झारखंड में कहीं कोरोना मरीज लौटाए जा रहे, कहीं अस्पताल को उद्घाटन और मरीज का इंतजार

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Published : May 23, 2021, 10:12 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 5:05 PM IST

Hospital in ruins awaiting inauguration
उद्घाटन के इंतजार में खंडहर हुआ अस्पताल ()

कोरोना काल में जहां मरीज अस्पताल में बेड के लिए परेशान हैं, वहीं धनबाद के निरसा में 100 बेड का अस्पताल पिछले 9 साल से उद्घाटन के इंतजार में है. हालत यह कि बिना उपयोग की ही अस्पताल धीरे धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. इस अस्पताल का निर्माण 5 करोड़ की लागत से 2012-13 में पूरा हुआ था.

धनबाद : कोरोना वायरस की वजह से पूरे झारखंड में मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. कई जगहों पर अस्पताल में बेड नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटाया भी जा रहा है. प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने का दावा कर रहा है, लेकिन निरसा के पांड्रा में 100 बेड का रेफरल अस्पताल पिछले 9 साल से उद्घाटन के इंतजार में है. सरकारी सिस्टम की ये लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ रही है.

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5 करोड़ की लागत से बना अस्पताल

खंडहर हो रहे रेफरल अस्पताल के निर्माण के लिए 27 नवंबर 2008 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप साही ने शिलान्यास किया था, जिस दौरान सांसद चंदशेखर दुबे, विधायक अपर्णा सेन गुप्ता समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. साल 2012-13 में अस्पताल भवन पूरी तरह बनकर तैयार हो गया. लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद अब तक अस्पताल को चालू नहीं किया गया. 2019 में जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार के द्वारा पानी बिजली और सेनेटरी के लिए 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए जिससे लोगों में एक उम्मीद जगी. लेकिन उद्घाटन के इंतजार में अब ये अस्पताल खंडहर बनता जा रहा है.

बिना उद्घाटन खंडहर में तब्दील हुआ रेफरल अस्पताल

विधायक की पहल पर बना था अस्पताल

तत्कालीन और वर्तमान विधायक अपर्णा सेन गुप्ता की पहल पर इस रेफरल अस्पताल की नींव रखी गई थी. अब इस मामले में अपर्णा सेन गुप्ता का कहना है कि वे इस अस्पताल को चालू कराने के लिए कई बार अवाज उठा चुकी हैं लेकिन सरकार पर इसका असर नहीं हो रहा है. उनके मुताबिक वे विधानसभा में सत्र के दौरान और स्वास्थ्य मंत्री के साथ हाल में हुए वर्चुअल मीटिंग के दौरान सरकार से अस्पताल को शुरू करने की मांग थी. लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.

अस्पताल से डेढ़ लाख की आबादी को फायदा

अस्पताल के शुरू हो जाने से पर कोविड काल में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं बड़ी ही आसानी से मिल सकती थी. इस अस्पताल को कोविड सेंटर के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता था, सामान्य दिनों में भी इससे क्षेत्र के डेढ़ लाख की आबादी को फायदा होता.

Last Updated :Jun 15, 2021, 5:05 PM IST
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