गढ़वा में कार्यरत विद्युतकर्मी विनोद कुमार की देवकमल हॉस्पिटल में मौत, भवनाथपुर बिजली एसडीओ पर लगा गंभीर आरोप

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Published : Oct 15, 2021, 9:36 PM IST

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गढ़वा में कार्यरत बिजलीकर्मी विनोद कुमार 12 अक्टूबर को ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए रांची के देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुक्रवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. घटना के बाद श्रमिक संघ और परिजनों ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर कई आरोप लगाए हैं.

रांची: गढ़वा के भवनाथपुर के विशनपुरा में कार्यरत बिजलीकर्मी विनोद कुमार की रांची के देवकमल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 12 अक्टूबर को विनोद कुमार बिजली का काम करने के दौरान हुए हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. देवकमल अस्पताल के निदेशक डॉ अनंत सिन्हा के अनुसार विनोद का शरीर 90% तक जल गया था और दो दिन पहले ही उसे देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.



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झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अजय राय ने बिशनपुरा पीएसएस भवनाथपुर गढ़वा में कार्यरत विद्युतकर्मी विनोद कुमार की मौत पर दुख जताया. वहीं उन्होंने आक्रोशित स्वर में कहा कि बिना पूरी ट्रेनिंग के बिजली विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बिजली के खतरनाक काम में लगा दिया था. उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच, बीसनपुरा क्षेत्र के बिजली एसडीओ सुभाष प्रसाद यादव पर कठोर कार्रवाई के साथ-साथ मृतक के परिजनों को मुआवजा और नौकरी की मांग की है. अजय राय ने बताया कि बीसनपुरा क्षेत्र के एसडीओ सुभाष प्रसाद यादव ने बिना किसी ट्रेनिंग के विनोद कुमार को काम पर रख लिया था. विनोद की मौत के बाद जब उसके परिजन भवनाथपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराने गए तो, उनका एफआईआर दर्ज नहीं की गई.

विद्युतकर्मी की मौत


पलामू जीएम और गढ़वा एसी पर फोन नहीं उठाने का आरोप


अजय राय ने कहा कि देवकमल हॉस्पिटल जाकर वहां के डॉक्टरों से मिलकर विनोद के हालात के बारे में जानने का प्रयास किया. साथ ही पलामू एरिया बोर्ड के जीएम संजय कुमार और गढ़वा के अधीक्षण अभियंता से भी बात कर उचित इलाज कराने की बात कही. लेकिन उनलोगों की तरफ से कोई संतोषजनक पहल नहीं हो पाई. आखिरकार विनोद ने दोपहर 2:30 बजे आखरी सांस ली. उन्होंने कहा कि हमने कई बार पलामू जीएम और गढ़वा एसी को फोन किया. लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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एसडीओ पर पैसे लेकर ड्यूटी पर लगाने का आरोप

विनोद के छोटे भाई शैलेश कुमार ने श्रमिक संघ को जानकारी दी कि पिछले 10 दिन पहले एसडीओ सुभाष प्रसाद यादव ने 150,000 रुपये विनोद से लेकर पीएसएस में रखा था और बिना किसी ट्रेनिंग कराए ही उनसे काम लेने लगा. इसी क्रम में यह दुर्घटना 12 अक्टूबर को हो गई. दुर्घटना के बाद विनोद कुमार के इलाज को लेकर जो सहयोग होना चाहिए था, वह कहीं दूर-दूर तक नहीं हुआ, उल्टा एसडीओ ने परिजनों का फोन उठाना भी बंद कर दिया.

परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग


अजय राय ने बताया कि देवकमल हॉस्पिटल के इलाज का खर्च नहीं चुका पाने के कारण बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा नहीं जा सका है. उन्होंने इस संबंध में झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी अविनाश कुमार को व्हाट्सएप मैसेज के जरिये सारी जानकारी उपलब्ध करा दी है. अजय राय ने कहा कि जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. पीड़ित परिवार के किसी एक व्यक्ति को नौकरी और मुआवजा दिलाए बिना श्रमिक संघ चुप नहीं बैठेगा.

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बकाया पैसे के लिए नहीं रोका गया है विनोद का शव- देवकमल अस्पताल

देवकमल अस्पताल के निदेशक डॉ अनन्त सिन्हा ने कहा कि यह बात पूरी तरह निराधार है कि बकाया पैसे के लिए विनोद का शव रोका गया है. उन्होंने कहा कि हाथ जला होने के कारण उसका आयुष्मान कार्ड नहीं बन रहा था. इसको लेकर उन्होंने खुद पहल कर आयुषमान कार्ड बनवा दिया था. विनोद के मामले में मेडिको लीगल केस होने के चलते शव को पुलिस ही ले जाएगी और इसके लिए स्थानीय पुलिस को जानकारी दे दी गई है.



बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने नहीं उठाए फोन

पूरे मामले पर बिजली विभाग का पक्ष जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने विभाग के कई अधिकारियों को फोन लगाया. लेकिन किसी ने फोन पिक नहीं किया.

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