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आमलाबाद जलमिनार से पानी की सप्लाई बंद, ग्रामीणों में मची हाहाकार, पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन

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Published : Feb 14, 2020, 9:12 PM IST

बोकारो के चंदनकियारी स्थित आमलाबाद जलापूर्ति योजना बंद होने से ग्रामीणों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. जलापूर्ति बाधित होने से क्षेत्र के चार पंचायतों के लगभग पांच हजार की आबादी के सामने पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे आक्रोशित महिलाओं ने शुक्रवार को जल मिनार के समझ विरोध प्रदर्शन किया.

Resentment among villagers due to shutdown of water supply in bokaro
पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन

बोकारो: जिले के चंदनकियारी अंतर्गत आमलाबाद स्थित जलापूर्ति योजना से पिछले दो दिनों से पानी आपूर्ति नहीं हो रही है. इस कारण चार पंचायतों के लगभग पांच हजार की आबादी के सामने पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे आक्रोशित महिलाओं ने शुक्रवार को जल मिनार के समझ विरोध प्रदर्शन किया.

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चंदनकियारी के आमलाबाद जलापूर्ति योजना से पानी आपूर्ति नहीं होने के कारण चार पंचायत पानी की किल्लत झेल रहे हैं. विभागीय लापरवाही के कारण उत्पन्न हुई स्थिति के कारण ग्रामीण आक्रोशित हैं. शुक्रवार को 4 पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि के अलावा कई ग्रामीण जल मीनार के पास पंहुचकर प्रदर्शन करते हुए जलापूर्ति ऑपरेटर को घेर जोरदार हंगामा किया. साथ ही 24 घंटे के अंदर पानी की आपूर्ति नहीं करने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

करोड़ों की योजना सालभर में ही फेल

आमलाबाद जलापूर्ति योजना की शुरुआत साल 2018 के मई महीने में बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया था. उस समय ग्रामीणों को लगा था कि अब गर्मी के मौसम में दामोदर नदी के किनारे बसे गांवों में पेयजल के लिए लोगों को संघर्ष नहीं करना पड़ेगा, लेकिन किसको पता था कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण जलमीनार से आपूर्ति बंद हो जाएगा. साल 2018 में इस योजना को करीब 12 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी. जलापूर्ति के एवज में ग्रामीण हर महीने 62 रुपए पानी का बिल भी देते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी विभाग की ओर से करीब डेढ़ साल के बाद 12 लाख का बिजली बिल थमाकर पानी की सप्लाई बंद कर दिया, जबकि जलमिनार का निर्माण कार्य पूर्ण होने के 2 साल बाद तक संवेदक को ही शुद्ध पानी की आपूर्ति करनी हैं.

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उचित संसाधन नहीं होने से बंद है जलापूर्ति

इस सबके बीच इसके संवेदक योजनस्थल से फरार हैं. ऐसे में जब ग्रामीण ऑपरेटर से पानी छोड़ने की बात कहते हैं तो ऑपरेटर असित कुमार शेखर ने ऐसा करने से अपना हाथ खड़ा कर लेता है. ऑपरेटर ने बताया कि विभाग और संवेदक की ओर से फिटकिरी और फिल्टर करने वाली सामग्री उपलब्ध नहीं कराने के कारण जलापूर्ति बाधित है.

फरवरी से ही घटने लगता है जलस्तर

दामोदर नदी किनारे बसे गांवो में फरवरी महीने से जलस्तर नीचे चला जाता है. जिसके कारण फरवरी से लेकर जून, जुलाई तक पेयजल की काफी किल्लत हो जाती है. इस समस्या से निदान पाने के लिए चंदनकियारी के वर्तमान विधायक सह सूबे के पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी के प्रयास से 12 करोड़ रुपए की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया था, लेकिन इस बहु आयामी योजना से पानी आपूर्ति नहीं हो रहा है. इसको लेकर मुखिया लक्ष्मी देवी के नेतृत्व में कई ग्रामीण और जलसहियाओं ने जलमीनार के समक्ष प्रदर्शन किया है.

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