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झारखंड की रेल परियोजनाओं पर ग्रहण! लेवी के लिए धमका रहे नक्सली संगठन

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Published : Dec 4, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 6:17 PM IST

झारखंड की रेल परियोजनाओं पर ग्रहण लग रहा है. सूबे को देश के अन्य राज्यों से जोड़ने के लिए कई रेल परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें से कई रेल परियोजनाओं में नक्सली संगठन बाधा बन रहे हैं. ऐसे में इन रेल परियोजनाओं के समय पर पूरा होने में मुश्किलें आ रही हैं.

Naxalites are creating problems
Naxalites are creating problems

रांची: झारखंड की रेल परियोजनाओं पर ग्रहण लग रहा है. झारखंड की अन्य राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी हो इसके लिए कई रेल परियोजनाएं चल रही हैं. जिनमें से कई रेल परियोजनाओं में काम बेहतर तरीके से हो रहा है, लेकिन कई में झारखंड में सक्रिय नक्सली और अपराधिक संगठन बाधक बने हुए हैं. कई जगह नक्सलियों के खौफ की वजह से काम भी बंद है. ऐसे में तय समय पर रेल परियोजनाओं का पूरा हो पाना मुश्किल लग रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी रेल परियोजनाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश जारी किए हैं.

सबसे ज्यादा पीएलएफआई कर रहा परेशान
रांची रेल मंडल के हटिया-बंडामुंडा सेक्शन में चल रहे रेलवे के काम को सबसे ज्यादा नक्सली संगठन पीएलएफआई ने बाधित किया है. लेवी की डिमांड को लेकर अक्सर पीएलएफआई नक्सली ठेकेदारों को धमकी देते हैं. जिसकी वजह से कई बार यहां काम ठप हो चुका है. रेलवे ठेकेदारों का कहना है कि संगठन लगातार उन पर बड़ी रकम रंगदारी के रूप में देने के लिए दबाव बना रहे हैं. दरअसल, रांची रेल मंडल के हटिया बंडामुंडा सेक्शन के तहत आने वाले कोयल नदी पर 218 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन पीएलएफआई की वजह से बार-बार यहां काम बंद हो जाता है. खौफ का आलम ये है कि ठेकेदार रेल प्रशासन को लेटर तो लिखते हैं लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार करते हैं. उन्हें डर है कि अगर वे अपनी बातें मीडिया के सामने लाएंगे तो नक्सली आगे चलकर उनके काम में बाधा तो डालेंगे ही उनकी जान को भी खतरा हो सकता है.

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पीएलएफआई का प्रभाव वाले इलाके में काम करना मुश्किल
झारखंड के कर्रा, बानो, पोकला, लोधमा और गोविंदपुर रोड से होकर गुजरने वाली रेल परियोजनाएं पीएलएफआई के रहमों करम पर हैं. दरअसल इन इलाकों में पीएलएफआई का वर्चस्व है. यहां संगठन लेवी वसूलने के लिए खासा बदनाम रहा है. पहले कई बार लेवी नहीं मिलने पर रेलवे साइट पर हमला किया गया है. यही वजह है कि ठेकेदार दहशत में हैं. जय शिव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, साहिल प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड एमपीएल-बीसीपीएल, त्रिवेणी एंजिकान और मेगेटिया कंट्रक्शन के ठेकेदारों से रंगदारी की मांग की गई है.

संगठित गिरोह भी कर रहे हैं काम को प्रभावित
एक तरफ नक्सली है तो दूसरी तरफ संगठित आपराधिक गिरोह दोनों रेलवे प्रोजेक्ट के लिए चुनौती बने हुए हैं. रेलवे प्रोजेक्ट के लिए काम कर रही कंपनी अशोका बिल्डकॉन पर पुलिस मुख्यालय के संज्ञान के बावजूद फायरिंग की घटना हो गई थी. 5 अक्तूबर को जेल में बंद गैंग्स्टर अमन साव के गुर्गों ने ही अशोका बिल्डकॉन की हुसैनाबाद स्थित साइट पर हमला किया था. हमले में इंजीनियर वीरेंद्र कुमार घायल हो गए थे. इससे पहले अमन साव के गुर्गों ने 8 जुलाई को पलामू के मोहम्मदगंज में अशोका बिल्डकॉन की साइट पर भी फायरिंग की थी. कंपनी जपला से गढ़वा तक रेलवे की तीसरी लाइन बिछा रही है. 8 जुलाई की वारदात के बाद पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया था. एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर ने तब मामले में पलामू डीआईजी और एसपी से जांच कर विस्तृत रिपोर्ट और कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन इसके बावजूद भी कंपनी के साइट पर हमला हो गया.

झारखंड में चल रही हैं एक दर्जन से ज्यादा रेल परियोजनाएं
वर्तमान समय में झारखंड में कई रेलवे की परियोजनाएं चल रही हैं, इनमें कई परियोजनाएं कई वर्षों से चल रही हैं. झारखंड से ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के लिए नए सेक्शन का निर्माण और लाइन डबलिंग का कार्य जोर-शोर से चल रहा है. इन परियोजनाओं की लागत लगभग 35 हजार करोड़ करोड़ रुपए है. रांची रेल मंडल से अन्य राज्यों को जोड़ने वाली प्रमुख परियोजनाओं में हटिया और ओरगा सेक्शन में 1800 करोड़ रुपए से डबलिंग का काम किया जा रहा है. लोधमा-पिस्का के बीच रेल लाइन बिछाई जा रही है जिसकी दूरी लगभग 14 किलोमीटर है इसमें करीब 200 करोड़ रुपए की लागत आएगी. मुरी और बरकाकाना के बीच 58 किलोमीटर का निर्माण कार्य चल रहा है इसमें करीब 800 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके अलावा चक्रधरपुर मंडल, कोडरमा-गिरिडीह लाइन का विद्युतीकरण, कोडरमा-तिलैया-राजगीर रेल लाइन में चार बड़े टनल का निर्माण भी जारी है.

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सुरक्षा के लिए क्या किए जा रहे हैं बंदोबस्त
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार किसी भी विकास कार्य को नक्सलियों या फिर संगठित आपराधिक गिरोह के द्वारा बाधित नहीं होने दिया जाएगा. हाल के दिनों में कुछ संवेदक ओ को कुछ अपराधिक संगठनों के द्वारा धमकियां मिलने की बात सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कुछ अपराधियों को गिरफ्तार भी किया है. वहीं, नक्सल प्रभावित इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है ताकि कहीं भी कोई भी विकास का कार्य बाधित ना हो.

अभी एसपी को सुरक्षा उपलब्ध करवाने का निर्देश
आईजी अभियान के अनुसार वैसे सभी इलाके जहां विकास कार्य को प्रभावित किया जा रहा है. उन जिलों के एसपी को साइट पर सुरक्षा उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है. वहीं, एटीएस और सीआईडी की टीम भी अपराधियों का डाटा इकट्ठा कर रही है जो विकास कार्य को बाधित कर रहे हैं. आपराधिक संगठनों के खिलाफ एटीएस को लगाया गया है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 6:17 PM IST
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