दुमका: कोरोना काल में समाज की सभी व्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. इसका सीधा असर सरकार के राजस्व संग्रहण पर भी पड़ा है. दुमका नगर परिषद भी इससे अछूता नहीं रहा. नगर परिषद की आय का मुख्य श्रोत मकान की होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स के साथ-साथ उनके तरफ से जो दुकानों को आवंटित किया गया है, उसका किराया है. इसके साथ ही निजी बस पड़ाव में आने जाने वाले वाहनों से जो टैक्स ली जाती है, उसके लिए प्रतिवर्ष बस पड़ाव किसी को लीज पर दिया जाता है. अप्रैल में इस लीज की प्रक्रिया होती है, जिसकी राशि 25 से 30 लाख रुपये होती है. लेकिन 2020 अप्रैल के कुछ ही दिन पहले लॉकडाउन लग गया और बस पड़ाव को लीज पर नहीं दिया जा सका. इससे भी नगर निगम को नुकसान हुआ है.
दुमका नगर परिषद का इस बार होल्डिंग टैक्स का लक्ष्य एक करोड़ 52 लाख, 55 हजार रुपये था. इसमें से अब तक 94 लाख 32 हजार रुपये ही वसूली हुई है, जो कुल लक्ष्य का 62% है. अगर हम वाटर टैक्स की बात करें तो इसका लक्ष्य एक करोड़ 02 लाख 67 हजार रुपये है. इसमें 56 लाख 35 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं, जो कुल लक्ष्य का 55% है. नगर परिषद में बस पड़ाव सहित कई अन्य जगह पर दुकानों का निर्माण कर उसे किराये पर दिया है. जिससे साल की आमदनी एक करोड़ के आसपास है, लेकिन लॉकडाउन में लंबे समय तक अधिकांश दुकानें बंद रही जिससे अब तक सिर्फ 12 लाख रुपये ही प्राप्त हो पाया है.
इसका अर्थ है कुल लक्ष्य का सिर्फ 12%. वहीं निजी बस पड़ाव में आने जाने वाले बसों से शुल्क के रूप में जो राशि ली जाती है. उसके लिए प्रतिवर्ष अप्रैल माह में लीज पर दिया जाता था, जिसमें 25 से 30 लाख रुपये नगर परिषद को प्राप्त होता है. अब कोरोना में यात्री बस भी नहीं चल रहे थे तो 2020 में बस पड़ाव की लीज हुई ही नहीं. 2021 के जनवरी माह में इसे 38 लाख रुपये में लीज पर दिया गया है.
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दो माह में लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश
दुमका नगर परिषद के नगर प्रबंधक नजीबुल्लाह अंसारी ने माना कि कोरोना की वजह से कर संग्रहण में काफी गिरावट आई है. होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स लगभग 60% तक प्राप्त हुआ है. जबकि नगर परिषद के आवंटित दुकानों का किराया और बस पड़ाव लीज में देने पर जो आय प्राप्त होती है उसमें तो काफी गिरावट आई. नगर प्रबंधक नजीबुल्लाज अंसारी उम्मीद जता रहे हैं कि अभी हमारे पास दो माह का समय है और हम काफी हद तक लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.
आय की प्राप्ति कम होने पर पड़ेगी सुविधाओं पर असर
नगर परिषद के जो आय के स्रोत हैं और अगर उससे पर्याप्त आमदनी प्राप्त नहीं होगी तो कई सुविधाओं पर असर पड़ता है. शहर में साफ-सफाई का काम नगर परिषद अपनी आमदनी से ही कराती है. इसके साथ ही नगर परिषद अपने कर्मियों को भी उसी से वेतन देती है. ऐसे में यह काफी आवश्यक है उसके जो आय के स्रोत हैं उससे आमदनी होती रहे.