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नेपाल सरकार भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए प्रयासरत

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By PTI

Published : Nov 5, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Nov 5, 2023, 1:09 PM IST

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत बचाव कार्य जोरों पर है. हालांकि दूर दराज के इलाकों में स्थिति भयावह है. सरकार हर संभव पीड़ितों की सहायता के लिए प्रयासरत है. Nepal earthquake updates

Nepal govt scrambles to rush aid to quake victims
नेपाल सरकार भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए प्रयासरत

नेपाल में भूकंप के बाद का हाल

काठमांडू: नेपाल के अधिकारियों ने रविवार को भूकंप से प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाने की कोशिश की. नेपाल में शुक्रवार देर रात को आए विनाशकारी भूकंप में कम से कम 157 लोगों की मौत हो गई. हिमालयी राष्ट्र के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में विनाशकारी भूकंप के निशान दूर से ही दिखाई दे रहे हैं.

भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 500 किमी पश्चिम में जजरकोट जिले में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले दर्ज किया गया था. भूकंप के कारण पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों घर नष्ट हो गये, कई लोगों को शनिवार की रात खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी. इस त्रासदी में मारे गए कुल 157 लोगों में से अब तक 120 के शव परिवार वालों को सौंप दिए गए हैं.

भूकंप में लगभग 253 लोग घायल हो गए, जो 2015 के बाद से देश में सबसे विनाशकारी है. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' भूकंप से बचे लोगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज पर निर्णय लेने के लिए कैबिनेट बैठक कर रहे हैं. सरकार ने शनिवार को कहा कि वह पश्चिमी नेपाल, विशेषकर जजरकोट और पश्चिमी रुकुम जिलों में आए विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर राहत, बचाव कार्यों तथा राहत वितरण और अन्य रसद के प्रबंधन के लिए विदेशी मदद लेने की जल्दी में नहीं है.

आपदा के बाद नेपाल के निकटतम पड़ोसियों, भारत, चीन और अमेरिका ने रसद के साथ सहायता की पेशकश की है. वहीं, देश में बचाव दल भेजकर पीड़ितों की तलाश की है. प्रचंड ने शनिवार को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कहा, 'हमने विदेशी सहायता स्वीकार करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है.'

भूकंप के बाद का भयावह दृश्य
भूकंप के बाद का भयावह दृश्य

उन्होंने कहा कि उन फैसलों के लिए रविवार सुबह कैबिनेट की बैठक होगी. फिर हम राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाएंगे. सरकार ने शनिवार शाम को कंबल, कपड़े और खाद्य सामग्री जैसी राहत सामग्री रविवार से भेजने का फैसला किया. विभिन्न एजेंसियों द्वारा दान की गई राहत सामग्री का वितरण भी किया जाएगा. स्थानीय सरकारी अधिकारियों का कहना है कि आपदा से निपटने के लिए अपर्याप्त साधन के कारण शनिवार सुबह स्थिति अराजक थी.

जजरकोट में सहायक मुख्य जिला अधिकारी हरिश्चंद्र शर्मा ने कहा कि कम संसाधनों वाला और खराब सुविधाओं वाला जिला अस्पताल में स्थिति खराब है. अस्पताल में बड़ी संख्या में पीड़ितों से निपटने के लिए मानव संसाधन और उपकरण दोनों का अभाव है. उन्होंने कहा कि काठमांडू और सुरखेत से अधिक डॉक्टरों और मेडिकल टीमों के पहुंचने से स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गई है.

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आपदा में अपने घर खोने के बाद लोग खुले आसमान के नीचे ठंड में रहने को मजबूर हैं. उन्हें राहत सामग्री प्रदान करना हमारा प्रमुख फोकस होना चाहिए. शर्मा ने कहा, 'हम इस आशय से काम कर रहे हैं. जाजरकोट के मुख्य जिला अधिकारी सुरेश सुनार ने पुष्टि की है कि भूकंप पीड़ितों के लिए बचाव अभियान पूरा हो चुका है और राहत वितरण रविवार से शुरू होगा.'

Last Updated : Nov 5, 2023, 1:09 PM IST
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