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झारखंड में प्री-मॉनसून की दस्तक, किसानों को खेती की तैयारी करने की सलाह

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Published : May 14, 2021, 10:37 PM IST

Pre-monsoon knocked in Jharkhand
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय

झारखंड में प्री-मॉनसून ने दस्तक दे दी है. इसको लेकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किसानों को खेती की तैयारी शुरू करने की सलाह दी है.

रांचीः पिछले एक पखवाड़े से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कहीं छिटपुट, तो कहीं अच्छी वर्षा हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में मौसम ऐसे ही बने रहने की संभावना है. बीएयू के कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह इसे झारखंड के करीब सभी जिलों में प्री-मानसून का दस्तक बताया है.

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कुलपति का कहना है कि इस समय खेतों की मिट्टी में पर्याप्त नमीं मौजूद है. प्री-मानसून की इस बारिश से किसानों को लाभ उठाना चाहिए. इस समय किसानों को अपने खाली पड़े खेतों की जुताई शुरू कर देनी चाहिए. वर्षा जल संचयन के लिए डोभा का निर्माण करनी चाहिए. फल या लकड़ी के पौधे लगाने के लिए गढ्ढों की खुदाई करें. मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद वाली फसलों की बुआई करनी चाहिए.

खेती के लिए आदर्श मौसम- कुलपति

कुलपति बताते हैं कि इस समय खेतों में मौजूद नमी आगामी खरीफ फसलों खेती की तैयारी के लिए आदर्श स्थिति है. किसानों को आगामी खरीफ फसल के लिए खेतों तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. कुलपति ने कहा कि प्रदेश के किसानों को इस समय टांड़, दोन बनाकर खेतों में बढ़िया से मेढ़ बांधने और उसके बाद खेतों की 2-3 गहरी जुताई करने की जरूरत है. इसे अपनाने से खेतों में खर-पतवार नियंत्रित हो सकेगा और खेतों में मौजूद कीड़े–मकोड़े एवं विभिन्न रोगों के विषाणु नष्ट होंगे. इससे खरीफ फसलों की खेती लागत कम किया जा सकेगा.

खेतों में दवा के छिड़काव की सलाह
उन्होंने खेत में लगी फसलों की निकाई–गुड़ाई करने का सुझाव दिया, ताकि खेतों मिट्टी में नमी ज्यादा दिनों तक नमी बरकरार रहे. उन्होंने कहा कि इस समय खेतों में लगे लत्तरदार सब्जियों में फल लगना शुरू हो गया हो तो, नीम से बना कीटनाशी जैसे अचुक/नीमेरीन/नीमेसिडीन में से किसी एक दवा का 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर मौसम साफ रहने पर छिड़काव करनी चाहिए. कुलपति ने रोपा धान के खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों को खेतों में हरी खाद वाली फसल जैसे ढैंचा व सनई की बोआई 20-25 किलो प्रति एकड़ बीज की दर करने की सलाह दी.

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