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बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या मामला, आरोपी को फांसी की सजा

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Published : Feb 20, 2019, 5:46 PM IST

आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई.

तीन साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार रूपए अर्थ दंड सुनाया.

गुमला: जिले के पुसो थाना क्षेत्र में 23 सितंबर 2018 को तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद परिजनों ने 24 सितंबर 2018 को अपने ही गांव के बंधन उरांव नामक एक 20 वर्षीय युवक पर बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामला दर्ज कराया था.

आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई.

परिजनों ने पुसो थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी तीन साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी. जिसे पड़ोस का रहने वाला बंधन उरांव नामक एक युवक ने अपने हवस का शिकार बनाया. 3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी. जिसकी जानकारी के बाद परिजनों ने थाना में आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. बुधवार को कोर्ट में आरोपी को सजा सुनाई गई.

बता दें कि पुसो थाने में परिजनों के द्वारा बंधन उरांव के विरुद्ध दिए गए लिखित आवेदन पर प्राथमिकी संख्या 9/18 तिथि 24-9-2018 के अन्तर्गत भादवि की धारा 376AB, 302 औैर पोक्सो एक्ट 4 और 5 के अन्तर्गत मामला दर्ज कर लिया गया था.
जिसके बाद अभियुक्त के विरुद्ध दिनांक 29.11.2018 को 376 AB, 302 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत आरोप गठित किया गया.

घटना के करीब छह महीने में लोलार्क दुबे अपर सत्र न्यायाधीश, प्रथम सह विशेष न्यायाधीश ने सभी मामले में पक्षों की सुनवाई करते हुए बंधन उरांव को दोषी सिद्ध किया गया.

  • 1. सिद्ध दोष जनित अपराध भादवि की धारा 376-ए बी बलात्ंसग के लिए मृत्यु दण्ड की सजा एवं दस हजार रुपया अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया. अर्थ दण्ड की राशि अदा नहीं करने पर दोष सिद्ध अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई.
  • 2. सिद्ध दोष जनित अपराध भादवि की धारा-302 के तहत हत्या के लिए मृत्यु दण्ड की सजा एवम दस हजार रुपये का अर्थ दण्ड दिया गया. अर्थ दण्ड की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा और गले में फांसी का फंदा लगाकर मृत्यपर्यन्त लटकाया जाए.
  • 3. अर्थ दण्ड की सम्पूर्ण राशि पीड़िता/मृतका के परिवार को दिए जाएंगे.

अभियोजन पक्ष की ओर से चम्पा कुमारी, विशेष अपर लोक अभियोजक ने बताया कि बुधवार को न्यायालय में पीड़िता के परिजनों को न्याय मिला है. जिसके बाद इस फैसले से समाज मे एक अच्छा संदेश जाएगा.

Intro:गुमला : जिले के पुसो थाना क्षेत्र में 23 सितम्बर 2018 को एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गयी थी । जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने 24 सितम्बर 2018 को अपने अपने ही गाँव के बंधन उराँव नामक एक 20 वर्षीय युवक पर बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामला दर्ज कराया था ।



Body:परिजनों ने पुसो थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उनकी तीन साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी । जब वह घर के बाहर नहीं दिखी तो उसे पूरा गांव में खोजबीन किया गया । कुंआ ,तालाब हर जगह खोजा गया मगर उनकी बेटी नहीं मिली । इसी बीच गांव की ही एक महिला ने बताया कि बंधन उराँव आपकी बेटी को खेला रहा था , उसी के घर मे है । जिसके बाद बंधन के घर का दरवाजा को जब खोलने के लिए कहा जा रहा था तो उसने दरवाजा नहीं खोला । काफी हल्ला करने के बाद उसने दरवाजा खोल कर कहा कि आपकी बेटी सो रही है । जब नींद से उठेगी तो आकर ले जाना । करीब आधे घंटे के बाद बंधन उराँव मेरे घर आकर बोला कि आपकी बेटी का पूरा शरीर ठंडा हो गया है कुछ बोल भी नही रही है । जब हम बंधन के घर जाकर बेटी को देखे तो उसके शरीर मे चादर ओढ़ाया हुआ था ,तथा वह मृत पड़ी हुई थी । जब चादर को हटाये तो देखे की हमारी बेटी के अंदरूनी भाग से खून निकल रहा है । जिसके बाद जब हम बंधन उराँव को पीछे मुड़ कर देखे तो वह वहां से भाग गया था ।


Conclusion:वही पुसो थाने में परिजनों के द्वारा बंधन उराँव के विरुद्ध दिये गए लिखित आवेदन पर प्राथमिकी संख्या 9/18 तिथि 24-9-2018 के अन्तर्गत भादवि की धारा 376AB , 302 एवम पोक्सो एक्ट 4 व 5 के अन्तर्गत मामला दर्ज कर लिया गया ।
जिसके बाद अभियुक्त के विरुद्ध दिनांक 29.11.2018 को 376 AB , 302 एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 के अन्तर्गत आरोप गठन किया गया ।
घटना के करीब छह महीने में लोलार्क दुबे अपर सत्र न्यायाधीश, प्रथम सह विशेष न्यायाधीश ने मामले सभी पक्षों की सुनवाई करते हुए सिद्ध दोषी बंधन उराँव को
(1) सिद्ध दोष जनित अपराध भादवि की धारा 376-ए बी बलातसग के लिए मृत्यु दण्ड की सजा एवं दस हजार रुपया अर्थ दण्ड से दण्डित किया । अर्थ दण्ड की राशि अदा नहीं करने पर पर दोष सिद्ध अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा ।
( 2) सिद्ध दोष जनित अपराध भादवि की धारा - 302 हत्या के लिए मृत्यु दण्ड की सजा एवम दस हजार रुपये का अर्थ दण्ड । अर्थ दण्ड की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा एवम गले मे फाँसी का फंदा लगाकर मृत्यपर्यन्त लटकाया जाय ।
( 3) अर्थ दण्ड की सम्पूर्ण राशि पीड़िता / मृतिका के परिवार को दिए जाएंगे ।
अभियोजन पक्ष की ओर से चम्पा कुमारी , विशेष अपर लोक अभियोजक ने बताया कि आज न्यायालय में पीड़िता के परिजनों को न्याय मिला है । इस तरह के फैसले आने से समाज मे एक अच्छा संदेश जाएगा ।
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