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Invention Of AVIG Robot: धनबाद के इंजीनियर का दावा- उसका रोबोट कर देगा कोरोना का सफाया, अल्ट्रावायलेट किरण से एयर बनेगी प्योर

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Published : Jan 17, 2022, 12:01 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 1:04 PM IST

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परिवार के साथ रोबोट बनाने वाले स्वयं प्रकाश

धनबाद के एक इंजीनियर ने AVIG रोबोट बनाया है. उसका दावा है कि अल्ट्रावायलेट किरण के आधार पर काम करने वाला यह रोबोट एयर से कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर सकता है. इससे हवा शुद्ध बनेगी.

धनबाद: धनबाद के इंजीनियरिंग छात्र का दावा है कि उसने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो घर हो या दफ्तर या फिर मॉल कोरोना वायरस के वैरिएंट को निष्क्रिय कर देगा. इससे कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. उसने बताया कि उसके रोबोट में अल्ट्रावायलेट किरणों का इस्तेमाल होता है, जो एयर सेनेटाइज करने के काम आ सकती है. यानी हवा को शुद्ध और कोरोना मुक्त करेगी. इससे कोरोना वायरस के खतरे को 99.99 फीसदी तक कम किया जा सकता है.

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धनबाद के हाउसिंग कॉलोनी के रहने वाले स्वयं प्रकाश रंजन ने AVIG रोबोट बनाने का दावा किया है. स्वयं प्रकाश रंजन ने बताया कि पिछले दो सालों से लोग कोरोना संक्रमण के कारण अपने आप को काफी असहज महसूस कर रहे थे. व्हाट्सएप ग्रुप पर लोग कोरोना के संक्रमण काल में ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर समेत आदि की जानकारी चाह रहे थे, लेकिन एयर सेनेटाइजेशन पर लोगों का ध्यान नहीं था. इस पर मेरा ध्यान गया तो मैंने इस पर अध्ययन शुरू किया और काफी रिसर्च के बाद मैंने AVIG बनाया. AVIG रोबोट में अल्ट्रा वायलेट का इस्तेमाल किया गया है. रोबोट में कैमरे लगाए गए हैं. अल्ट्रा वायलेट के जरिए कोरोना का सफाया किया जा जाता है. सरफेस के साथ एयर को भी यह रोबोट सेनेटाइज करता है. घर, दफ्तर, मॉल ऐसी जगह जहां भी लोगों का आना जाना लगा रहता है, वैसे स्थानों पर इसका इस्तेमाल कर कोरोना वायरस और अन्य नुकसानदेह वैरिएंट्स को 99.99 प्रतिशत कम किया जा सकता है.

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ऐसे करता है कामः स्वयं प्रकाश रंजन का दावा है कि AVIG रोबोट पूरी तरह से सुरक्षित है. मोबाइल डिवाइस से कनेक्ट कर AVIG रोबोट को मूवमेंट कराया जाता है. इसमे कैमरे लगाए गए हैं. इस कैमरे की सहायता से बंद कमरे के एयर को पूरी तरह से सेनेटाइज कर सकते हैं. चार ट्यूब लैम्प इस रोबोट में लगे हुए हैं, जिनसे अल्ट्रा वायलेट किरण निकलती है. यही अल्ट्रा वायलेट किरण कोरोना वायरस और अन्य नुसकानदेह वैरिएंट्स को खत्म कर देता है.
यह एहतियात जरूरीः स्वयं प्रकाश का दावा है कि दो सालों के अथक प्रयास के बाद उसे रोबोट बनाने में सफलता हाथ लगी है. उसने दो तरह के रोबोट बनाए हैं. एक बीटूबी, जिसकी कीमत 2.5 लाख है. दूसरा बीटूसी, जिसकी कीमत सात से आठ हजार रुपये है. प्रकाश का दावा है कि अल्ट्रा वायलेट किरणों को तीन भागों में बांटा गया है. ए ,बी और सी,जिसमे सी बिल्कुल ही नुकसानदेह नहीं है. सिर्फ इनसे आंखों को बचाना है. वेल्डिंग करने के दौरान जिस ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है, उसे लगाने से कोई भी प्रभाव नही पड़ता है. गलती से यदि अल्ट्रा वायलेट पर नजर पड़ भी जाती है तो मामूली सा प्रभाव आंखों पर पड़ता है, जो कुछ देर बाद ठीक हो जाता है. स्वयं प्रकाश रंजन ने देल्ही पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा हासिल की है, स्वयं के पिता बाल कन्या प्रसाद बीसीसीएल में डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद से रिटायर्ड हुए हैं. उनकी मां शोभा कुमारी धनबाद की हीरापुर स्थित एचई हाई स्कूल से रिटायर्ड शिक्षक हैं.
Last Updated :Jan 31, 2022, 1:04 PM IST
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