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धनबाद में हर दिन सड़कों पर बह रहा लाखों लीटर पानी, अधिकारी-कर्मचारी नहीं ले रहे सुध

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Published : Jan 27, 2021, 1:14 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 1:07 PM IST

धनबाद में कई जगहों पर पाइप फटे होने के कारण लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. इसको लेकर जब हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने दूसरे अधिकारी पर मामला टाल दिया. स्थानीय लोग कहते हैं कि पानी बर्बादी की शिकायत कई बार की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

Waste of water in Dhanbad
धनबाद में सप्लाई के दौरान बर्बाद होता है पानी.

धनबाद: शहर में कई जगहों पर पीने के पानी की बर्बादी हो रही है लेकिन इसको रोकने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है. कई जगह पाइप फटे हैं और हर दिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. चाहे बैंक मोड़ से सटे मटकुरिया हो या गोविंदपुर, जीटी रोड हो या कालाडीह सब जगह यही हाल है. हर जगह पानी की बर्बादी है लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. स्थानीय निवासी रूपचंद दास का कहना है कि पानी की बर्बादी को लेकर कई बार शिकायत की लेकिन किसी ने नहीं सुनी.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

नगर आयुक्त ने पीएचईडी को लिखा पत्र

पानी की बर्बादी रोकने को लेकर जब हमने नगर आयुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि लोगों को टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया गया है. शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है. जब हमने पानी की बर्बादी की कुछ तस्वीरें दिखाई तो उन्होंने कहा कि जूनियर इंजीनियर से सर्वे कराए हैं. पीएचईडी डिपार्टमेंट को मरम्मति के लिए पत्र लिखा है. जहां सार्वजनिक कनेक्श है वहां टैप लगाने के लिए कहा गया है.

शिकायत मिलने पर होती है तुरंत कार्रवाई

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर का कहना है कि सरकार के निर्देश के मुताबिक अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति योजनाएं हैं. उन्हें उपभोक्ता समिति या ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को सौंप दी गई है. इस योजना का ऑपरेशन मेंटनेंस इनकी ही जिम्मेवारी है. ग्राम जल स्वच्छता समिति में मुख्य रूप से स्थानीय लोग हैं जिसमें जल सहिया का अहम रोल है. हाउस कनेक्शन और रेवेन्यू कलेक्शन का काम जल सहिया का ही है. लीकेज होने पर जल सहिया को ही देखरेख और मरम्मत कराना है. ज्यादा लीकेज होने पर टेक्निकल सपोर्ट के लिए जूनियर इंजीनियर को सूचना दी जाती है. इसके बाद भी ऐसी कोई शिकायत हम तक पहुंचती है तो जल्द उसका समाधान करते हैं.

वर्षों से पानी सप्लाई कर रही माडा के एमडी दिलीप कुमार से हमने पानी बर्बादी रोकने के लिए किए जा रहे उपायों पर सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. पल्ला झाड़ते हुए बोले कि तकनीकी अधिकारी इंद्रेश शुक्ला से बात कीजिए. जब हमने तकनीकी अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर ऑनलाइन व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन यह अभी हमारे पास नहीं है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 1:07 PM IST
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