दुमकाः संथाल परगना के बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार के खिलाफ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति थाना में एससी/ एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह एफआईआर सदर प्रखंड के हिजला रोड की निवासी सुनीता मरांडी ने दर्ज कराई है.
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क्या है सुनीता मरांडी के एफआईआर मेंः पीड़िता सुनीता मरांडी ने लिखित आवेदन में बताया कि इसी माह 12 अक्टूबर को दोपहर एक बजे के करीब वह सहयोगी रीता टोप्पो के साथ आरटीआई आवेदन लेकर बंदोबस्त कार्यालय पहुंची थी. जहां बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार आवेदन देख आग बबूला हो गए. उन्होंने गाली-गलौज की और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए धक्का देकर चेंबर से निकाल दिया. पीड़िता सुनीता मरांडी ने दावा किया है कि सारी घटना कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. उन्होंने बंदोबस्त पदाधिकारी के रवैये का विरोध भी किया.
थाना प्रभारी ने दी जानकारीः मामले में थाना प्रभारी सुजीत उरांव ने बताया कि पीड़िता की लिखित शिकायत पर थाना कांड संख्या 7/23 के तहत भादवि की धारा 341, 323, 504, 506, 354 एवं 3 (आई) (आर) (एस) एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले के अनुसंधानकर्ता दुमका एसडीपीओ नुर मुस्तफा हैं. उनके द्वारा जांच करके की कारवाई की जाएगी.
बंदोबस्त पदाधिकारी ने आरोपों को बेबुनियाद कहाः इस एफआईआर के संबंध में जब बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार से बात की गई तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे सारे आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं. मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, जांच में सारा सच सामने आ जाएगा.