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BMS को छोड़ सभी ट्रेड यूनियनों ने किया प्रदर्शन, 24 सितंबर को कोल इंडिया में एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा

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Published : Sep 20, 2019, 11:45 PM IST

धनबाद में बीएमएस को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियनों ने भारत सरकार के कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश के फैसले पर विरोध जताया है. सभी ने बीसीसीएल मुख्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं, सभी ने 24 सिंतबर को हड़ताल की घोषणा की है.

धरना प्रदर्शन करते ट्रेड यूनियन के लोग

धनबादः जिले के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष बीएमएस को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के माध्यम से ट्रेड यूनियनों ने भारत सरकार के कोयला उद्योग में शत प्रतिशत पूंजी निवेश के फैसले का विरोध जताया. इस फैसले के विरोध में सभी ट्रेड यूनियनों ने 24 सितंबर को कोयला उद्योग में हड़ताल की घोषणा की है.

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इंटक, सीटू, एटक, बीसीकेयू समेत तमाम मजदूर ट्रेड यूनियन के नेताओं संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. ट्रेड यूनियन बीएमएस ने इस प्रदर्शन से अपने आप को अलग रखा. हालांकि बीएमएस भी कोयला उद्योग में सरकार के शत प्रतिशत एफडीआई नीति के फैसले का विरोध कर रही है.

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कोयला भवन के समक्ष मंच पर आसीन यूनियन नेता वासुदेव आचार्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश का जो फैसला लिया, जो बेहद खतरनाक है. इस फैसले को राष्ट्र विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग का पूरी तरह से निजीकरण हो जाएगा. इसकी बागडोर विदेशी पूंजीपतियों और विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हाथ में चली जाएगी.

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24 सितंबर को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल

उन्होंने कहा सरकार के इस फैसले के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन 24 सितंबर को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल करेगी. सरकार जब तक यह फैसला वापस नहीं लेती, तब तक मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा. इधर सरकार के समांतर चलने वाली मजदूर ट्रेड यूनियन बीएमएस ने भी पहले ही कोयला उद्योग में हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रखी है. बीएमएस ने 23 से 27 सितंबर तक 5 दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है.

Intro:धनबाद। जिले के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल मुख्यालय, कोयला भवन के समक्ष बीएमएस को छोड़कर सभी ट्रेड यूनियनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के माध्यम से ट्रेड यूनियनों ने भारत सरकार द्वारा कोयला उद्योग में शत प्रतिशत पूंजी निवेश के फैसले का विरोध जताया है।इस फैसले के विरोध में सभी ट्रेड यूनियनों ने 24 सितंबर को कोयला उद्योग में हड़ताल की घोषणा की है।


Body:इंटक,सीटू,एटक,बीसीकेयू समेत तमाम मजदूर ट्रेड यूनियन के नेताओं संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया।ट्रेड यूनियन बीएमएस ने इस प्रदर्शन से अपने आप को अलग रखा।हालांकि बीएमएस भी कोयला उद्योग में सरकार द्वारा शत प्रतिशत एफडीआई नीति के फैसले का विरोध कर रही है।कोयला भवन के समक्ष मंच पर आसीन यूनियन नेता वासुदेव आचार्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश का जो फैसला लिया वह बेहद ही खतरनाक फैसला है।इस फैसले को राष्ट्र विरोधी कर देते हुए उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग का पूरी तरह से निजीकरण हो जाएगा।जिसकी बागडोर विदेशी पूंजी पतियों और विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हांथ में चली जाएगी।उन्होंने कहा सरकार के इस फैसले के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन 24 सितंबर को कोयला उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल को सफल करेगी।सरकार जबतक यह फैसला वापस नही लेती तबतक मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा।इधर सरकार के समांतर चलने वाली मजदूर ट्रेड यूनियन बीएमएस ने भी पूर्व में ही कोयला उद्योग में हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रखी है।बीएमएस ने 23 से 27 सितंबर तक पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा कोयला उद्योग में की है।


Conclusion:कोयला उद्योग में शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश का सभी ट्रेड यूनियनें विरोध करते नजर आ रही है।लेकिन यूनियनों के आंदोलन का असर सरकार पर कितना पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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