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Durga Puja 2022: पुराना राजागढ़ में ब्रिटिश शासनकाल से होती आ रही दुर्गापूजा, लोगों में मंदिर को लेकर गहरी आस्था

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Published : Oct 3, 2022, 7:49 PM IST

Durga Puja in Old Rajgarh Jharia
Durga Puja in Old Rajgarh Jharia

धनबाद के झरिया पुराना राजागढ़ में करीब 350 सालों से दुर्गा पूजा होती आ रही है (Durga Puja in Old Rajagarh Jharia). इस बार भी यहां पूरे विधि विधान से मां दुर्गा की आराधना की जा रही है. आज भी राजपरिवार के लोग यहां पूजा करते हैं.

धनबाद: कोयलांचल धनबाद में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन होता है. हर साल शहर के विभिन्न इलाकों में धूमधाम और पूरी साज सज्जा के साथ दुर्गा पूजा मनाया जाता है. झारिया के राजपरिवार झरिया पुराना राजागढ़ स्थित मां दुर्गा मंदिर में करीब साढ़े तीन सौ साल से दुर्गा पूजा करते आ रहे हैं (Durga Puja in Old Rajagarh Jharia). यह झरिया का सबसे प्राचीन दुर्गा मंदिर है.

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मंदिर का इतिहास: कहा जाता है राजा संग्राम सिंह ने चौथाई कुल्ही में डोम राजा को मारकर झरिया पर कब्जा किया था. तब उन्होंने शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना की और मंदिर बनाने का संकल्प लिया. इसके बाद यहां मां दुर्गा का मंदिर बनाकर पूजा शुरू की गई. उसके बाद राजा दुर्गा प्रसाद सिंह ने मंदिर को भव्यता दी. राजा काली प्रसाद सिंह, राजा शिव प्रसाद सिंह के बाद आज भी राजपरिवार के लोग यहां दुर्गापूजा करते हैं.

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इस साल भी मंदिर में दूर्गा पूजा की धूम: इस साल भी झरिया के सबसे इस प्राचीन मंदिर में दुर्गा मां की आराधना शुरू हो गई है. महाषष्ठी पर मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि विधान के साथ शुरू हुई. नवमी को यहां बलि की परंपरा है जो मां को समर्पित होता है. मंदिर के पुजारी शशिभूषण उपाध्याय ने कहा कि झरिया राजपरिवार ने यहां दुर्गापूजा प्रारंभ की थी, जो आज भी होती चली आ रही है. पहले उनके पूर्वज यहां पूजा करते थे. जबकि, पुजारी शशिभूषण उपाध्याय इस मंदिर में 1968 से पूजा करते आ रहे हैं.

ब्रिटिश शासनकाल से होती आ रही दुर्गापूजा: स्थानीय तांत्रिक चंदन शास्त्री की मानें तो पूरे झरिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले इसी प्राचीन मंदिर में बलि दी जाती है, जिसके बाद ही क्षेत्र के अन्य मंदिरों में बलि की परंपरा पूरी की जाती है. उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल के समय से ही राजपरिवार यहां मां की आराधना करते आए हैं. लोगों में इस मंदिर को लेकर गहरी आस्था है. दुर्गा पूजा में लोग यहां दूर दूर से पहुचते हैं.

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