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सावन में बाबा नगरी में उमड़ेगी भक्तों की भारी भीड़, पुलिस मुख्यालय ने तैयार किया सुरक्षा का ब्लूप्रिंट

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Published : Jun 28, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 8:15 PM IST

Shravani Mela in Deoghar
Shravani Mela in Deoghar

देवघर में दो साल के बाद श्रावणी मेला आयोजित होने जा रहा है. इसलिए माना जा रहा है कि इसबार करीब 50 से 60 लाख श्रद्धालु देवघर पहुंचेंगे. इसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं, श्रद्धालुओं को किसी अन्य तरह की परेशानी ना हो इसके लिए भी तैयारी की जा रही है.

रांची: बाबा नगरी देवघर में पूरे दो साल बाद सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने वाली है. कोविड संक्रमण की वजह से पिछले दो साल शिव भक्त बाबा की नगरी नहीं पहुंच पाए थे. लेकिन इस बार श्रावणी मेले का भव्य आयोजन होने वाला है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 50 से 60 लाख के बीच श्रद्धालु देवघर पहुंचेंगे. यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय की तरफ से श्रावणी मेले को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रहीं हैं.

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श्रावणी मेले को देखते हुए सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं को किसी अन्य तरह की दिक्कत ना हो उसके भी उपाय किए जा रहे हैं. देवघर की सुरक्षा को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है. श्रावणी मेले की सुरक्षा को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से 10 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. इसमे आईपीएस अफसर, डीएसपी, इंस्पेक्टर, दरोगा से लेकर जमादार भी शामिल रहेंगे.

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सुरक्षा आकलन किया गया: श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय में तैयारियों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि वर्तमान समय में जिस तरह की सुरक्षा देवघर में चाहिए उसका आकलन किया गया है. सुरक्षाबलों की कितनी जरूरत पड़ेगी इसकी सूचना पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करवा दिया है. आईजी अमोल होम कर के अनुसार झारखंड पुलिस के सभी विंग जहां-जहां से पुलिस अधिकारी और कर्मी देवघर भेजे जाने हैं उन्हें संस्थानों के द्वारा मेले को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी. उसके बाद ही उनकी तैनाती देवघर में होगी. खासकर व्यवहार को लेकर पुलिस कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है.



अफसर और कर्मियों को मेडिकली फिट होना होगा: आईजी होमकर के अनुसार श्रावणी मेले के दौरान पुलिसकर्मियों को बेहद कठिन ड्यूटी करनी होती है. ऐसे में वैसे ही अफसरों और कर्मियों को देवघर में तैनात किया जाएगा जो मेडिकली फिट हों. इसके लिए भी मुख्यालय ने निर्देश जारी किया है. वहीं पुलिस मुख्यालय वैसे अधिकारियों को मेले में ड्यूटी में वरीयता देगा जो पूर्व में देवघर में अपनी ड्यूटी बेहद उम्दा तरीके से निभा चुके हैं.


सीसीटीवी के साथ अस्थाई कंट्रोल रूम का निर्माण: श्रावणी मेले को लेकर देवघर में लगभग 1200 सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं, कुछ कैमरे पहले से ही लगे हुए थे. शहर के विभिन्न स्थानों में अस्थाई कंट्रोल रूम भी बनाए जा रहे हैं, जहां से पूरे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग की जाएगी. मुख्यालय की तरफ से यह भी निर्देश दिया गया है कि मेला शुरू होने से पहले सीसीटीवी से पूरे शहर की निगरानी की व्यवस्था हो जानी चाहिए. वहीं जिस स्थान पर काफी अधिक भीड़ होती है वहां अतिरिक्त ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे.

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सादे लिबास में भीड़ पर निगाह रखेंगे अफसर: आईजी अभियान अमोल होम कर के अनुसार पुलिस मुख्यालय के द्वारा पांच हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे जिस पर लोग फोन कर पुलिस से सहायता ले सकते हैं. इसके अलावा सादे लिबास में भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा ताकि सूचना संकलन बेहतर तरीके से किया जा सके. उम्मीद जताई जा रही है कि श्रावणी मेले के दौरान हर दिन लगभग एक से डेढ़ लाख लोग बाबा भोलेनाथ को जल अर्पण करने आएंगे. ऐसे समय में पॉकेटमार और उचक्के शहर में सक्रिय हो जाते हैं. चोर-उच्चकों पर नकेल कसने के लिए अलग से प्लानिंग की गई है. देवघर और दुमका पुलिस को यह भी हिदायत दी गई है कि उनके यहां जो भी छिनतई गिरोह है उनपर कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाएं.



क्या है पुलिस की तैयारिया: श्रावणी मेले के दौरान बाबा बैजनाथ धाम देवघर, बासुकीनाथ धाम दुमका के साथ रेल धनबाद में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की जाएगी. झारखंड पुलिस मुख्यालय में श्रावणी मेले को लेकर हर दिन मंथन किया जा रहा है. आकलन किया गया है कि इस बार के श्रावणी मेले में काफी भीड़ उमड़ेगी. भीड़ को संभालने, व्यवस्थित तरीके से जल अर्पण करवाने और बाबा नगरी पहुचने वाले भक्तों की सुरक्षा को लेकर मुख्यालय स्तर से तैयारियां की गई. डीआईजी ने देवघर और दुमका एसपी के साथ बैठक की है. कितने सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे इसका भी प्लान तैयार कर लिया गया है.

कैसे होंगे सुरक्षा इंतेजाम: श्रावणी मेले की सुरक्षा के लिए है जो खाका तैयार किया गया है उसके अनुसार डीएसपी स्तर के लगभग 70 अफसरों की तैनाती की जाएगी. मेला के लिए देवघर और दुमका में 20 ओपी और 14 अस्थायी यातायात ओपी बनाए जा रहे हैं. यातायात के लिए विशेष व्यस्था की जा रही है. मेला शुरू होने से पहले यातायात को लेकर रूट चार्ट जारी किया जाएगा. देवघर में बनने वाले अस्थाई ओपी का प्रभार डीएसपी स्तर के अधिकारियों के जिम्मे होगा. डीएसपी स्तर के अधिकारियों के प्रभार वाले सभी ओपी क्लस्टर की तरह काम करेंगे, जहां पुलिसकर्मियों के साथ साथ बिजली, सड़क, परिवहन, चिकित्सा समेत अन्य विभागों के पदाधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति होगी.


कितने पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती: पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस बार श्रावणी मेले की सुरक्षा की जिम्मेदारी दस हजार पुलिसवालों के जिम्मे होगी. पुलिस मुख्यालय से निगरानी के लिए अलग टीम रहेगी. जानकारी के अनुसार इस बार देवघर में 160 इंस्पेक्टर, 1200 दरोगा जमादार, 1000 के लगभग सशस्त्र बल, चार हजार से ज्यादा पुरूष और महिला लाठी बल और 1500 के करीब होमगार्ड तैनात रहेंगे.

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रैफ, एनडीआरएफ के साथ बीडीएस की टीम भी रहेगी तैनात: हर बार की तरह इस बार भी श्रावणी मेले की सुरक्षा को लेकर झारखंड पुलिस के जवानों के अलावा रैफ, एनडीआरएफ के साथ साथ झारखंड जगुआर के बीडीएस टीम को भी तैनात किया जाएगा. श्रावणी मेले में अधिकांश श्रद्धालु रेलमार्ग से आते हैं. इसमें में जसीडीह रेलवे स्टेशन पर डीएसपी स्तर के अधिकारी की विशेष प्रतिनियुक्ति की जा रही है. महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अधिक संख्या में महिला पुलिस पदाधिकारी और महिला आरक्षियों की प्रतिनियुक्ति करने का भी प्लान किया गया है.

कांवड़िया पथ को कराया गया अतिक्रमण मुक्त: बाबा धाम की अलौकिक कांवर यात्रा बिहार के भागलपुर जिले से शुरू होती है. इस यात्रा का एक बड़ा हिस्सा करीब सौ किलोमीटर बिहार में पड़ता है और इसके बाद करीब पंद्रह किलोमीटर झारखंड में आता है. परंपरा के अनुसार शिवभक्त भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी में स्नान करते हैं और बाबा अजगैबीनाथ की पूजा कर यात्रा का संकल्प लेते हैं. वे गंगा जल को दो पात्रों में लेकर एक बहंगी में रख लेते हैं, जिसे कांवड़ कहा जाता है. कांवड़ लेकर चलने वाले शिवभक्त कांवड़िये कहलाते हैं. बता दें कि दो साल से कोरोना के कारण श्रद्धालुओं के कांवड़िया पथ से न गुजरने के कारण बहुत से लोगों ने पर अतिक्रमण कर लिया है, जिसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कई जगहों पर कांवड़िया पथ को अतिक्रमण मुक्त करवाया है. कई जगहों पर बुलडोजर भी चलवाया गया.

बासुकीनाथ में पूरी होती है यात्राः बाबा धाम में कांवड़ियों की यात्रा पूरी नहीं होती. देवघर के बाद शिवभक्त 45 किलोमीटर दूर दुमका के बासुकीनाथ मंदिर जाते हैं और दूसरे पात्र का जल भगवान शिव को चढ़ाते हैं. मान्यताओं के अनुसार बाबा धाम भगवान शिव का दीवानी दरबार है और बासुकीनाथ मंदिर में भगवान का फौजदारी दरबार लगता है. बासुकीनाथ के दर्शन के बाद ही कांवड़ियों की अलौकिक यात्रा पूरी होती है.

सभी रूट लाइन का किया गया है भौतिक निरीक्षण: संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में जानकारी दी कि एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले के शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में योजनाबद्ध तरीके से तैयारी की जा रही है. देवघर और बासुकीनाथ के मंदिर तक पहुंचने वाले सारे रूट लाइन, सारे चेक प्वाइंट का भौतिक रूप से निरीक्षण किया गया है. एक-एक जगह की बारीकियों का विश्लेषण किया गया है कि कहां किस तरह से सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा. डीआईजी ने कहा कि उनका उद्देश्य यह होगा कि दूरदराज से जो भी शिव भक्त देवघर पहुंचे उन्हें जलार्पण करने में किसी तरह की कोई समस्या न हो. वे शांतिपूर्ण ढंग और बिना किसी परेशानी के पूजा अर्चना कर सकें.

44 अस्थाई ट्रैफिक और पुलिस पोस्ट : डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने यह अहम जानकारी दी कि श्रावणी मेले के दौरान देवघर में 11 ट्रैफिक पोस्ट और 21 पुलिस पोस्ट अस्थाई रूप से कार्य करेंगे. जबकि बासुकीनाथ में छह ट्रैफिक पोस्ट और छह पुलिस पोस्ट बनाए जा रहे हैं. इन सभी जगहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात होंगे और इनका कार्य मंदिर के साथ-साथ सारे रूट लाइन और अन्य जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करना होगा.

मेट्रो के तर्ज पर होगी शीघ्रदर्शनम के लिए एंट्री: अब शीघ्रदर्शनम के कुपन खरीद कर दर्शन करने की इच्छा रखने वालों को ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बाबा मंदिर में शीघ्रदर्शनम यानी वीआईपी पूजा के लिए बने एंट्री प्वाइंट में खास बदलाव किए गए हैं. यहां पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए मेट्रो की तर्ज पर 8 गेट बनाए गए हैं. जहां से, भक्त आसानी से शीघ्रदर्शनम की लिए प्रवेश कर सकते हैं.

शिवगंगा पर लगाया जा रहा है 150 किलो का त्रिशूल, सेल्पी प्वाइंट को तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल: इस साल पवित्र शिवगंगा में भी कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. शिवगंगा के बीचो-बीच 150 किलो के एक त्रिशूल की स्थापित किया जा रहा. जिसका इस्तेमाल बाबाधाम आकर शिवगंगा में स्नान करन वाले भक्त सेल्फी प्वाइंट के तौर पर भी कर सकेंगे और अपने साथ देवनगरी की यादें भी तस्वीर की शक्ल में समेटकर अपने साथ ले जा सकेंगे.

Last Updated :Jun 28, 2022, 8:15 PM IST
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