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बदहाली में मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की दीदियां, सरकार से अब तक नहीं हुआ बकाए का भुगतान

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Published : May 13, 2021, 4:25 PM IST

Updated : May 13, 2021, 10:53 PM IST

मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र चलाने वाली दीदियों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. कोरोना काल के पहले लॉकडाउन में जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन कराने का पैसा सरकार ने अब तक भुगतान नहीं किया है.

Mukhyamantri Dal-Bhat Center operators going through financial crisis in Ranchi
मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र रांची

रांचीः पांच रुपये में दाल-भात-सब्जी खिलाने वाली मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की संचालक दीदियों को चार महीने की बकाया राशि के भुगतान का इंतजार है. लॉकडाउन में सरकार के आदेश के बाद लाभुकों को निःशुल्क भोजन कराने के एवज में ये रकम उन्हें सरकार से मिलना है. जो अब तक नहीं मिला है.

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अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के समय सरकार ने मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र में लाभुकों को फ्री में भोजन कराने का निर्देश दिया था. पांच रुपया प्रति लाभुक सरकार की खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से केंद्र की संचालिकाओं को इसका भुगतान होना था, पर ऐसा नहीं हुआ.

क्या कहती हैं भात-दाल केंद्र की संचालिका दीदियां

अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक सभी दाल-भात केंद्रों में लाभुक से बिना पांच रुपये लिए भोजन भी कराया गया. सरकार ने पहले चार महीने यानि अप्रैल से जुलाई तक का भुगतान केंद्र संचालकों को किया. उसके बाद अगस्त से नवंबर तक का भुगतान सरकार ने अब तक नहीं किया है.

पूर्ण रूप से महिलाओं के नेतृत्व में चलाई जा रही मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की दीदियां आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही हैं. श्रुति और ममता का कहना है कि चार महीने का बकाया भुगतान राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. क्योंकि सरकार की ओर से सिर्फ चावल 1 रुपये किलो, इसके साथ चना और सोया बड़ी ही मिलता है. जबकि मसाला, तेल, ईंधन सबकी व्यवस्था हमें खुद करनी पड़ती है. इस योजना के तहत लॉकडाउन 1 में भी लाभ लेने वाला ड्राइवर देवप्रकाश कहता है कि इस लॉकडाउन में भी सरकार मुख्यमंत्री दाल-भात योजना को फ्री कर दें.

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रांची के DSO ने साधी चुप्पी

रांची में ही ग्रामीण इलाकों में 30 और शहरी क्षेत्र में 11 मुख्य मंत्री दाल-भात केंद्र चल रहे हैं, जो पूर्ण रूप से महिलाओं की ओर से संचालित किए जाते हैं. सदर अस्पताल दाल-भात केंद्र की संचालिका श्रुति हो या फिर रिम्स दाल-भात केंद्र की ममता. सभी का यही कहना है कि जब भी अधिकारियों से बकाया भुगतान की बात करती हैं तो यही कहा जाता है कि जल्द पैसा मिल जाएगा. जब ईटीवी भारत की टीम ने पूरे मामले पर रांची के DSO से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया. यही हाल विभागीय मंत्री का भी रहा.

Last Updated : May 13, 2021, 10:53 PM IST
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