड के कोल्हुआ, श्यामलता जैसे कई गांव हैं, जहां किसानों को लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से सरकार ने सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया है. इस योजना के तहत पंपिंग सेट लगाकर टपरा नदी से पानी लिया जा रहा है. सारा कुछ सोलर सिस्टम से ही चल रहा है. इससे किसानों को डीजल पेट्रोल का भी खर्चा नहीं लग रहा है. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से अब इन इलाकों के खेतों में तरबूज, कद्दू, झींगा, टमाटर, बैगन, मकई लहलहा रहा है.
![Dumka farmers get irrigation facility](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7207241_pic2.jpg)
क्या कहते हैं किसान
इसे लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने कई किसानों से बात की. इस दौरान किसानों ने कहा कि पहले पानी की व्यवस्था बिल्कुल नहीं थी, खेत यूं ही परती रह जाती थी, लेकिन सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद हम काफी उत्साहित हैं और मेहनत से खेती कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब कृषि कार्य से अच्छा मुनाफा हो रहा है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के राज्य संपोषित समुदाय प्रबंधित सूक्ष्म योजना के तहत यह सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को आजीविका प्रदान कराना है. जामा प्रखंड के बीडीओ साधुचरण देवगम ने बताया कि इन किसानों की उन्नति से अन्य गांव के किसान भी प्रभावित होंगे, जिससे पूरा इलाका लाभान्वित होगा. किसानों को तकनीकी सुविधा उपलब्ध करने वाले अधिकारी कहते हैं कि इस लिफ्ट इरिगेशन के लिए हमें किसी भी गांव में 10 एकड़ जमीन और 10 किसानों का समूह चाहिए, हम वहां इस योजना को लांच कर सकते हैं.