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धोनी का शहर स्मार्ट कम डर्टी ज्यादा! हर दिन बिना ट्रीटमेंट नदियों में गिरता है नाले का गंदा पानी

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Published : Mar 16, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 8:20 AM IST

water of drain falls into river without treatment
water of drain falls into river without treatment

झारखंड की राजधानी रांची को लोग धोनी के शहर के नाम से भी जानते हैं. रांची को स्मार्ट सिटी के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. लेकिन यहां सीवेज और नदियों की हालत बेहद खराब है. सीवर का पानी बिना ट्रीटमेंट के ही नदियों में डाली जाती है. इसके अलावा नदियों के सौंदर्यीकरण की भी स्थिति खराब है.

रांची: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी के शहर रांची के चौक चौराहों पर रमणीक रांची और छोटे-छोटे पौधों के बीच वेलकम टू रांची लिखा बोर्ड एक आकर्षण पैदा करता है. रांची को स्मार्ट सिटी के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. पर क्या वास्तव में रांची रमणीक है? शहर की नदियों का हाल और शहर के ढलान वाले इलाकों से निकलने वाले नाले बताते हैं कि इस शहर की स्थिति क्या है.

राजधानी रांची में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 5 वर्ष पहले कार्य योजना तैयार हुई और करीब 80-85 करोड़ भी खर्च कर दिए गए. लेकिन ये योजना धरातल पर कम और फाइलों में ज्यादा दिखती रही. जो काम हुआ भी वह नदियों के सौंदर्यीकरण के नाम पर इतने छोटे स्तर पर हुआ कि वह नाकाफी ही साबित हुए. काम के नाम पर कुछ वार्डो में सीवरेज पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन अब वह भी बेकार ही हैं. आज भी नाले का लाखों क्यूसेक गंदा पानी हर दिन नदी में बिना ट्रीटमेंट के ही गिरता है.

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सीवरेज का गंदा पानी पर्यावरण के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी खतरा: रांची के स्वर्णरेखा नदी की सहायक हरमू, जुमार और अन्य नदियों में गंदे नाले का पानी बिना ट्रीटमेंट के गिरने से हालात खराब हुए हैं. रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान के प्रोफेसर डॉ नितीश प्रियदर्शी कहते हैं कि बिना ट्रीटमेंट के नाले का गंदा पानी स्वर्णरेखा के सहायक नदियों में डालने के बाद ये पानी डैम में जाता है, ऐसे में भले ही जलापूर्ति से पहले डैम के पानी को साफ कर दिया जाता हो पर लेकिन फिर भी पानी की क्वालिटी खराब हो ही जाती है, इसी तरह भूगर्भ जल भी इससे गंदा यानी प्रदूषित हो रहा है.

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रांची की बदहाली के लिए आरोप प्रत्यारोप: रांची के राजधानी बने 20 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद सीवरेज सिस्टम नहीं बन पाने का पूरा दोष रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह के मत्थे मढ़ते हुए झामुमो नेता महुआ माजी कहती हैं कि उनके नगर विकास मंत्री होते हुए भी रांची की स्थिति नारकीय ही रही. वहीं, झामुमो के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता सीपी सिंह कहते हैं कि दूसरों को दोष देने की प्रवृति बढ़ी है, जबकि मंत्री रहते उन्होंने ईमानदारी से सीवरेज एंड ड्रेनेज सिस्टम के लिए प्रयास किया था. सीपी कहते हैं कि अब तो नगर विकास विभाग खुद मुख्यमंत्री के जिम्मे है. ऐसे में अगर शहर की स्थिति सुधर जाती है तो वह खुद राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के बावजूद वह मुख्यमंत्री को माला पहनाएंगे.
Last Updated :Mar 17, 2022, 8:20 AM IST
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