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मेहनत से रोशन होंगे घर! दीपावली में घूमने लगे कुंभकारों के चाक, विदेशी लाइट्स की जगह दीयों के इस्तेमाल की अपील

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 4, 2023, 12:04 PM IST

Updated : Nov 4, 2023, 7:06 PM IST

दीपावली की तैयारी जोरों पर है, कुम्हार दीये बनाने में जुट गए हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस साल उनकी दीपावली भी रोशन होगी. वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि विदेशी झालरों और लाइटों की जगह मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करें. Diwali 2023.

potters making lamps for Diwali 2023
potters making lamps for Diwali 2023

दीपावली में घूमने लगे कुंभकारों के चाक

बोकारो: दीपावली नजदीक आते ही कुम्हार दीये बनाने में जुट गये हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी दिवाली भी रोशन होगी. सेक्टर 9 और दुंदीबाग में कई कुम्हार अपने चाक से मिट्टी को दीये को आकार दे रहे हैं. चास समेत अन्य इलाकों में भी दीया बाजार सजने लगा है. चीनी सामान का बहिष्कार इन कुम्हारों की उम्मीदों को और बढ़ा रहा है.

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मिट्टी का दीया जलाने की परंपरा: दिवाली के त्योहार पर घर को मिट्टी के दीयों से रोशन करने की परंपरा सदियों पुरानी है. इसका अपना महत्व भी है. ऐसे में दिवाली नजदीक आते ही कुम्हार दीये बनाने में जुट गए हैं. माता-पिता के साथ-साथ उनके बच्चे भी मिट्टी के दीये, बर्तन, खिलौने, घरौंदे बनाने में मदद कर रहे हैं. कोई मिट्टी गूंथने में व्यस्त है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी के बर्तनों को आकार दे रहे हैं.

विदेशी लाइट्स और झालरों ने ली जगह: आधुनिकता के इस दौर में दीया की जगह बिजली की झालरों ने ले ली है. ऐसे में कुम्हारों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है. चाइनीज झालरों ने इन कुम्हारों को और नुकसान पहुंचाया है. इसके चलते साल भर इस त्योहार का इंतजार करने वाले कुम्हारों की दिवाली में अब पहले जैसी रौनक नहीं रह गई है.

स्वदेशी चीजें अपनाने की अपील: कुम्हारों की अपील है कि इस दिवाली भी लोगों को मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कुम्हारों को अपनी परंपरा को बचाए रखने में मदद मिल सके. कुम्हार दिन भर मिट्टी को पानी में भिगोकर रखते हैं और सुबह चाक पर रखकर उसे गढ़ते हैं. दीये बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि पिछली दिवाली पर मिट्टी के दीये की बिक्री अच्छी हुई थी. जिससे मुनाफा भी अच्छा हुआ. इस बार भी कुम्हार लोगों से यही अपील करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों को स्वदेशी पर ध्यान देना चाहिए और मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि कुम्हार को अपनी परंपरा को बचाने में फायदा हो सके.

Last Updated : Nov 4, 2023, 7:06 PM IST
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