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रिम्स का नवनिर्मित शवगृह पिछले तीन वर्षों से पड़ा है बेकार, मुर्दाघर को चूहों ने बनाया अपना घर

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Published : Apr 16, 2019, 3:48 AM IST

रिम्स अस्पताल

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बना नया शवगृह बेकार पड़ा हुआ है. पिछले तीन वर्षों से बंद पड़े रहने के कारण नए शवगृह के सभी उपकरण बेकार हो गए हैं. कई वर्षों से बंद रहने के कारण कई उपकरणों में जंग भी लग गए हैं और काम करना भी बंद कर दिया है. वर्षों से बंद पड़े नवनिर्मित शवगृह में लगे डीप फ्रीजर और अत्याधुनिक उपकरण में चूहों ने अपना घर बना लिया है.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बना नया शवगृह बेकार पड़ा हुआ है. इसमें लगे लाखों के अत्याधुनिक उपकरण बेकार हो रहे हैं. लगभग तीन वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से बनाया गया था मुर्दाघर. लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रशासन द्वारा इसकी सुध नहीं ली गई है.

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मुर्दाघर तक पहुंचने में होती है परेशानी
इसको लेकर हमने जब रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि रिम्स के पीछे वाले इलाके में बना यह नया मुर्दाघर आज भी इसलिए बंद पड़ा है क्योंकि इस नवनिर्मित शवगृह तक पहुंचने के लिए अब तक पहुंच पथ नहीं बन पाया है. जिस कारण इस नवनिर्मित शवगृह तक जाना संभव नहीं हो पाता है.

जल्द चालू करने का प्रयास
जिसको लेकर रिम्स के निदेशक डीके सिंह के द्वारा कुछ दिन पूर्व निरीक्षण भी किया गया था और उच्च अधिकारी को इसकी सूचना दी गई है, ताकि जल्द से जल्द अत्याधुनिक उपकरणों से लैस नया मुर्दाघर सुचारू रूप से चालू हो सके.

कई उपकरणों में लगे जंग
जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों से बंद पड़े रहने के कारण नए शवगृह के सभी उपकरण बेकार हो गए हैं. कई वर्षों से बंद रहने के कारण कई उपकरणों में जंग भी लग गए हैं और काम करना भी बंद कर दिया है.

शव गृह में चूहे ने बना लिया है अपना घर
वर्षों से बंद पड़े नवनिर्मित शवगृह में लगे डीप फ्रीजर और अत्याधुनिक उपकरण में चूहों ने अपना घर बना लिया है. शव गृह के आस-पास जंगल होने के कारण चूहे लगातार मुर्दाघर में लगे उपकरणों को बर्बाद कर रहे हैं.

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पुराने मुर्दाघर में खराब पड़े हैं कई उपकरण
बता दें कि जहां करोड़ों की लागत से बना नवनिर्मित शव गृह बेकार पड़ा है. जिस कारण अभी भी पुराने मुर्दे घर में लगा खराब डीप फ्रीजरों में ही शवों को रखे जाते हैं. लावारिस शव होने के कारण कई शवों को कई दिनों तक रखना पड़ता है और डीप फ्रीजर के खराब होने की वजह से शव असहनीय दुर्गंध करने लगते हैं. जिस कारण पोस्टमार्टम परिसर में मौजूद लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Intro:रांची
हितेश
special report

note:- यह ख़बर पूरी पैकेज फॉर्मेट और वॉइस ओवर के साथ में गई है। कृपया कर देख लें।

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बना नया शव गृह आज बेकार पड़ा हुआ है। इसमें लगे लाखों के अत्याधुनिक उपकरण बेकार हो रहे हैं।

रिम्स में नया मुर्दाघर लगभग 3 वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से बनाया गया था लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रशासन द्वारा नहीं ली जा रही है उसकी कोई सुध।

पहुंच-पथ नहीं होने की वजह से मुर्दा घर तक पहुंचने में होती है परेशानी।
इसको लेकर हमने जब रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि रिम्स के पीछे वाले इलाके में बना यह नया मुर्दाघर आज भी इसलिए बंद पड़ा है क्योंकि इस नवनिर्मित शव गृह तक पहुंचने के लिए अब तक पहुंच पथ नहीं बन पाया है। जिस कारण इस नवनिर्मित शव गृह तक जाना संभव नहीं हो पाता है। जिसको लेकर रिम्स के निदेशक डीके सिंह के द्वारा कुछ दिन पूर्व निरीक्षण भी किया गया था और उच्च अधिकारी को इसकी सूचना दी गई है ताकि जल्द से जल्द अत्याधुनिक उपकरणों से लैस नया मुर्दाघर सुचारू रूप से चालू हो सके।





Body:वहीं मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि पिछले 3 वर्षों से बंद पड़े रहने के कारण नया शव गृह के सभी उपकरण बेकार हो गए हैं। कई वर्षों से बंद रहने के कारण कई उपकरणों में जंग भी लग गए हैं और काम करना भी बंद कर दिया है।

नवनिर्मित शव गृह में चूहे ने बना लिया है अपना घर:-
वर्षों से बंद पड़े नवनिर्मित शव गृह में लगे डीप फ्रीज़र और अत्याधुनिक उपकरण में चूहो ने अपना घर बना लिया है। शव गृह के आस-पास जंगल होने के कारण चूहे लगातार मुर्दाघर में लगे उपकरणों को बर्बाद कर रहे हैं।
पुराने मुर्दाघर में खराब पड़े हैं कई उपकरण, जिस कारण मुर्दा घर में रखे शव से आते हैं असहनीय दुर्गंध:-
गौरतलब है कि जहां करोड़ों की लागत से बना नवनिर्मित शव गृह बेकार पड़ा है जिस कारण अभी भी पुराने मुर्दे घर में लगा खराब डीप फ्रीज़रो में ही शवों को रखे जाते हैं, लावारिस शव होने के कारण कई शवों को कई दिनों तक रखना पड़ता है और डीप फ्रीजर के खराब होने की वजह से शव असहनीय दुर्गंध करने लगते हैं। जिस कारण पोस्टमार्टम परिसर में मौजूद लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:गौरतलब है कि लगभग 3 वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से बना नया मुर्दाघर बनने के बावजूद भी आज पुराने मुर्दे घर में ही लावारिस शवों को रखे जाते हैं मसलन नए मुर्दे घर में करोड़ों खर्च लगने के बाद भी पुराने मुर्दे घर में ही शवों को रखना कितना सही है?

यह कहीं ना कहीं रिम्स प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और लापरवाही को दर्शाता है।

ईटीवी भारत के लिए हितेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट।
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