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बेहद डरावना था रांची में शुक्रवार का मंजर, अमन पसंद लोगों की वजह से बची 40 छात्रों की जान

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Published : Jul 8, 2019, 1:28 PM IST

राजधानी रांची में शुक्रवार का मंजर उन छात्रों के लिए बेहद खौफनाक था. जिनकी बस मॉब लिंचिंग के लिए निकाले गए जुलूस की भीड़ में फंस गई थी. वे छात्र इतने खौफजदा हो गए थे कि, उन्हें लगा कि उनकी जान नहीं बचेगी. लेकिन चंद अमन पसंद लोगों की वजह से उनकी जान बच गई.

उपद्रवियों ने बस पर किया पथराव

रांची: राजधानी के राजेंद्र चौक के पास अगर कुछ अमन पसंद लोगों ने साहस नहीं दिखाया होता, तो शायद रांची आज हिंसा की आग में जल रही होती. दरअसल, शुक्रवार शाम मॉब लिंचिंग का विरोध कर लौट रही भीड़ ने छात्रों से भरी एक बस पर हमला कर दिया. भीड़ में शामिल उपद्रवी बस को आग के हवाले कर देना चाहते थे. हालांकि कुछ अमन पसंद लोगों ने सामने आकर बस में बैठे 40 छात्रों की जान बचा ली.

वीडियो में देखें पूरी खबर

बातचीत में एक छात्र ने पुलिस को बताया कि बस में करीब 40 छात्र बैठे थे. सभी छात्र कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआइटी) के थे. डोरंडा कॉलेज में उनका सेंटर था. शाम करीब 5 बजे सभी छात्र बस में बैठकर डोरंडा राजेंद्र चौक होते हुए लौट रहे थे. इस दौरान उनकी बस भीड़ के बीच जाम में फंस गई. इस दौरान भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने अचानक उनकी बस पर हमला कर दिया. चारों ओर से पत्थर चल रहे थे. लाठी और डंडे से कांच फोड़कर लोग भीतर घुस रहे थे.

पत्थरों की बौछार के बीच सभी छात्र सीट के नीचे लेटकर अपनी जान बचा रहे थे. इस बीच शोर सुनाई दी कि बस में आग लगा दो. हालांकि एक बुजुर्ग आदमी बस में चढ़ गए और कहा कि अगर आग लगानी है तो मेरे साथ ही आग लगा दो.

इसके बाद अन्य अमनपसंद लोग भी वहां पहुंचे और उपद्रवियों से बचाते हुए बस को वहां से निकाला. इसके बाद छात्रों ने राहत की सांस ली. कई ने जीवन की उम्मीद छोड़ दी थी. छात्र ने बताया कि भीड़ के हमले से कई छात्र घायल हो गए. सभी को सीआइटी कॉलेज पहुंचाने के बाद ही इलाज कराया गया.

Intro:रांची के राजेंद्र चौक के पास अगर कुछ अमन पसंद लोगों ने साहस नहीं दिखाया होता तो शायद राजधानी रांची आज हिंसा की आग में जल रही होती। दरअसल शुक्रवार की शाम मॉब लिंचिंग का विरोध कर लौट रही भीड़ ने छात्रों से भरी एक बस पर हमला कर दिया था । भीड़ में शामिल उपद्रवी बस को आग के हवाले कर देना चाहते थे। लेकिन कुछ अमन पसंद लोगों ने सामने आकर बस में बैठे 40 छात्रों की जान बचा ली। इस हादसे में घायल हुए छात्रों ने जो कहानी बताई है वह अपने आप में बेहद खौफनाक है।


Body:डरावना था मंजर

बातचीत में एक छात्र ने पुलिस को  बताया है कि बस में करीब 40 छात्र बैठे थे। सभी छात्र कैंब्रीज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआइटी) के छात्र थे। डोरंडा कॉलेज में उनका सेंटर था। शाम करीब पांच बजे सभी छात्र बस में बैठकर डोरंडा राजेंद्र चौक होते हुए लौट रहे थे। उसी दौरान उनकी बस में भीड़ के बीच जाम में फंस गया। इस दौरान भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने अचानक उनकी बस में हमला कर दिया। चारों ओर से पत्थर चल रहे थे। लाठी और डंडे से कांच फोड़ की भीतर घुसाया जा रहा था। पत्थरों की बौछार के बीच सभी छात्र सीट के नीचे लेट कर अपनी जान बचा रहे थे। इसबीच शोर सुनाई दिया कि बस में आग लगा दो। सारे लोग उसी समुदाय के हैं, जो मॉब लिंचिंग करते हैं। 


Conclusion:बुजर्ग डटे तभी उपद्रवी हुए शांत 

इसबीच एक युवक बस में कुछ छात्रों से बातचीत कर उतरा और कहा कि छोड़ दो इसमें अपने समुदाय के छात्र भी हैं। दूसरी ओर से आवाज लगाई गई कि बस में आग लगा दो। इसबीच एक बुजुर्ग आदमी बस पर चढ़ गए और कहा कि अगर आग लगाना है कि तो मेरे साथ ही आग लगा दो। इसके  बाद अन्य अमनपसंद लोग भी वहां पहुंचे और उपद्रवियों से बचाते हुए बस को वहां से निकलवाया। इसके बाद छात्रों ने राहत की सांस ली। कई ने जीवन की उम्मीद छोड़ दी थी। छात्र ने बताया कि भीड़ के हमले से सुर्याप्रताप सिंह, अभिषेक बनर्जी सहित अन्य छात्र घायल हुए थे। सभी को सीआइटी कॉलेज पहुंचाने के बाद ही सभी का इलाज करवाया गया था। बस में हिन्दू, मुस्लिम, मिशनरी, आदीवासी सहित अन्य समुदाय के छात्र बैठे थे। 

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