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कोरोना इफेक्टः चतरा के कढ़ाई कारीगरों पर भुखमरी की नौबत, सरकार से लगा रहे मदद की गुहार

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Published : Jun 11, 2020, 12:06 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 1:53 PM IST

कोरोना महामारी ने चतरा जिले कढ़ाई और जरी के कारीगरों की कमर तोड़ दी है. पिछले 2 महीने से उनका व्यापार ठप है. लाखों का माल घर में सड़ रहा है. कारीगर सरकार से मदद की आस लगा रहे हैं. लॉकडाउन से कढ़ाई तबका बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है

कारीगरों पर भुखमरी की नौबत
कारीगरों पर भुखमरी की नौबत

चतराः जिले के सिमरिया प्रखंड के फतहा गांव में कढ़ाई और जरी कारोबार से जुड़े कारीगर आज भुखमरी की कगार पर हैं. दिन-रात जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी इनकी लागत भी नहीं निकल रही है.

कढ़ाई कारीगरों पर भुखमरी की नौबत.

एक तरफ कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन अवधि में इनका रोजगार प्रभावित हो रहा है, वहीं दिन प्रतिदिन ये कर्ज में भी डूबते जा रहे हैं. ये मजदूर दूसरे राज्यों में रहकर कारीगरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन अवधि में इन्होंने अपने घर लौटकर यही रोजगार की शुरुआत की.

सगे संबंधियों और स्थानीय लोगों से कर्ज लेकर इन्होंने काम भी शुरू किया, लेकिन जी तोड़ मेहनत और कारीगरी को अंजाम तक पहुंचाने के बाद भी आज यह कारीगर दूसरों के सामने हाथ फैलाने को विवश हैं.

कारण है इनके द्वारा निर्मित कढ़ाई और जरी युक्त कपड़ों का बड़े बाजारों तक न पहुंचना. लॉकडाउन के कारण इन कारीगरों का रोजगार शुरू होने से पहले ही बंद होने की कगार पर पहुंच चुका है. लॉकडाउन की वजह से कढ़ाई तबका बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

चतरा जिले के फतहा गांव में लॉकडाउन से पहले करीब 50 से 60 कारीगर साड़ी, सलवार, सूट, दुपट्टा और ब्लाउज बनाने का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन ने इन कढ़ाई कारीगरों का रोजगार लगभग छीन लिया.

इन कारीगरों के बनाए गए सामान नहीं बिक रहे है. हालात यह है कि मजदूरों को अब पेट पालना भी मुश्किल हो चुका है. अब इन्हें सरकार से मदद की आस है.

कढ़ाई करने वाले कारीगर बताते हैं कि सरकार अगर उनकी मदद करे तो उनके सामान विभिन्न राज्यों और राष्ट्रीय पटल पर कढ़ाई और जरी को नई पहचान दिला सकते हैं.

धूल फांक रहा लाखों का सामान

लाखों का कारोबार करने वाले एक छोटे से कस्बे के कारीगरों का पिछले 2 महीनों से बनाया गया लाखों का सामान धूल फांक रहा है. कारीगरी की मानें तो लगभग 15 लाख का करोबार भी प्रभावित हुआ है.

उन्हें बस इंतजार है तो लॉकडाउन टूटने के बाद स्थिति सामान्य होने की. ऐसे में अब कढ़ाई कारीगरों और मालिक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है, ताकि फिर से चालू कर इस कारोबार को बढ़ा सकें.

हालांकि कारीगरों की समस्या से जब ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय विधायक किशुन दास को अवगत कराया तो उन्होंने ने हर संभव सरकारी मदद का भरोषा दिलाया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार कारीगरों के लिए खजाना खोलने जा रही है. राहत पैकेज के माध्यम से कारीगरों को आर्थिक मदद पहुंचाया जाएगा.

कोरोना महामारी के कारण सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं. सभी प्रकार के उद्योग धंधों की कमर टूट गई है. चतरा जिले के कढ़ाई कारीगर भी इसमें शामिल हैं. हालत यह है कि इन करीगरों पर अब भुखमरी की नौबत आ गई है.

फतहा के कारीगर कढ़ाई और जरी का काम करके हर महीने में 15 से 20 हजार रुपए का काम करते हैं. यहां के कारीगरों के माल की न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी भारी मांग है, लेकिन लॉकडाउन से इनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

कारीगर मोइम अंसारी ने बताया कि लॉकडाउन से उनका व्यापार ठप हो चुका है. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. कारीगर मेजबुन खातून ने बताया कि लॉकडाउन से कढ़ाई कारोबार ठप हो चुका है. पूरी तरह से काम बंद है. सरकार को मदद करनी चाहिए.

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दूसरी ओर विधायक किशुन दास ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा. पीएम मोदी ने इस संबंध में बड़ा पैकेज भी जारी किया है. कोरोना महामारी के चलते बड़े पैमाने पर कढ़ाई और जरी के कारीगर आर्थिक तंगी झेल रहे हैं.

दुनिया में अपनी कला का लोहा मनवाने वाले इन कारीगरों के सामने अब जीवन निर्वाह की समस्या खड़ी हो गई है. भले ही केंद्र व राज्य सरकार ने मदद का ऐलान किया है, लेकिन मुसीबत की घड़ी में सरकार कितना मदद करती है, यह देखने वाली बात होगी.

Last Updated : Jun 11, 2020, 1:53 PM IST
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