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झारखंड हाई कोर्ट ने लगाया विनोबा भावे विश्वविद्यालय को 50 हजार का जुर्माना, गलत जानकारी देना पड़ा महंगा

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Published : Oct 17, 2020, 8:46 PM IST

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झारखंड हाई कोर्ट

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की नियुक्ति की मांग को लेकर डॉक्टर अनिल कुमार बासनी की याचिका पर सुनवाई हुई. गलत जानकारी देने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग को 50 हजार का जुर्माना लगाया है.

रांची: प्रोफेसर को प्रोन्नति देने के मामले में गलत जानकारी देने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग को 50 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही प्रोन्नति के लिए विश्वविद्यालय को सभी मूल प्रमाण पत्र जेपीएससी को भेजने का आदेश दिया है. जेपीएससी को अध्यक्ष के नियुक्ति के बाद 2 महीने में प्रोफेसर को प्रोन्नति देने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार
50 हजार का जुर्मानाझारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की नियुक्ति की मांग को लेकर डॉक्टर अनिल कुमार बासनी की याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विश्वविद्यालय के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद यह माना कि अदालत में विश्वविद्यालय की ओर से जो जानकारी दी गई थी वह गलत है. जिसके कारण उन्हें 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है.

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डॉक्टर अनिल कुमार बासनी ने की थी याचिका दायर
दरअसल, डॉक्टर अनिल कुमार बासनी ने प्रोन्नति की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. पूर्व में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उन्हें विश्वविद्यालय में अभ्यावेदन देने और विश्वविद्यालय को उनको आवेदन पर निर्णय लेकर लोक सेवा आयोग को भेजने और झारखंड लोक सेवा आयोग को निर्णय लेकर प्रोन्नति देने को कहा था और याचिका निष्पादित कर दी थी. अभ्यावेदन देने के बावजूद भी विश्वविद्यालय और जेपीएससी ने किसी प्रकार कोई कार्रवाई नहीं किया. जिस कारण फिर से याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

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