ETV Bharat / state

Dhanbad News: जनता पानी के लिए त्रस्त-कांट्रैक्टर और कर्मी शराब पीने में मस्त! विरोध में फूटा स्थानीय लोगों का गुस्सा

author img

By

Published : May 21, 2023, 9:02 PM IST

धनबाद में हो रहे जल शोध संस्थान के निर्माण में देरी और निर्माण स्थल पर शराबियों के बन रहे अड्डे पर ग्रामीणों में आक्रोश है, इसको लेकर उन्होंने जमकर प्रदर्शन भी किया.

construction of water research institute
construction of water research institute

देखें वीडियो

धनबाद: जिले में ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए बन रहा जल शोध संस्थान शराबियों का अड्डा बन गया है. यहां पानी की बोतलों से ज्यादा शराब की बोतलें मिलती हैं, जो बताने के लिए काफी है कि यहां जाम पे जाम छलकते होंगे. इसको लेकर त्रस्त ग्रामीणों ने हंगामा किया और 15 दिन के अंदर काम पूरा करने की चेतावनी पदाधिकारियों को दी.

यह भी पढ़ें: Dhanbad News: जदयू के जिला स्तरीय बैठक में शामिल हुए प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो, संगठन को मजबूत बनाने पर दिया जोर

ग्रामीणों की प्यास बुझे इसलिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर जल शोध संस्थान का निर्माण करवाती है, इसके लिए समय सीमा भी तय की जाती है. लेकिन धनबाद में फेज टू में चल रहे जल शोध संस्थान का काम धीमा है और धीमा इसलिए है क्योंकि इस संस्थान में काम कम मदिरा पान ज्यादा होता है. बिल्डिंग परिसर में पानी की बोतलों से ज्यादा शराब की बोतले हैं, यहां काम के बजाए जाम पे जाम छलकाए जाते हैं.

पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल विभाग के परिसर में जल शोध संस्थान का निर्माण कार्य चल रहा है. लेकिन इस परिसर में कांट्रेक्टर साहब की टीम काम कम शराब का सेवन ज्यादा कर रही है. यह हम नहीं बल्कि यहां मिलने वाली शराब की बोतलों की तस्वीर बयां कर रही है. इस जल शोध संस्थान के भरोसे आसपास के 26 गांव हैं, जिनको पानी मिलना था. लेकिन कार्य में कोताही बरतने के कारण, आज यहां के ग्रामीण प्यासे हैं. भीषण गर्मी में प्यास को देखते हुए ग्रामीणों ने बलियापुर प्रखंड के कुसमाटांड पंचायत भवन के पास फेज टू के तहत बनाए गए जल शोध संस्थान में जाकर जमकर हंगामा किया. कॉन्ट्रेक्टर की लापरवाही पर जमकर फटकार भी लगाई, जिसके बाद ग्रामीणों ने 15 दिन के अंदर कंपनी को जल्द से जल्द काम पूरा करने की चेतावनी दी.

68 करोड़ की राशि से हो रहा जल शोध संस्थान का निर्माण: सरकार ने 68 करोड़ की राशि स्वीकृति कर जल शोध संस्थान निर्माण करने के लिए फेज टू के तहत निर्गत किया था. कंपनी को इस जल मीनार को 5 सालों के अंदर तैयार करके ग्रामीणों को पानी सप्लाई करना शुरू कर देना था. लेकिन समय सीमा पार कर गया और कांट्रेक्टर की लापरवाही के कारण आज इस भीषण गर्मी में 26 गांव के ग्रामीण बूंद बूंद को तरस रहे हैं. यहां कांट्रेक्टर पानी के काम को छोड़कर मदिरा पान में मस्त हैं. आश्चर्य है कि पूछने पर कांट्रेक्टर साहब स्वीकार भी करते हैं और साथ ही पत्रकारों को भी पीने की नसीहत भी देते हैं. बहरहाल, इनकी बातों से तो साफ है कि इनका मनोबल सातवें आसमान पर है. ऐसे कंस्ट्रक्शन कंपनियों के खिलाफ विभाग को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि इनकी लापरवाही का खामियाजा भोली भाली जनता को ना भुगतना पड़े.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.