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Published : Jan 2, 2023, 10:03 AM IST

झारखंड के विभिन्न जिलों में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ तो कुछ नई घटनाएं घटी(news update of jharkhand), जिसने आम जनमानस को प्रभावित किया. कोविड को लेकर तमाम जिलों में सतर्कता बरती जा रही है. प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी की जा रही है. साहिबगंज के छात्र का चयन गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में होने वाले परेड के लिए हुआ है. वहीं देवघर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों ने शीघ्र दर्शनम के बढ़े दर की फिक्र नहीं की.

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गोड्डाः उपायुक्त जीशान कमर ने कोविड-19 संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम के लिए समीक्षात्मक बैठक की(Meeting regarding covid in Godda). बैठक में कोविड-19 संक्रमण के मामले एवं इसकी रोकथाम हेतु सिविल सर्जन अनंत कुमार झा के साथ विचार विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए. साथ ही कोविड केयर सेंटर, समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने पर भी विचार विमर्श किया गया. बैठक में उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि पॉलिटेक्निक कॉलेज सिकिटिया में बनाए गए कोविड केयर सेंटर को छोड़कर अन्य जगहों पर कोविड केयर सेंटर के लिए जगह को चिन्हित करते हुए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाएं ताकि तैयारियां पूर्ण रखी जा सके एवं गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा सके.

साहिबगंज: साहिबगंज कॉलेज के छात्र और एनएसएस वालंटियर अभिदीप्श प्रशांत सागर का चयन दिल्ली में होनेवाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए हुआ है(selection for Republic Day Parade in delhi). परेड का निरीक्षण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी. इसके लिए पूरे झारखंड से तीन छात्र और तीन छात्रा का चयन किया गया है. उपायुक्त राम निवास यादव ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित अभिदीप्श प्रशांत सागर को पुष्पगुच्छ और शॉल देकर सम्मानित किया. उपायुक्त ने कहा कि यह जिले और राज्य के लिए गौरव और युवा के लिए प्रेरणा देने वाली उपलब्धि है. इनके साथ ही उन्होंने अभिदीप्श के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी.

गोड्डाः पेशे से फैशन डिजाइनर धनवाद के युवक विकास कुमार अच्छा खासा करियर व अपना खुद का कारोबार छोड़ अब झारखंड की संस्कृति ,समृद्ध परंपरा और भौगोलिक सुंदरता के साथ ही स्थानीय नियोजन नीति और खतियानी हक दिलाने को लेकर देश भ्रमण को निकले. इस मुहिम की शुरुआत सिलिकॉन सिटी बेगलुरु से 28 अप्रैल 2022 को हुई और 188 दिन तक साइकिल से तकरीबन 15000 किमी चल कर सम्पूर्ण भारत का भ्रमण पूरा किया. इस दौरान देश के जिस भी हिस्से में कोई झारखंडी मिल. उन्हें अपनी माटी की याद दिलाई और कहा कि वो दुआ करे रत्नगर्भा धरा खुशहाल हो. इस दौरान वे लेह लद्दाख से कन्याकुमारी और कच्छ गुजरात से लेकर पुर्वोत्तर भारत तक गए. इस यात्रा के उपरांत वे झारखंड के सभी जिलों के भ्रमण पर साइकिल से ही निकले हैं.

खूंटीः जिले में लगभग दो महीने बाद खूंटी प्रखंड से एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला. इसके पूर्व जिला के रनिया प्रखंड से 4 नवंबर को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था. जिनके स्वस्थ होने के 53 दिनों के बाद एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला है. संक्रमित मरीज सीआरपीएफ का जवान बताया जा रहा है. फिलहाल उसे होम आइसोलेशन में रख उसकी स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है. जिला में अब तक 9215 लोग कोरोना संक्रमित हुए. जिसमें 9115 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. वर्तमान समय में जिला में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या एक है. मॉक ड्रिल के बाद से अब तक 11 लोगों का टू नेट एवं 28 लोगों का रैपिड एंटीजेन टेस्ट किया गया.

बोकारोः बालीडीह औद्योगिक क्षेत्र बियाडा में भारत पेट्रोलियम के बॉटलिंग प्लांट परिसर में पिछले तीन वर्षों से आदिवासियों का सबसे बड़ा धर्म स्थल सरना स्थान कैद में है. जिस कारण आदिवासी परिवार यहां पूजा पाठ नहीं कर पा रहे हैं. वहीं स्थानीय आदिवासियों का दावा है कि अभी तक 50 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. सरना स्थल में पूजा पाठ और इसे बाहर स्थापित करने एवं स्थानीय बेरोजगारों को नियोजन देने की मांग को लेकर प्लांट के मुख्य गेट को जिला परिषद सदस्य की अगुवाई में स्थानीय आदिवासियों ने जाम कर दिया. इस दौरान सभी ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और इसे प्रबंधन की मनमानी बताते हुए आदिवासियों के धर्म के साथ खिलवाड़ बताया.

देवघरः जिले में ठंड के मौसम में गरीबों के लिए नेकी की दीवार नामक एक स्टॉल गरीबों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है. दरअसल देवघर के पुराने नगर निगम कार्यालय के समीप स्थित नेकी की दीवार पर स्वेच्छा से लोग वस्त्र दान करते हैं. विभिन्न वर्ग और समुदाय के लोगों के द्वारा स्टॉल पर पुराने वस्त्र को दान किया जाता है, ताकि जरूरतमंद अपने हिसाब से दान किए हुए वस्त्र को चुनकर अपना एवं अपने परिवार के उपयोग में ला सके. देवघर के एक सामाजिक संस्थान द्वारा इस तरह का कार्य शुरू किया गया था, जिसे नेकी की दीवार नाम दिया गया है. मुख्य सड़क स्थित दुकान में नेकी की दीवार में धीरे-धीरे पुराने वस्त्रों का भंडार लग गया.

देवघर: रघुवीर सहाय प्रभावशाली कवि के साथ ही साथ कथाकार, निबंध लेखक और आलोचक थे. उनकी मृत्यु 30 दिसंबर, 1990 में हुई थी. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रघुवीर सहाय की गणना हिंदी साहित्य के उन कवियों में की जाती है, जिनकी भाषा और शिल्प में पत्रकारिता का प्रभाव होता था और उनकी रचनाओं में आम आदमी की व्यथा झलकती थी. उनका जन्म 9 दिसंबर, 1929 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. वे एक प्रभावशाली कवि होने के साथ ही साथ कथाकार, निबंध लेखक और आलोचक थे. वह प्रसिद्ध अनुवादक और पत्रकार भी थे.

देवघरः नए साल के मौके पर देवघर के बाबा मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की तरफ से तैयारियां पूरी की गई थी. इस बाबत जानकारी देते हुए बाबा मंदिर के प्रबंधक ने बताया कि श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश और निकास को लेकर तमाम वैकल्पिक इंतजाम भी किए गए हैं, ताकि अधिक भीड़ होने की स्थिति में आपात स्थिति से निपटा जा सके. इसके अलावा बाबा मंदिर में प्रवेश और निकास और भीड़ को रोकने के लिए जो पूर्व से इंतजाम चले आ रहे हैं उसी पर अमल किया जाएगा. अत्यधिक भीड़ बढ़ने की सूरत में नए विकल्प को इस्तेमाल में लाया जाएगा. आपको बता दें कि 1 जनवरी के रोज बाबा मंदिर में मिलने वाले शीघ्र दर्शन कूपन की दर को बढ़ाकर 500 कर दिया गया था(Increase in shighra darshanam rate in Deogha). इसके बावजूद काफी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे और बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए.

देवघरः कवि सुमित्रानंदन पंत की पुण्यतिथि के मौके पर विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक थे. उनका जन्म 20 मई 1900 को हुआ था. वे नए युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिंदी साहित्य में उदित हुए. वे ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिनकी प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन थी. उन्होंने जन्म के महज छह घंटे के भीतर अपनी मां को खो दिया. वे लोगों से बहुत जल्द प्रभावित हो जाते थे. उन्होंने महात्मा गांधी और कार्ल मार्क्‍स से प्रभावित होकर उन पर रचनाएं लिख डाली. हिंदी साहित्य के विलियम वर्ड्सवर्थ कहे जाने वाले इस कवि ने महानायक अमिताभ बच्चन को अमिताभ नाम दिया था. पद्मभूषण, ज्ञानपीठ पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कारों से नवाजे जा चुके पंत की रचनाओं में समाज के यथार्थ के साथ-साथ प्रकृति और मनुष्य की सत्ता के बीच टकराव भी होता था.

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