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हॉर्स ट्रेडिंग मामले में रांची सिविल कोर्ट का फैसला, पीसी एक्ट जोड़ने का केस विजिलेंस कोर्ट को रेफर

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Published : Jun 10, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Jun 10, 2021, 1:13 PM IST

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रांची सिविल कोर्ट

11:38 June 10

संजय कुमार विद्रोही का बयान

रांचीः राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग मामला 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, उनके सलाहकार अजय कुमार और तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता की मुश्किलें बढ़ सकती है. न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की कोर्ट ने पीसी एक्ट मामले की सुनवाई के लिए विजिलेंस कोर्ट को रेफर कर दिया है.

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पीसी एक्ट जोड़ने संबंधी आवेदन पर रांची सिविल कोर्ट के ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट चतुर्थ अनुज कुमार की अदालत ने ऑर्डर दिया है. पूर्व सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट की धारा जोड़ने का फैसला स्पेशल कोर्ट से दिया जाएगा. 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले के जांच अधिकारी की अदालत में दायर पीसी एक्ट जोड़ने के मामले पर पिछली सुनवाई के बाद रांची सिविल कोर्ट ने अपना फैसला 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा. आईओ के आवेदन पर बहस हुई. अदालत ने पिछले सुनवाई के फैसले को सुरक्षित रख लिया था और इसके लिए आज की तारीख निर्धारित की गई थी.

बढ़ सकती है आरोपियों की मुश्किलें

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेड्रिंग मुकदमे में ट्रायल फेस करना पड़ सकता है. मामले के जांच अधिकारी ने मामले में पीसी एक्ट की धाराओं को जोड़ने की अर्जी अदालत में दी है. उस अर्जी में प्राथमिकी आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार का नाम है. साथ में अप्राथमिकी आरोपी के रूप में रघुवर दास को नामजद किया गया है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मामले में पीसी एक्ट के साथ रघुवर दास का नाम भी केस में जुड़ जाएगा. जैसे ही मामले में पीसी एक्ट जुड़ेगा, मामले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. पीसी एक्ट लगते ही आरोपियों को निचली अदालत से राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है.

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क्या है मामला

2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था. साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी. इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अब 2021 में पीसी एक्ट लगते ही यह मामला एसीबी कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा.

पहले भी जुड़ चुका है पीसी एक्ट

एडीजी अनुराग गुप्ता से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का मुद्दा गरम है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व सीबीआई के साथ राज्य पुलिस पीसी एक्ट जुड़वा चुकी है. सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव 2012 में वोट के बदले नोट मामले में आरोपी आरके अग्रवाल के खिलाफ पीसी एक्ट एक साल बाद जुड़वाया था. पूर्व मेयर रमा खलखो से जुड़े वोट के बदले नोट के मामले में पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई थी. साथ ही 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले नोट के मामले में भी पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई.

Last Updated :Jun 10, 2021, 1:13 PM IST
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